जब से गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच झड़प हुई है, तब से पूरी दुनिया की नज़रें इन दोनों देशों की गतिविधियों पर है, और पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है। पर पाकिस्तान की कुछ अलग ही वजह है। दरअसल, भारत चीन की तनातनी का फ़ायदा उठाते हुए पाकिस्तान आए दिन एलओसी पर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करता रहता है। पर भारत भी इसका मुंहतोड़ जवाब देता आया है, और पाकिस्तान को डर है की कहीं भारत एक बार फिर से पाकिस्तान पर वैसे ही धावा न बोल दे, जैसे पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी आतंकी शिविरों पर किया था।
यही कारण है कि पाकिस्तान के वर्तमान सैन्य प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने पाक के कब्जे वाले कश्मीर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ मुहम्मद नजीब नाकी खान को पत्र लिखकर आवेदन किया है की पीओके के अस्पतालों में 50 प्रतिशत बेड रिज़र्व कराये जाएँ, यदि भविष्य में कोई आपातकाल की स्थिति आ जाये।
टाइम्स् नाउ की रिपोर्ट के अनुसार जनरल बाजवा ने अपने पत्र में लिखा है, “इसे सुनिश्चित करें कि आज़ाद जम्मू और कश्मीर में 50 प्रतिशत हॉस्पिटल बेड आरक्षित रहें और आपातकालीन स्थिति के लिए ब्लड बैंक में आवश्यक रक्त की आपूर्ति भी बनी रहे”।
पर आखिर जनरल बाजवा को ऐसा पत्र लिखने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी? दरअसल, चीन और भारत के बीच की झड़प पर पाकिस्तान भी नज़र बनाए हुए है, और उसे भलीभांति पता है कि किसका पलड़ा भारी है, ऐसे में पाक बहुत घबराया हुआ है। हो भी क्यों न, जब भी बात युद्ध की आती है, तो सबको पता है कि भारत कैसे मुंहतोड़ जवाब देता है।
पिछले कुछ महीनों से कश्मीर घाटी में एक के बाद कई आतंकियों को मार गिराया गया है। अभी शुक्रवार को ही सुरक्षाबलों ने त्राल क्षेत्र में तीन आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई थी। इसके अलावा इस वर्ष के प्रारम्भ से अब तक 100 से भी अधिक आतंकी मार गिराए गए हैं, जिनमें हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना रियाज नाइकू भी शामिल था। ये वही रियाज नाइकू था जिसने दुर्दांत आतंकी बुरहान वानी के मार गिराए जाने के बाद हिजबुल की कमान अपने हाथ में ली थी।
इसके अलावा पाकिस्तान को इस बात का भी डर है कि कहीं भारत बालाकोट के तर्ज पर हवाई हमले न कर दें। 2019 में जब पाकिस्तानी आतंकियों की सांठगांठ से पुलवामा में 45 से ज़्यादा सीआरपीएफ़ जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, तब भारत की वायुसेना ने पीओके में स्थित चकोटी और मुजफ्फराबाद के अलावा खैबर पख्तूनख्वा में स्थित बालाकोट में जैश ए मुहम्मद के आतंकी शिविर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था।
ऐसे में पाकिस्तान को भय है कि कहीं भारत चीन को कूटने के बहाने फिर से पाकिस्तान पर धावा न कर दे, और इस बार पाकिस्तान के पास खोने के लिए बहुत कुछ है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वैसे ही रसातल में है, बलूचिस्तान और पीओके में आए दिन स्वतन्त्रता के नारे लगते हैं, और तो और भारत ने भी पिछले वर्ष ये जता दिया था कि चाहे कुछ हो जाये, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वह वापिस लेकर ही रहेगा। ऐसे में पाकिस्तान का यह भय देखकर हमारे मन में ही एक संवाद आता है, “ये डर अच्छा है, ये डर होना ही चाहिए”।