हमारे वामपंथी बुद्धिजीवियों के लिए “ब्लैक लाइव्स मैटर” बहुत मायने रखता है, नस्लभेद और किसी भी प्रकार के भेदभाव पर इनकी आवाज़ सबसे पहले सुनाई देगी। परंतु जब कोई कट्टरपंथी मुसलमान या नक्सली किसी पर अत्याचार करता है, तो इन्हीं वामपंथियों को मानो साँप सूंघ जाता है। ऐसा ही कुछ एक बार फिर असम के गुवाहाटी शहर में देखने को मिला, जब एक 24 वर्षीय ऋतुपर्ण को दिन दहाड़े चाकू घोंपकर मार दिया गया।
असम के धेमाजी जिले से संबंध रखने वाले 24 वर्षीय ऋतुपर्ण पेगु को गुवाहाटी में नूनमती के पास एक दुकान के बाहर मार दिया गया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ऋतुपर्ण की पीठ में छुरा घोंपा गया था, परंतु उसके मृत शरीर और अन्य साक्ष्यों को देखते हुए ये बात स्वीकारना काफी मुश्किल हो जाता है। एक चित्र में दिखाया है की उसके गले में किसी प्रकार का काला कपड़ा बांधा गया है, मानो उसके गर्दन से बह रहे खून को रोकने के लिए ये तरीका अपनाया गया हो। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की ऋतुपर्ण की हत्या गर्दन रेते जाने के कारण हुई थी, जिससे कट्टरपंथी इस्लामिस्टों की भूमिका और अधिक स्पष्ट होती है।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है की हत्या का मूल कारण कुर्सी को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद था। हत्यारे की पहचान हुसैन अली के तौर पर हुई है। उसी सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि पहले पेगु के साथ धक्कामुक्की की गई, और उसके बाद उसपर चाकू से घातक हमला किया गया। पेगु दुकान के बाहर लड़खड़ाते हुए गिर पड़ा। ये घटना अरमान होम फरनिशिंग नामक दुकान के बाहर हुई थी। अभियुक्तों की पहचान दुलाल अली, इब्राहिम अली, मनुवरा खातून, हुसैन अली और अरमान अली के तौर पर हुई है। अरमान अली दुकान का मालिक है, जबकि हुसैन उसके यहाँ काम करने वाला एक कर्मचारी। पुलिस को अभियुक्तों की गिरफ्तारी में सीसीटीवी फुटेज के कारण काफी सहायता मिली थी –
Rituparna Pegu, youth from Silapathar, was stabbed in broad daylight at Guwahati market over an argument upon a chair. Hang those culprits ☠️#justice_for_Rituparna_Pegu
CCTV footage of the incident👇🏻 pic.twitter.com/w08jZOVSvB— Nippu Tayeng (@Nipputayeng) June 13, 2020
She need justice,She need your support.
Yday in broad daylight Rituparna Pegu, a Hindu Tribal boy killed by Hussain Ali & Arman Ali at Guwahati, Assam
The entire incident was captured in Shop's CCTV where Rituparna was working.#Justice4RituparnaPegu
https://t.co/8Nnj7KdiPA— Dharmendra Chhonkar (Modi Ka Parivar) (@yoursdharm) June 13, 2020
नॉर्थ ईस्ट नाऊ के रिपोर्ट की माने तो पांचों अभियुक्तों के विरुद्ध नूनमती पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 147, धारा 148, धारा 149 और धारा 302 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले का संज्ञान लेते हुए असम के मुख्यमंत्री सरबानन्द सोनोवाल ने सीआईडी इंवेस्टिगेशन की घोषणा की है। यही नहीं, स्थानीय भाजपा नेता सुरंजन दत्ता ने घोषणा की कि वे ऋतुपर्ण पेगु के नौ माह के बच्चे गेरी पेगु के लालन पालन और उसके संभावित शिक्षा का ख्याल रखेंगे।
हालांकि ये असम राज्य में अपनी तरह का पहला मामला भी नहीं है। पिछले माह ही सनातन डेका नामक व्यक्ति की हत्या सिर्फ इसलिए की गई थी, क्योंकि उसकी साइकिल गलती से फैजुल और लैज़ूल अली की बाइक से टकरा गई। इसके बाद तो दोनों के सिर पर खून सवार हो गया, और अपने साथियों के साथ मिलकर इन दोनों ने डेका को पीट पीटकर मौत के घाट ही उतार दिया।
अब कल्पना कीजिये, यदि ऋतुपर्ण के बजाए हुसैन अली या अरमान अली में से कोई मारा गया होता, तो क्या तब भी ये लिबरल ब्रिगेड ऐसे ही चुप रहती? इस घटना पर वामपंथी ब्रिगेड के मौन ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि आखिर क्यों वामपंथ हमारे देश में गंभीरता से नहीं लिया जाता। मीडिया को भी ऐसे कहानियाँ कवर करने में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं है। उनके लिए अमेरिका के अश्वेत समुदाय के लिए आवाज़ उठाना अधिक महत्वपूर्ण है, पर हिंदुओं की हत्या पर इनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलेगा, निंदा करना तो बहुत दूर की बात रही। इनके लिए हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार मानो घर की मुर्गी दाल बराबर समान है।