कहते हैं संदेह की दवा तो वैद्य के पास भी नहीं मिले। ये बात संजय राउत से ज़्यादा किसी पर फिट नहीं होती। हर बात में साजिश ढूंढने वाले संजय ने तो अब सोनू सूद को भी नहीं बख्शा हैं। जिस तरह से सोनू सूद ने अपने दम पर कई मजदूरों को उनके घर पहुंचा वाह वाही बटोरी, लेकिन इसके पीछे भी संजय राउत को भाजपा की राजनीति नजर आयी।
Sonu Sood is a good actor. There is a different director for movies, the work he has done is good but there is a possibility that there is a political director behind it: Sanjay Raut, Shiv Sena#Maharashtra pic.twitter.com/RVDzKOlp3m
— ANI (@ANI) June 7, 2020
संजय राउत की माने तो सोनू सूद को भाजपा महात्मा बनाना चाहती है। सामना में छपे उनके लेख के अनुसार “सोनू सूद कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में अचानक से सामने आए हैं। इस एक्टर ने लाखों प्रवासियों को उनके गृहराज्य भेजा और महाराष्ट्र के राज्यपाल उनके काम के लिए ‘महात्मा सूद’ कहते हैं। जब सरकार केंद्र और राज्य सरकार कुछ नहीं कर पा रही, तो लॉकडाउन के बीच सोनू सूद को बसें कहां से मिल रही हैं”?
इसी को कहते हैं खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। यदि खुद कुछ ना कर पाएं, तो जो वास्तव में अच्छा काम कर रहा है, उसे नीचा दिखाओ। संजय राउत के सामने तो आमिर सिद्दीकी की बकवास भी सयानी लगे। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान अभिनेता सोनू सूद ने अपने दम पर कई प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में सहायता की थी। इसके अलावा उन्होंने मजदूरों के लिए खाना पीना और आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं की भी पैरवी की थी, जिसके लिए उन्हें देश भर के लोगों से खूब प्रशंसा मिली।
https://twitter.com/KRforINDIA/status/1269548418503933954?s=20
Sonu sood single handedly did what their enitre MVA couldn’t do in 3 months. Hence their frustration is out in public. Shame on such people.
— Sumit Kadel (@SumitkadeI) June 7, 2020
लिहाजा, संजय राउत के इस ओछे बयान पर सोशल मीडिया पर भयंकर आक्रोश उमड़ पड़ा और सभी ने संजय राउत को उनके ओछे बयान के लिए आड़े हाथों लिया। आलोचनाओं के बाद उद्धव सरकार को खुद सोनू सूद के समर्थन में सामने आना पड़ा।
अभिनेता @SonuSood यांनी आज मातोश्री निवासस्थानी मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे आणि मंत्री @AUThackeray यांची भेट घेतली. यावेळी त्यांनी कोरोनामुळे उद्भवलेल्या परिस्थितीत सुरू असलेल्या मदतकार्याबद्दल चर्चा केली. यावेळी मंत्री @AslamShaikh_MLA उपस्थित होते. pic.twitter.com/cmHZItVvcs
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) June 7, 2020
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, “एक्टर सोनू सूद ने बहुत से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजकर अच्छा काम किया है। मैंने नहीं सुना कि संजय राउत साहब ने इस पर क्या कहा है। जो लोग अच्छी पहल करते हैं हम उनकी सराहना करते हैं भले ही वह सोनू सूद हो या कोई और”।
वैसे भी, संजय राउत को सोनू सूद पर निशाना साधने से पहले अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए, कि आखिर उनकी सरकार ने महाराष्ट्र के निवासी और प्रवासी मजदूरों के लिए क्या किया है। अगर आंकड़ों पर जाए, तो महाराष्ट्र में प्रतिदिन करीब 2500 केस बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मरीज मुंबई से सामने आए हैं। ताजा आंकड़ों के बाद मुंबई में अब कोरोना संक्रमित 46,080 हो गए हैं। यानि सिर्फ मुंबई में ही महाराष्ट्र के कुल मामलों का 51 प्रतिशत मामले सामने आये हैं। बावजूद इसके न तो मुंबई में पूरी तरह से लॉकडाउन लगा है और न ही पालन करवाया गया लेकिन फिर भी उद्धव ठाकरे फिल्म हस्तियों से अपना PR करवाते जरूर नजर आए। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार की लापरवाही को नजरअंदाज कर सोनू सूद के काम पर ही सवाल उठा रहे हैं।
संजय राउत उन लोगों में शुमार रहते हैं, जो ना खुद चैन से रहते हैं, और ना दूसरों को चैन से रहने देते हैं। ऐसे में अगर कोई दूसरों की मदद कर रहा है तो उनकी नजर में वो शिवसेना का नहीं होगा वो बीजेपी का होगा तभी मदद कर रहा है। अब संजय राउत जनता की भलाई के लिए सोचते तो उनको इस मदद ने राजनीति नजर नहीं आती।