यदि आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, तो आपने गर्ग चटर्जी का नाम अवश्य सुना होगा। अक्सर हिन्दी विरोध और भारत विरोधी बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाली गर्ग चटर्जी ने इस बार सभी हदें पार करते हुए असम की शान माने जाने वाले अहोम वंश के लिए बड़े अपमानजनक शब्द कहे, जिसके लिए अब असम सरकार ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
स्वघोषित बंगाली राष्ट्रवादी ने हाल ही में अहोम वंश के संस्थापक सुकाफा के विरुद्ध बड़े अपमानजनक ट्वीट किए, जिसके जवाब में असम के मुख्यमंत्री सर्बानन्द सोनोवाल ने गर्ग चटर्जी के विरुद्ध कार्रवाई की स्वीकृति देते हुए अरेस्ट ऑर्डर जारी करवाया है। सर्बानन्द सोनोवाल के अनुसार, “असम जैसे समृद्ध और विविध राज्य के बारे में इस तरह के घटिया और ओछे बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट करना असम में अशांति फैला सकता है। ऐसे बयानों [गर्ग चटर्जी के ट्वीट्स] ने असम के स्थानीय समुदायों का अपमान किया है”।
आखिर गर्ग ने ऐसा क्या बोला कि सर्बानन्द सोनोवाल को स्वयं गर्ग चटर्जीको हिरासत में लेने का ऑर्डर जारी करना पड़ा? दरअसल, गर्ग चटर्जी ने ट्वीट किया, “सर्बानन्द सोनोवाल एक चीनी आक्रमणकारी का इतना गुणगान क्यों करता है? उल्फ़ा भी इस चीनी आक्रांता के तारीफ़ों के पुल बांधता फिरता है? क्या हिंदुस्तानियों को पता है कि उनके पैसों से भाजपा असम में एक चीनी आक्रांता के मूर्तियाँ लगवाता फिर रहा है”।
https://twitter.com/GargaC/status/1273517570256060416
बता दें कि सम्राट सुकाफा ने 13वीं शताब्दी में अहोम वंश की स्थापना की थी, जिनहोने असम राज्य पर लगभग 600 वर्ष तक शासन किया था। इसी अहोम वंश में वीर लाचित बोर्फुकान जैसे वीर योद्धा पैदा हुए थे, जिन्होंने औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को भी नाकों चने चबवा दिये थे। वीर सम्राट सुकाफा के योगदानों को सम्मान देते हेतु असम सरकार हर वर्ष 2 दिसंबर को असोम दिवस मनाती है।
अहोम समुदाय ने सनातन संस्कृति को न केवल गले लगाया, बल्कि उसे अपने जीवन में आत्मसात भी किया। इसी अहोम वंश के वीर लाचित बोर्फुकान ने औरंगजेब की विशालकाय मुग़ल सेना को धूल चटाई थी। उनके हेंग्डांग नामक तलवार के आगे बड़े से बड़ा शत्रु पराजय मानने को विवश हो जाता था, और उन्हीं के नेतृत्व में अहोम वंश ने अपनी नौसैनिक युद्धनीति के बल पर सराईघाट के युद्ध में मुगलों को बुरी तरह परास्त भी किया था।
हालांकि, ये पहली बार नहीं है, जब गर्ग चटर्जी ने इस प्रकार से गैर बंगाली समुदायों का अपमान किया हो। गर्ग का हिन्दी के प्रति घृणा किसी से नहीं छुपी है। पीएम मोदी को नीचा दिखाने के लिए यह व्यक्ति किसी भी हद तक जाने को तैयार है, चाहे इसके लिए अपने देश की संस्कृति का अपमान ही क्यों न करना पड़े। अक्सर ही ये गुजरातियों के विरुद्ध सोशल मीडिया पर विष उगलते नज़र आते हैं।
आम तौर पर गर्ग चटर्जी की इन हरकतों को अधिकांश सरकारें नज़रअंदाज़ करती आई है, पर असम सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया – हमारी संस्कृति का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में इस बड़बोले बुद्धिजीवी के विरुद्ध जिस प्रकार से असम सरकार ने कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं, वो अन्य राज्यों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है।