कट्टरपंथी प्रचारक ज़ाकिर नाईक की अब खैर नहीं है। वुहान वायरस से उबरने के बाद बोरिस जॉनसन ने इस विषैले व्यक्ति के विरुद्ध युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। ब्रिटिश मीडिया के सुपरवाइजर माने जाने वाले ऑफकॉम ने ज़ाकिर नाईक की पीस टीवी और पीस टीवी उर्दू पर नफरत फैलाने के लिए तीन लाख ब्रिटिश पाउंड्स ( लगभग 3 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है।
ये चैनल इस्लाम के प्रचार के नाम पर भड़काऊ भाषण और कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए बदनाम थे। ऑफकॉम के बयान अनुसार-
“हमारे प्रसारण नियमों का उल्लंघन करने हेतु पीस टीवी और पीस टीवी उर्दू पर क्रमशः 2 लाख पाउंड और 1 लाख पाउंड का जुर्माना लगाया गया है। हमारी जांच में पता चला कि पीस टीवी उर्दू और पीस टीवी नफरत फैलाने वाला कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, जो जुर्म को बढ़ावा देते थे।”
ज़ाकिर नाईक भारत में भी इसी प्रकार के भड़काऊ बयानों को बढ़ावा देने हेतु जाना जाता था। 2016 में जनाब ने भारत से भागकर मलेशिया में शरण ली थी। तब से महोदय वहीं रह रहे थे, परन्तु भारत ने उसे पकड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना प्रारंभ कर दिया है।
ज़ाकिर भले ही मलेशिया में हो, पर वहां भी जनाब गैर मुस्लिमों के विरुद्ध विरुद्ध विष उगलने से बाज़ नहीं आते थे।
कुछ ही दिनों पहले इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक कह रहा था-
“मैं ये सुझाव देता हूँ कि सिर्फ मुस्लिम देश ही क्यों, भारत में भी जो गैर–मुसलमान इस्लाम पर उंगली उठाता है, तो उसका डेटाबेस तैयार किया जाना चाहिए। भारत में इस्लाम पर उँगली उठाने वाले मुख्य रूप से बीजेपी से जुड़े लोग हैं और उनमें से ज्यादातर लोग पैसे वाले हैं।”
इसके अलावा ज़ाकिर नाईक कह रहा था–
“मैं बताता हूँ कि ज्यादातर भारतीय नेताओं का पैसा यूएई, खाड़ी देशों में होता है और उनमें से विदेश दौरे पर जाने वाले आधा से ज्यादा लोग मुस्लिम देशों या खाड़ी देशों का दौरा करते हैं। मैं कुवैत के वकील को सलाह देता हूँ कि भारत में उन सभी गैर–मुस्लिमों का डेटाबेस तैयार करके कंप्यूटर में स्टोर कर लें। अगली बार जब भी वो किसी खाड़ी देश में आएँ, उन पर केस कीजिए और उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दीजिए।”
जाकिर नाइक का कहना है कि अगर 5 से 10 लोगों के साथ भी ऐसा किया जाए तो ज्यादातर लोग इस्लाम पर उँगली उठाना छोड़ देंगे। कम-से-कम 25% लोग तो डर ही जाएँगे और वो इस्लाम पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
यही नहीं, श्रीलंका ब्लास्ट्स का मास्टरमाइंड आतंकी मौलवी जहरान हाशिम भी नस्लवाद और इस्लामी वर्चस्व की विचारधारा को मानने वाला था। यूट्यूब वीडियोज के जरिए वह लोगों को भड़काता था। इमाम मौलवी ज़हरान हाशिम ने यूट्यूब पर कई ऐसे वीडियो भी पोस्ट किए थे, जिसमें उसे भड़काने वाली बातों का प्रचार प्रसार करते देखा गया था। ऐसे ही अपने एक वीडियो में कट्टरपंथी मौलवी ज़हरान हाशिम कहता दिख रहा है कि ज़ाकिर नाइक के लिए श्रीलंकाई मुसलमान क्या कर सकते हैं?
इस वीडियो के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि, ढाका में हुई गोलीबारी की घटना के बाद अब श्रीलंका ब्लास्ट्स में भी जाकिर नाइक का कनेक्शन है। ऐसा माना जा रहा है कि, आतंकी ज़हरान हाशिम ने जाकिर नाइक का नाम लेकर श्रीलंका के कुछ मुस्लिमों को बरगलाया और फिर उनके साथ मिलकर इस बड़े हमले को अंजाम दिया। बता दें कि, ज़हरान हाशिम कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला करने की फिराक में भी था लेकिन इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया।
गौरतलब है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 1 जुलाई 2016 को एक रेस्तरां में हुई गोलीबारी में 22 लोगों की हत्या हो गई थी। इस हमले में भी जाकिर नाइक पर आतंकवादियों को भड़काने का आरोप लगा था। जिसके बाद से ही नाइक के खिलाफ भारत और बांग्लादेश में जांच जारी है। ढाका हमले के बाद भारत सरकार ने उस पर शिकंजा कसा था लेकिन वो बच कर मलेशिया में जा छुपा। विदेश मंत्रालय ने नाइक का पासपोर्ट रद्द करने के बाद मलेशिया से उसे भारत प्रत्यर्पित करने को कहा है।
इस्लामिक कट्टरवाद से यूके खुद भी जूझ रहा है, और इसीलिए ज़ाकिर नाईक के विरुद्ध हुई कार्रवाई निस्संदेह एक सराहनीय कदम है। आशा करते हैं कि यह विषैला व्यक्ति जल्द हो कानून के शिकंजे में आए और भारतीय एजेंसी इसे सलाखों के पीछे भेज सके।