केरल में एक गर्भवती हथिनी की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जबसे यह खबर सामने आई है, लोगों में ना केवल इस बर्बर घटना को लेकर जबरदस्त आक्रोश है, बल्कि अधिकांश लोगों ने एक सुर में उस गर्भवती हथिनी के लिए न्याय की मांग की है।
इससे पहले कि इस विषय पर आगे बढ़ें, हम आपको पहले ही बता दें कि इस घटना का विवरण काफी संदेहास्पद है। पहले कहा जा रहा था कि गर्भवती हथिनी की मृत्यु मलप्पुरम जिले में अनानास के बीच रखे पटाखे खाने से हुई। वहीं, मुख्य वाइल्डलाइफ वार्डन सुरेन्द्र कुमार के अनुसार कुछ लोगों ने जानबूझकर हथिनी को अनानास के बीच पटाखे डालकर खिला दिए। ये पटाखे हथिनी के मुंह में फट गए। इससे हथिनी के साथ-साथ उसके पेट में पल रहा बच्चा भी मर गया।
फिलहाल, इस केस से जुड़े कुछ अहम सबूत भी मिले हैं और 1 आरोपी की इस परिप्रेक्ष्य में गिरफ्तारी भी हुई है। हालांकि, उनके नाम को लेकर सोशल मीडिया में असमंजस की स्थिती देखने को मिली।
https://twitter.com/bharatiyasainik/status/1268611457572155392?s=20
One arrested for killing pregnant elephant; main accused Abdul Karim, son Riyasuddhin on the run https://t.co/begmj0tkuM #elephant #KeralaElephantMurder #keralaelephant #ElephantDeath #Elephant #ElephantDeathCase pic.twitter.com/1MwVtzq1vE
— Indus Scrolls (@indusscrolls) June 5, 2020
Major breakthrough!
KFD has zeroed on the culprits and recorded the first arrest in the wild elephant death case.
— Kerala Forest Department (@ForestKerala) June 5, 2020
इस केस के सुर्खियों में आए हुए 24 घंटे भी नहीं हुए, कि घटनाक्रम को पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया गया। अब बताया गया कि ये घटनाक्रम पलक्कड़ जिले में हुई थी, और हथिनी को जानबूझकर वह फल नहीं खिलाया गया।
KFD wants to clarify that the place where the unfortunate incident took place falls in Palakkad district, and not in Malappuram district as reported in some sections of the media.
— Kerala Forest Department (@ForestKerala) June 4, 2020
There's no conclusive evidence that injury to lower jaw was caused by pineapple stuffed wd cracker. However this may be a possibility. Dept. has booked offence against unknown offenders, whose identity is being established.
— Kerala Forest Department (@ForestKerala) June 3, 2020
इसपर कुछ लोगों ने आपत्ती भी जताई है।
https://twitter.com/MS_tweets01/status/1268498247032565763?s=20
भले ही केरल का वन विभाग दावा कर रहा है कि जंगली सूअर के लिए रखा गया वह अनानास हथिनी ने गलती से खा लिया, परन्तु इससे अपराध का स्तर तो कहीं से कम नहीं होता। इस कहानी में इतनी गलतियां है कि इसे अनदेखा बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता। अब यही देख लीजिए, केरल का मुख्य वन्यजीव वार्डन एक अलग बयान देता है, और एक दिन बाद ही केरल वन विभाग उससे पूरी तरह भिन्न बयान जारी करता है। ऐसे में सवाल तो उठते ही हैं कि क्या केरल सरकार कुछ छुपाना चाहती है?
We worship Lord Ganesha and kill and abuse elephants. We worship Lord Hanuman & get pleasure out of watching monkeys being chained & performing degrading tricks. We worship and revere female goddesses and resent strength in women,abuse,maim them & practise female infanticide. 🙏
— Pooja Bhatt (@PoojaB1972) June 3, 2020
ऐसा लगता है कि इस घटनाक्रम में बदलाव इसलिए किया गया है ताकि सच्चाई से लोगों का ध्यान हटाया जाए। चाहे अपराधियों को बचाना हो, अलग-अलग बयान देना हो, या फिर कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा इस घटना के लिए भी सनातन संस्कृति को दोष देना, आप स्वयं समझ सकते हैं कि असल दोषी कौन हो सकता है।
https://twitter.com/Pragati82215992/status/1268588792845197312?s=20
हालांकि, अभी कुछ भी कहना आसान नहीं है, परन्तु ऐसा सोचना भी हास्यास्पद होगा की कोई हिन्दू ऐसा जघन्य पाप कर सकता है। हाथी को हिन्दू धर्म में भगवान गणेश का साक्षात रूप माना गया है। यह इंद्र का वाहन भी है। अश्विन मास की पूर्णिमा के दिन गजपूजा विधि व्रत रखा जाता है। सुख-समृद्धि की इच्छा रखने वाले उस दिन हाथी की पूजा करते हैं। केरल में भारत के अन्य क्षेत्रों की भांति हाथियों को काफी अधिक सम्मान दिया जाता है, और ऐसे में कोई व्यक्ति, जो हाथियों को गणेश देवता के रूप में पूजता हो, ऐसा अपराध इतने बर्बर तरीके से कैसे कर सकता है? जिस देश में हाथी को गजराज माना जाता है, और जिस राज्य में हाथियों को उसकी क्षेत्रीय संस्कृति में विशेष स्थान दिया जाता हो, वहां हिन्दू संस्कृति पर इस अपराध का आरोप लगाना अपने आप में ऐसे बुद्धिजीवी की हीन भावना को दर्शाता है।
इसके साथ ही इस घटना ने ये भी साफ कर दिया है कि शत प्रतिशत साक्षरता किसी सभ्यता के प्रगतिशील होने का परिचायक नहीं हो सकता। जो पीड़ा मृत हथिनी को हुई होगी, उसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। परन्तु हम इतना तो कर ही सकते हैं कि उन लोगों से प्रश्न पूछे, जो इस मामले की लीपापोती करने में लगे हुए हैं। एक देवतुल्य प्राणी की इस तरह से ‘God’s own Country’ में जघन्य हत्या अपने आप में एक शर्मनाक कृत्य है।