भारत में कोरोना हार रहा है- एक्टिव मामले तेजी से कम हो रहे हैं, ये आंकड़े दिल को सुकून पहुंचाएंगे

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वुहान वायरस से लड़ाई में भारत के लिए एक सकारात्मक खबर सामने आई है। भारत में सक्रिय मामलों में बढ़ोत्तरी की संख्या अब मात्र 1.7 प्रतिशत हो चुकी है, और इसीलिए अब मामलों के दोगुने होने की दर 41 दिन तक बढ़ चुकी है। केस positivity रेट अधिकांश राज्यों में सिंगल डिजिट में ही है, बस दिल्ली और महाराष्ट्र में स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

टेस्टिंग की संख्या में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में भारत की टेस्टिंग capacity 1.9 लाख सैंपल पार कर चुकी है, और जल्द ही ये संख्या 2 लाख सैंपल प्रतिदिन के पार जा सकती है। कल जो 1.9 से अधिक सैंपल टेस्ट हुए थे, उनमें से मात्र 14516 पॉज़िटिव निकले, जिसका अर्थ है कि positivity रेट अभी भी सिंगल डिजिट में बरकरार है।

अगर रिकवरी की बात की जाये, तो पिछले 24 घंटों में 9 हज़ार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं, जिसमें राजस्थान की रिकवरी रेट सबसे बढ़िया हैं, और मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर  है।

अब तक भारत ने कुल 66 लाख से अधिक टेस्ट्स सुनिश्चित कराये हैं, जिनमें से 3.95 लाख मामले पॉज़िटिव आए हैं। इनमें भी 2.13 लाख लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, जबकि 1.68 लाख लोग अभी भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं, और लगभग 13000 लोगों की मृत्यु संख्या दर्ज हुई है।

इतना ही नहीं, 10 जून से लोगों के ठीक होने की संख्या एक्टिव मामलों की संख्या से ज़्यादा सामने आ रही है, और इसी कारण से कुल एक्टिव मामलों में बढ़ोत्तरी 5 प्रतिशत से नीचे ही रही है।

भारत में रिकवरी रेट अब 54 प्रतिशत के पार पहुँच चुकी है, जो अधिक मामलों वाले देशों के हिसाब से काफी बेहतर है। भले ही 13000 के करीब लोग मृत्यु चुकी हो, लेकिन ये भारत की जनसंख्या, उसके स्वास्थ्य प्रणाली और अन्य देशों के मृत्यु दर की तुलना में बहुत कम है। इसका श्रेय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उचित व्यवस्था को दिया है, जिसके कारण रिकवरी रेट में बढ़ोत्तरी हुई है, और मृत्यु दर में गिरावट दर्ज़ हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में जारी किए गए बयान में कहा है, “प्रतिदिन के आंकड़ों के हिसाब को देखते हुए हम ये कह सकते हैं कि सक्रिय मामलों और ठीक हो चुके लोगों की संख्या में काफी अंतर है। यह भारत की बेहतर तैयारी का ही परिणाम है जो ठीक हो रहे मरीजों की संख्या में ज़बरदस्त वृद्धि हो रही है”।

यदि रिकवरी रेट ऐसी ही रही, तो बहुत जल्द ही नए मामलों की संख्या में हमें गिरावट देखने को मिल सकती है, क्योंकि ठीक हो रहे मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों को आराम से पीछे छोड़ सकती है।

शामिका रवि के अपडेट्स के अनुसार इस ग्राफिक कर्व में आप साफ देख सकते हैं कि रिकवरी के मामले काफी ज़्यादा है, और भारत का कर्व flatten होने के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह कर्व जल्द ही नीचे जा सकता है। अब कहने को भारत अमेरिका, रूस और ब्राज़ील के बाद वुहान वायरस से सर्वाधिक ग्रसित होने वाला दुनिया का चौथा देश है, परंतु यदि आप रिकवरी रेट और मृत्यु दर पर ध्यान दे, तो हमारा देश उक्त देशों के अलावा यूके, इटली, फ्रांस, स्पेन और मेक्सिको से बहुत पीछे हैं।

सक्रिय मामलों में कमी का अर्थ है कि भारत को अब बेड्स या वेंटिलेटर के किल्लत की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इससे मृत्यु दर में भी गिरावट होगी, और आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। शामिका रवि और अन्य विशेषज्ञों के अनुसार भारत को लोगों की जानें बचाने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

COVID 19 से अपनी लड़ाई में भारत सही पथ पर अग्रसर है, बस मुंबई और दिल्ली जौसे कुछ शहरों में स्थिति को दुरुस्त करना पड़ेगा। केंद्र और राज्य सरकारों को ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे केन्द्रों पर विशेष ध्यान देकर उन्हे रिकवरी रेट को बढ़ाना पड़ेगा और नए मामलों की संख्या को कम करना पड़ेगा।

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