एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है, तो वहीं साथ ही साथ दुनिया को चीन के आक्रामक रवैये को भी झेलना पड़ रहा है। हालांकि, एक जंग ऐसी है जिसपर दुनिया का ध्यान अब तक नहीं गया है। पिछले कुछ समय से ड्रैगन सोशल मीडिया पर जमकर अपने बोट्स के माध्यम से दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में दक्षिण कोरिया में भी ऐसा ही देखने को मिला जहां चीनी बोट्स ने विवादित पोस्ट्स डालकर दक्षिण कोरिया के यूजर्स में फूट डालने की कोशिश की। हालांकि, दक्षिण कोरिया के यूजर्स ने इन चीनी बोट्स को रंगे हाथों पकड़ लिया। अब दक्षिण कोरिया के एक सांसद ने चीनी बोट्स को काबू में करने के लिए कड़े social media कानून बनाने की बात कही है।
दरअसल, दक्षिण कोरिया में इस साल फरवरी में ही सोशल मीडिया पर चीनी बोट्स ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया था। तब एक चीनी मूल के दक्षिण कोरियाई नागरिक ने सोशल मीडिया पर यह खुलासा किया था कि चीन के लोग दक्षिण कोरिया की सोशल मीडिया पर कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंड को आगे बढ़ा रहे हैं। इसके बाद देखते ही देखते वह पोस्ट वायरल हो गयी थी। उसके बाद इस पोस्ट को चीनी बोट्स ने हाईजैक करने की कोशिश की। ये चीनी बोट्स अपने आप को चीनी नागरिक बताकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करने लगे। हालांकि, दक्षिण कोरिया के नागरिकों को उनपर शक हुआ तो उनहोंने इन चीनी बोट्स के साथ ही खेल कर दिया।
दक्षिण कोरिया के यूजर्स ने इन चीनी बोट्स के साथ “फ्री तिब्बत” और “ फ्री हाँग-काँग” से जुड़ी वेबसाइट्स के लिंक शेयर करना शुरू कर दिया। जब उन चीनी बोट्स ने इन वेबसाइट्स पर क्लिक किया, तो ये बोट्स बड़ी संख्या में “I am an individual” कमेन्ट करने लगे। दक्षिण कोरिया में “I am an individual” लिखना बेतुका माना जाता है, और उसका कोई मतलब नहीं बनता। यह पहला संकेत था कि ये लोग दक्षिण कोरियाई नहीं है, बल्कि ये लोग ऐसा झूठा दावा कर रहे हैं। ये चीनी बोट्स “I am an individual” वाक्य को संभवतः इसलिए इस्तेमाल कर रहे होंगे, क्योंकि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को ये संदेश देना चाहते होंगे कि वे उन प्रतिबंधित वेबसाइट्स पर गलती से चले गए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि उपर्युक्त वेबसाइट्स चीन में प्रतिबंधित हैं।
चीनी कम्युनिस्ट सरकार अक्सर इन बोट्स के माध्यम से विदेशों में उत्पात मचाने की कोशिश करती है। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के अखबार Sydney Herald ने यह दावा किया था कि चीनी सरकार ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक और व्यापारिक तंत्र पर अपना कब्जा जमाना चाहती है और इसके लिए वह सोशल मीडिया पर बोट्स का इस्तेमाल करने से भी नहीं घबराता है।
इसके अलावा हाल ही अमेरिका में हो रहे George Floyd दंगों में भी चीनी बोट्स ने बाद-चढ़कर हिस्सा लिया था। ये बोट्स ना सिर्फ अमेरिकी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं, बल्कि ये कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे को भी आगे बढ़ाते हैं। इसके अलावा चीन ने इन बोट्स को यूरोप में भी जमकर इस्तेमाल किया था। जब यूरोप के स्पेन और इटली जैसे देशों में कोरोना फैल रहा था, तो इन देशों में चीन ने अपने इन्हीं बोट्स को तैनात कर अपने पक्ष में हेशटैग ट्रेंड करवाए थे। उदाहरण के तौर पर 11 मार्च से लेकर 23 मार्च तक इटली में #forzaCinaeItalia बहुत ट्रेंड किया था । इस हैशटैग का अर्थ है “चीन और इटली, ऐसे ही साथ-साथ बढ़ते रहो”। बाद में यह सामने आया था कि इस हैशटैग के साथ किए गए लगभग आधे ट्वीट्स नकली बोट्स ने किए थे।
तब इसी तरह एक अन्य हैशटैग #grazieCina भी इटली में खूब ट्रेंड हुआ था, जिसमें इस हैशटैग के साथ किए गए लगभग 37 प्रतिशत ट्वीट्स बोट्स ने किए थे। #grazieCina का अर्थ होता है “धन्यवाद चीन”। चीन इटली को पैसों के बदले मास्क, वेंटिलेटर और टेस्टिंग किट बेचकर अपने आप को इटली का मसीहा सिद्ध करने की कोशिश में था, और इसमें वह इन ट्विटर बोट्स का सहारा ले रहा था।
दुनिया को कोरोना वायरस के साथ-साथ चीन की इस बोट आर्मी से भी सावधान होने की आवश्यकता है। चीन दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखलंदाज़ी करने के लिए भी किसी भी हद तक जा सकता है। चीन वैश्विक स्वतन्त्रता को खतरे में डालने का सबसे बड़ा दोषी है और इसके लिए इस देश की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।