राजीव गांधी फाउंडेशन: चीन को मदद की, मेहुल चोकसी से मदद ली; ये संस्था नहीं, घोटाला था

कांग्रेस इकलौती ऐसी पार्टी होगी जो opposition में है, फिर भी घोटाले सामने आ रहे हैं

मेहुल चोकसी

PC: Best Hindi News

कांग्रेस और भ्रष्टाचार का मानो चोली दामन का साथ रहा है। कांग्रेसी भ्रष्टाचार में लिप्त न पाया जाये, ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला है। अभी राजीव गांधी फाउंडेशन के चीनी सरकार के साथ सांठ-गांठ के खुलासे को सुर्खियों में आए दो दिन भी नहीं हुए, कि एक और खुलासे ने कांग्रेस की काली करतूतों को जगजाहिर किया है। अब खबर आई है कि राजीव गांधी फाउंडेशन के वांछित अपराधी मेहुल चोकसी से भी तार पाये गए हैं। जी हाँ, वही मेहुल चोकसी, जो हीरा व्यापारी और भगोड़े अपराधी नीरव मोदी के चाचा हैं, और जिन्हें भगाने का आरोप कांग्रेस केंद्र सरकार पर लगाती हैं।

दरअसल, टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट अभी हाल ही में सामने आई है, जिसमें 2014 – 15 के बीच राजीव गांधी फाउंडेशन को Naviraj Estates Private Limited ने काफी डोनेशंस दिये थे। दिलचस्प बात यह है कि इस Naviraj कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में मेहुल चोकसी भी शामिल है, और राजीव गांधी फाउंडेशन ने ये भी नहीं बताया है कि उक्त कंपनी ने कितना धनराशि राजीव गांधी फाउंडेशन दान में दी थी।

बता दें कि 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में 14000 करोड़ रुपये के घोटाले की खबर सामने आई थी। दरअसल, इसमें से अधिकांश पैसा नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी पर बकाया था, और चुकाने के बजाए दोनों भाग निकले। दोनों उस समय भारत में नहीं थे, परंतु कांग्रेस ने ये प्रोपगैंडा फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि मोदी सरकार के कारण ही ये दोनों अपराधी भागे हैं, और इस घोटाले में मोदी सरकार का भी हाथ रहा है। फिलहाल, नीरव मोदी इस समय इंग्लैंड की एक जेल में बंद है, और मेहुल चोकसी का भी कभी न कभी भारत में प्रत्यर्पण हो सकता है।

इसके अलावा अभी इस महीने प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों ने हाँग काँग से करीब 2340 किलो के polished हीरे, मोती और अन्य आभूषणों को ज़ब्त किया है। इनकी कीमत करीब 1350 करोड़ रुपये और इनके स्वामी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ही हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में भाजपा के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने आरोप लगाया है कि नीरव मोदी के विरुद्ध 2015 में कर्नाटक में एक केस लंबित था, जब वहां कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन तब भी कोई चार्ज शीट दाखिल नहीं की गई थी। उन्होंने ये भी इशारा किया है कि कहीं मेहुल चोकसी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए तो राजीव गांधी फाउंडेशन को दान नहीं किया था।

वो कहते हैं न, चोर की दाढ़ी में तिनका, अर्थात जिसने चोरी की, वही सबसे अधिक हो हल्ला मचाता है। अभी हाल ही में कांग्रेस पार्टी के तार चीनी प्रशासन से पाये गए हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन को 2006 से 2009 के बीच चीनी प्रशासन से कई बार अनुदान मिला है। इतना ही नहीं, जिस पीएम केयर्स फंड की ट्रांसपरेंसी को लेकर कांग्रेस इतना हो हल्ला मचा रही थी, अब उसी के द्वारा प्रारम्भ हुए पीएम एनआरएफ़ फंड में वित्तीय अनियमितताओं के लिए उसे कठघरे में भी जल्द खड़ा किया जा सकता है।

अब मेहुल चोकसी के कांग्रेस पार्टी के साथ प्रत्यक्ष संबंध सामने आने से एक बार फिर सिद्ध हो चुका है कि कैसे कांग्रेस प्रारम्भ से ही भ्रष्टाचारियों का साथ देती आई है, और उनके भागने का ठीकरा वह भाजपा पर फोड़ती रही है। अब चूंकि पार्टी की करतूत सबके सामने आ चुकी है, इसलिए देखना यह होगा कि पार्टी आगे क्या एक्शन लेती है, जिसकी हाई कमान के स्वभाव को देखते हुए उम्मीद तो बहुत ही कम लगती है।

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