ज़ोमैटो एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। अभी कोलकाता में ज़ोमैटो के कई कर्मचारियों एवं डिलिवरी Boys ने बड़ी संख्या में अपने नौकरी से इस्तीफा देते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया, और अपनी ही कंपनी के टी शर्ट्स फाड़ फाड़कर जलाए। दक्षिण कोलकाता में स्थित बहला पुलिस थाना के सामने ज़ोमैटो के कर्मचारियों ने यह विरोध प्रदर्शन किया, और साथ में चीन विरोधी नारे भी लगाए, और ये भी कहा, “चीन के एजेंट ज़ोमैटो भारत छोड़ो!”
इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए एक प्रदर्शनकारी दीपांकर कांजीलाल ने बताया, “ज़ोमैटो ने चीनी कंपनी अलीबाबा के साथ सांठ-गांठ कर अपने ऑपरेशन चला रही है। आज हमने ज़ोमैटो को छोड़ दिया है और आशा करते हैं कि ग्राहक भी इसी तरह इस कंपनी का बहिष्कार करें”। प्रदर्शनकारियों ने ये भी बताया कि वे भूखे रह लेंगे, परंतु उस कंपनी के साथ कतई काम नहीं करेंगे, जो चीनी निवेश पर निर्भर हो। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने इसी परिप्रेक्ष्य में बताया “चीनी कंपनियां यहां से मुनाफा कमा रही हैं और चीन की सेना हमारे देश पर हमला कर रही है। वे हमारे भूमि पर कब्जा करना चाहती हैं, और ये हम होने नहीं देंगे”। ज़ोमैटो के पूर्व कर्मचारियों ने अन्य लोगों से आवाहन करते हुए कहा कि वे कहीं से भी ऑर्डर करें, पर ज़ोमैटो से नहीं।
While people are losing jobs all around, a group of #Zomato delivery boys in #Kolkata quit their job protesting against #Chinese investment in the company #IndiaChinaFaceOff #BoycottChineseProduct #BoycottMadeInChina pic.twitter.com/I0R6heusZO
— Indrajit Kundu | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) June 27, 2020
बता दें कि ज़ोमैटो में जिस कंपनी ने निवेश किया है, उसका नाम है एण्ट फाइनेंशियल, जो चीनी ई कॉमर्स कंपनी अलीबाबा से सम्बद्ध है। 2018 में एण्ट फाइनेंशियल ने ज़ोमैटो में 14.7 प्रतिशत का निवेश किया था, और अभी हाल ही में ज़ोमैटो को इसी कंपनी से अतिरिक्त धनराशि के तौर 150 मिलियन डॉलर प्राप्त हुए थे। ज़ोमैटो को बतौर एक स्टार्ट अप कंपनी के तौर पर पंकज चड्ढा और दीपेंदर गोयल ने प्रारम्भ किया था , जिसके हेडक्वार्टर हरियाणा के गुरुग्राम शहर में स्थित है।
ज़ोमैटो के विरुद्ध ये प्रदर्शन ऐसे समय में आया है जब 15 जून की रात को गलवान घाटी में चीन ने विश्वासघात करते हुए हमला किया था, और एक खूनी झड़प के कारण जहां 20 भारतीय सैनिक हुतात्मा हुए थे, तो वहीं चीन के भी 45 से ज़्यादा सैनिक मारे गए थे। इसके बाद से ही भारत में इस कायरना हमले के प्रति ज़बरदस्त आक्रोश उमड़ा हुआ है, और चीनी उत्पादों के बहिष्कार की भी मांगें उठती रही हैं। इसके कारण रियलमी से लेकर शाओमी जैसे कंपनी भी अपने आप को अधिक से अधिक भारतीय बनाने पर लगी हुई है, ताकि जनता के प्रकोप से वे बच सकें।
जब से चीन ने गलवान घाटी में हमला किया है, तभी से चीनी कंपनियां अपनी साख बचाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रही है। कोलकाता में ज़ोमैटो के कर्मचारियों द्वारा किया गया हमला ये सिद्ध करता है कि चीन के आर्थिक पहलू को चोट पहुंचाना भारतीयों के लिए बिलकुल भी कठिन नहीं होगा। यदि चीनी निवेश वाली भारतीय कंपनियों के साथ ये हाल है, तो सोचिए उन कंपनियों का क्या होगा, जो पूर्णतया चीनी है, और जिनकी आधे से अधिक कमाई भारत से होती है।