3 दिन बीते और लद्दाख में भारत की हार, भारत की जीत में बदल गयी

3 दिन में ज़िंदगी बदल गयी, जज़्बात बदल गए, हालात बदल गए!

भारत में एक विशेष वर्ग के लोगों में केंद्र सरकार की बुराई करना आदत बन चुकी है। मामला चाहे जो भी हो, इस विशेष वर्ग के लोग बिना सोचे समझे बोलने और अपनी राय देने में सबसे आगे रहते हैं। परंतु हर बार इन्हें मुंह की खानी पड़ती है और इनके द्वारा चलाया गया प्रोपोगेंडा औंधे मुंह गिरता है। इस बार जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव बढ़ा और दोनों देशों की सेना एक दूसरे के सामने आ खड़ी हुईं तब भारत की हार और चीन की जीत के दावे करने वाले एक्स्पर्ट्स भी तुरंत सामने आने लगे। परंतु जैसे जैसे खबरें सामने आती गईं वैसे-वैसे इस विशेष वर्ग द्वारा चलाया गया प्रोपोगेंडा भी धराशायी होता गया। आज भारत की जीत स्पष्ट दिखाई दे रही है और पूरा का पूरा नैरेटिव भारत के पक्ष में हो चुका है।

दरअसल, जब मई के शुरुआत में यह खबर आई कि चीन गलवान घाटी में LAC के साथ छेड़-छाड़ कर रहा है तब भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया था। सरकार अपने स्तर से कदम उठा रही थी तथा सेना ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए घाटी में चीन के बराबर ही सेना उतार दी लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोग थे जिन्होंने यह प्रोपोगेंडा फैलाया कि मोदी सरकार चीन के सामने नतमस्तक हो गयी है और चीन भारतीय सीमा में घुस चुका है। कांग्रेस के इकोसिस्टम के कुछ नामी सदस्य जैसे अजय शुक्ला लगातार इस तरह के दावे करते रहे। इस इकोसिस्टम द्वारा पीएम मोदी के नेतृत्व से लेकर निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठाए गए। परंतु आज इन सभी के प्रोपोगेंडे पर पानी फिर चुका है।

जब भारतीय सेना के 20 जवानों के वीरगती को प्राप्त होने की खबर आई तो ये लेफ्ट लिबरल गैंग सहानुभूति दिखाने की बजाए केंद्र सरकार पर दोगुने ताकत के साथ अपने प्रोपोगेंडा को फैलाने लगे और सरकार को चीन के सामने नीचा दिखाने लगे। रक्षा विशेषज्ञ  के नाम पर अजय शुक्ला ने जी-जान लगा कर झूठ फैलाया और यह साबित करने की कोशिश की कि चीन भारत की सीमा में प्रवेश कर चुका है।

वहीं कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड ने एक लेख प्रकाशित करते हुए उसकी हेडलाइन लिखी थी, क्या मोदी ने चीन को गलवान घाटी दे दिया, ट्विटर पर रक्षा विशेषज्ञों हैरान हैं।इस लेख में उन सभी को स्थान मिला था जो मोदी सरकार के खिलाफ डिफेंस एक्सपेर्ट बन कर प्रोपोगेंडा फैला रहे थे।

इस पूरे कबाल ने भारत सरकार के बयानों पर नहीं, बल्कि चीन की मीडिया की हर बात को माना और उसे ही साबित करने की कोशिश की। फ़ैक्ट चेकिंग के नाम पर भारत विरोधी प्रोपोगेंडा चलाने वाली कुछ वैबसाइट ने तो चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर को भी फ़ैक्ट चेक कर डाला और यह साबित करने की कोशिश की 43 चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबर झूठी है। इन प्रोपोगेंडावादी लोगों के कारण ही भारत में कई लोग यह मानने लगे थे कि 15 जून को हुई झड़प में चीन ने भारत का अधिक नुकसान किया था।

इसी तरह राजदीप सरदेसाई ने भी अपने शो के दौरान सरकार के उठाए गए कदमों को लेकर अपने ही साथी पत्रकार राहुल कंवल से बहस में भीड़ गए थे। राजदीप किस तरह से कांग्रेस की तरफदारी करते रहते हैं यह किसी से छुपा नहीं है इसलिए उन्होंने वही नैरेटिव बनाने की कोशिश की जो कांग्रेस कर रही थी।

कांग्रेस का इकोसिस्टम भारत के लोगों में ऐसी हिनभावना भर चुका है कि शुरुआत में तो कोई भी व्यक्ति यह विश्वास ही नहीं कर रहा था कि चीन को भारत से अधिक जान और माल का नुकसान हुआ है। जब NDTV ने यह खबर चलाई कि इस झड़प के दौरान चीन के कई अफसर सहित कमांडिंग ऑफिसर भी मारे गए थे, तब जा कर इस कबाल के लोगों को इस बात पर विश्वास हुआ। हालांकि, ANI ने इस खबर की पहले ही रिपोर्टिंग कर दी थी।

भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने की खबर के बाद ट्विटर पर #ChinaComesModiRuns, #ChinaComesIndiaRuns, #SurenderModi, #ModiBetrayedIndia जैसे हैशटैग भी चलाये गए जिससे यह स्पष्ट पता चलता है कि इस कबाल के दिमाग में भारत के प्रति कितनी नफरत भरी हुई है। इस हैशटैग से ट्वीट करने वालों के ट्वीट पढ़ कर ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन लोगों की वफादारी किस ओर है। परंतु अब जब से यह खबर आई है कि 16 बिहार के जवानों ने चीन की सीमा में घुस कर तांडव मचाया है तब से ही इस तरह के हैशटैग चलाने वाले शांत पड़ चुके हैं। जो लोग यह दावा कर रहे थे कि हजारों की संख्या में चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस चुके हैं वही लोग भारत को अधिक नुकसान होने की भी बात कर रहे थे। आज गलवान घाटी की सच्चाई सामने आने के बाद यह सब दावे खोखले पड़ चुके हैं और पाँच दिनों में ही पूरे देश में नैरेटिव इस प्रकार से बदला है कि ये सभी मुंह दिखाने लायक भी नहीं रहे। इन प्रोपोगेंडावादियों के पास किसी भी दावे का कोई सबूत नहीं है और सभी के दावे औंधे मुंह जमीन पर पड़े हैं। इससे यही साबित होता है कि प्रोपोगेंडावादियों का एक ही मकसद है और वह है भारत को बदनाम करना चाहे उसके लिए इन्हें कुछ भी करना पड़े।

 

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