“हम जल्द ही तगड़ा comeback करने वाले हैं” Boycott China से Micromax, Lava को मिलेगा जीवनदान

मौका देखते ही भारतीय mobile कंपनियाँ उतरी मैदान में

Micromax

पहले कोरोना और अब भारत-तिब्बत बॉर्डर पर हिंसक मुठभेड़, चीन ने भारत के लोगों में गुस्सा भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यही कारण है कि अब भारत में Boycott China मुहिम ज़ोर पकड़ती जा रही है। Boycott China मुहिम अगर सफल रहती है, तो इसका सबसे ज़्यादा नुकसान चीन की मोबाइल कंपनियों को होगा, जो अभी भारत में हर साल अपने लाखों मोबाइल सेट्स बेचती हैं। बता दें कि चीन की मोबाइल फोन कंपनियां भारत के 70 प्रतिशत बाज़ार पर अपना कब्जा जमाके बैठी हुई हैं। Xiaomi, Realme, Vivo और Oppo जैसी चीनी कंपनियाँ सस्ते दामों पर ज़्यादा फीचर्स वाले मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के लिए भारत में बेहद लोकप्रिय हैं। हालांकि, Boycott China मुहिम के बाद जैसे ही भारत में चीनी कंपनियों का विरोध होना शुरू हुआ है, वैसे ही भारत की मोबाइल निर्माता कंपनियाँ दोबारा जोरदार comeback करने की तैयारी कर रही हैं। Micromax, Lava और karbonn जैसी भारतीय कंपनियां चीनी कंपनियों की तर्ज पर आधुनिक फीचर्स वाले मोबाइल फोन जल्द ही मार्केट में लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं।

दरअसल, हाल ही में ट्विटर पर Micromax ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि वह अभी बेहद कड़ा परिश्रम कर रही हैं और आने वाले कुछ दिनों में बढ़िया गुणवत्ता के मोबाइल फोन मार्केट में लाये जाएंगे। साथ ही कंपनी ने यह भी दावा किया है कि “ये मोबाइल प्रीमियम फीचर्स के साथ आएंगे और इनके दाम भी कम होंगे”।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि Micromax जून महीने में अपने तीन नए फोन लॉन्च कर सकती है, और इनकी कीमत 10 हज़ार रुपये से भी कम होगी। इसी तरह एक अन्य भारतीय कंपनी Karbonn भी सितंबर महीने में अपना नया मोबाइल फोन लॉन्च कर सकती है। Karbonn ने दावा किया है कि उसके मोबाइल फोन में निजी डेटा की सुरक्षा और निजता का खास ध्यान रखा जाएगा, जिसको लेकर चीनी कंपनियां अक्सर विवादों में आती रहती हैं।

इसी प्रकार भारत की अन्य मोबाइल कंपनी LAVA भी Boycott China को अवसर में बदलने की कोशिश कर रही है। Lava कंपनी भी जल्द ही अपने नए मोबाइल फोन लॉन्च करने वाली है। इन सब कंपनियों को चीनी कंपनियों ने पछाड़ दिया था। चीनी मोबाइल फोन ना सिर्फ फीचर्स में इनसे बेहतर थे, बल्कि उनके दाम भी कम थे। ऐसे में भारत की ये कंपनियां भारतीय बाज़ार से लगभग गायब हो गयी थीं। अब अगर ये कंपनियां अपने पुराने अनुभवों के आधार पर यूजर्स को ध्यान में रखते हुए बढ़िया गुणवत्ता के मोबाइल फोन बाज़ार में उतारती हैं, तो चीनी कंपनियों के मार्केट शेयर में बड़ी कमी देखने को मिल सकती है।

Boycott China मुहिम भारतीय मोबाइल कंपनियों के लिए किसी जीवनदान से कम नहीं है। एक तरफ जहां “वोकल फॉर लोकल” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसी मुहिम चलाई जा रही हैं, तो ऐसे में Micromax, lava और karbonn जैसी कंपनियाँ भारतीय बाज़ार पर अपनी पकड़ जमा सकती हैं। इसके साथ ही ये मोबाइल कंपनियाँ भविष्य में विदेशों में भी अपने फोन एक्सपोर्ट कर सकती हैं। ज़रूरत है तो बस इस मौके को सही से भुनाने की। अब देखना होगा कि भारतीय कंपनियाँ इस अवसर का फायदा उठाने में कितना सफल हो पाती हैं।

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