दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट जिले में फरवरी में हुए दंगे के मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है। इस चार्जशीट से अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि इन दंगों का मास्टरमाइंड आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ही था। यही नहीं पुलिस ने IB अफसर अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या के मामले में भी चार्जशीट दायर किया है और उसमें भी ताहिर हुसैन का नाम सामने आया है।
पुलिस का कहना है कि दंगा कराने के लिए ताहिर ने करोड़ों रुपये खर्च किए थे। इसके लिए वह पूर्व जेएनयू स्टूडेंट उमर खालिद और शाहदरा के खुरेजी खास दंगे में आरोपी खालिद सैफी के संपर्क में थे। इन दंगों में ताहिर का छोटा भाई शाह आलम भी शामिल है। जांच में सामने आया कि ताहिर ने दंगे के दौरान अपनी लाइसेंसी पिस्टल का इस्तेमाल किया था। जिसे उसने दंगे शुरू होने के ठीक एक दिन पहले ही रिलीज करवाया था।
#Breaking | Delhi riots conspiracy: explosive details. TIMES NOW accesses police chargesheet:
Tahir met Umar Khalid before riots
Tahir issued pistol day before riots
Tahir met several anti-CAA groupsDetails by Priyank. | #TahirFundedHinduHate pic.twitter.com/ARuqoaTqA3
— TIMES NOW (@TimesNow) June 2, 2020
इसमें पुलिस ने चार्जशीट में सीधा आरोप लगाया कि आठ जनवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों से एक महीने से पहले ही ताहिर हुसैन ने JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के खालिस सैफी से सीएए विरोधी शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर मुलाकात की। इस दौरान उमर खालिद ने उससे कहा कि ‘ट्रंप की यात्रा के दौरान कुछ बड़ा/दंगों के लिए तैयार रहें।’
पुलिस ने बताया कि इस काम में उम्र खालिद और PFI सदस्य ताहिर हुसैन की आर्थिक मदद की। बता दें कि दंगों से जुड़ी इस चार्जशीट में 2 जून को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में फाइल की गई है।
चार्जशीट की सभी जानकारी AAP के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन से पुलिस की पूछताछ और कॉल डिटेल रिकॉर्ड पर आधारित है। चार्जशीट में आरोप लगाया कि ‘हुसैन ने दावा किया कि सैफी ने उन्हें तैयारियों के लिए पैसे दिए। उसने उसके स्वामित्व वाली कंपनियों के खाते से जनवरी के दूसरे सप्ताह में 1.10 करोड़ रुपए फर्जी कंपनियों को ट्रांसफर किए। इसके बाद उसने लेनदेन की एक चेन के जरिए नकद राशि प्राप्त की और तैयारी शुरू कर दी। इसमें मीनू फैब्रिकेशन, एसपी फाइनैंशल सर्विस, यूद्धवी इंपेक्स, शो इफेक्ट एडवर्जाइजिंग और इसेंस सेलकॉम नाम की कंपनी को पैसे ट्रांसफर हुए थे। इसमें यह भी खुलासा हुआ है कि ताहिर के घर पर कई सीसीटीवी हैं लेकिन वहां 23 से 28 के बीच की कोई रिकॉर्डिंग नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार निलंबित पार्षद ने CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच नकद राशि भी बांटी।
वहीं दिल्ली हिंसा के दौरान आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। लगभग 650 पेज की इस चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि उनके पास प्रूफ है कि अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद कुछ लोग उनकी लाश को नाले में फेंक रहे हैं। वहीं डॉक्टर्स ने पाया है कि उनके शव पर तेज धार वाले हथियार से 51 वार के निशान मिले थे।
चार्जशीट के मुताबिक, आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या 10 लोगों ने मिलकर चांद बाग इलाके में की थी। हत्या के आरोपियों में पार्षद ताहिर हुसैन, हलील सलमान, समीर शामिल है। इसके अलावा दो कुख्यात बदमाशों नाजिम और कासिम समेत 5 और अन्य आरोपी हैं। चार्जशीट में मुख्य आरोपी सलमान जिसकी मोबाइल कॉल ट्रेस की गई थी। इस अहम सबूत की फोरेंसिक जांच में अंकित के सभी आरोपियों का खुलासा हुआ। चार्जशीट में स्पष्ट कहा गया है कि आम आदमी पार्टी (आप) से निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन 25 फरवरी की चांद बाग की हिंसा में शामिल था और उसे और भड़का रहा था। उसके बाद ही अंकित शर्मा को मौत के घाट उतारा गया था।
https://twitter.com/indiantweeter/status/1232926188638633984
28 फरवरी को हमने अपने एक लेख में यह दावा भी किया था कि अंकित शर्मा की मृत्यु कोई आम घटना नहीं है, बल्कि घटनाओं को देखकर यह पूरी तरह एक सुनियोजित साजिश लग रही है, अब पुलिस की चार्जशीट से इसकी पुष्टि भी हो गयी है।
वहीं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन से जुड़े मामले में पुलिस ने गैर सरकारी संगठन ‘पिंजरा तोड़’ और इसकी सदस्य नताशा नरवाल व देव्यांगना कलिता सहित 12 लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में कहा गया है कि नताशा और देवांगना ने महिलाओं को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के नाम पर भड़काया। दिल्ली पुलिस ने नताशा के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया है।
यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है लेकिन अमित शाह ने इस मामले को गंभीरता से जांच करवाई और अब सभी खुलासे हो चुके हैं। दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय ने जो तत्परता दिखाई है वह प्रशंसनीय है।