भारतीय सेना ने चीन को फोड़ा तो दुनिया ने कहा “भारतीय फौज ज़िंदाबाद”

भारत को मिला पूरी दुनिया से समर्थन!

भारत

सोमवार रात चीनी सेना की बर्बरता का सबसे घिनौना उदाहरण देखने को मिला, जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी  ने गलवान घाटी में एक भारतीय पेट्रोल पार्टी को घेरते हुए हमला किया और इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि 45 से अधिक चीनी सैनिकों को मार गिराया गया।  इस घटना से जहां देशभर में आक्रोश है, तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी भारत के समर्थन में सामने आया है। चीन को पाकिस्तान और अपने कुछ नागरिकों का समर्थन छोड़कर किसी भी राष्ट्र का समर्थन प्राप्त नहीं है। उधर वैश्विक समुदाय में अधिकांश देशों ने भारत का पक्ष लिया है, और #StandwithIndia ट्विटर पर वैश्विक रूप से एक लोकप्रिय ट्रेंड बन चुका है।

भारत को मिल रहे वैश्विक समर्थन का सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण आप ताइवान में ही देख सकते हैं। कल ताइवान के एक मीडिया आउटलेट ताइवान न्यूज़ ने एक स्टोरी प्रकाशित की, जिसका शीर्षक था “फोटो ऑफ द डे – भारत के राम ने चीन के ड्रैगन को मारा” इस लेख में ताइवान ने श्रीराम को चीनी ड्रैगन से लड़ते हुए एक फोटो प्रकाशित की है, जो रातों रात लोकप्रिय हो चुकी है।

पर ये वैश्विक समर्थन केवल ताइवान तक सीमित नहीं है। चीन को खरी खोटी सुनाते कई यूजर्स ने ट्विटर पर भारत को अपना समर्थन दिया है। कुछ यूजर पीएम मोदी के मुखर स्वभाव से काफी खुश हैं, जिन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत तनाव नहीं बढ़ाना चाहता है, पर ललकारे जाने पर वह पीछे भी नहीं हटेगा। उदाहरण के लिए हीरो हमाकावा नामक यूजर ने स्पष्ट लिखा “चीन ने गलत देश से पंगा ले लिया #StandwithIndia”.

https://twitter.com/hiro_hamakawa/status/1273257536934690816?s=19

https://twitter.com/MrQuietman/status/1273216046279716865?s=19

https://twitter.com/DVATW/status/1272974485189201923?s=19

 

अमेरिकी राजनयिक एलिस जी वेल्स के अनुसार, “देखिये, आपसी सामंजस्य बनाना बहुत आवश्यक है। बता दें कि जब बात भारत और चीन के समस्या की हो, तो अमेरिका निस्संदेह भारत का ही पक्ष लेगा”।

हाँग काँग के एक छात्र activist का मानना है कि चीन ने हमेशा अपने आप को एक गुंडे, रक्तपिपासु और एक सनकी राष्ट्र के तौर पर सिद्ध किया है। भारत, हाँग काँग और औस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों को चीन के विरुद्ध सशक्त होना चाहिए और चीन से मोर्चा संभालना चाहिए।

 

ऑस्ट्रेलिया ने भी इस विषय पर भारत का साथ दिया है। ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक बैरी ओ फ़ैरेल के अनुसार बीजिंग भारत और ऑस्ट्रेलिया की भांति नियमों के पालन में विश्वास नहीं करता।। उनका इशारा स्पष्ट रूप से चीन के दक्षिण चीन सागर में गुंडई को लेकर था, जो लद्दाख के परिप्रेक्ष्य में भी उचित है।

जब पूरा विश्व वुहान वायरस के कारण चीन से क्रोधित हुआ पड़ा है, तो ऐसे समय में इस कागजी ड्रैगन द्वारा भारत से पंगा लेना अब उसके लिए बहुत घातक सिद्ध होगा। चीन को अब समझ जाना चाहिए कि कोई भी देश अब उसका साथ देने को तैयार नहीं है, और यहाँ तक कि उसका सबसे भरोसेमंद मित्र पाकिस्तान भी इस समय भारत से पंगा मोल लेने का खतरा नहीं उठाएगा। जिस तरह से भारत को वैश्विक समर्थन मिल रहा है, उससे साफ सिद्ध होता है कि इस लड़ाई में वास्तव में पलड़ा किसका भारी है।

Exit mobile version