PM मोदी का नाम लेकर अमर उजाला ने राम मंदिर को “सेक्युलर ट्विस्ट” देने की कोशिश की थी, वो fake news निकली

अमर उजाला को उजाले की सख्त ज़रूरत है!

दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला एक बार फिर सुर्खियों में है, पर इस बात गलत कारणों से। ये कारण बहुत अहम इसलिए भी है क्योंकि इसका संबंध सीधा पीएम मोदी से है। दरअसल, अमर उजाला ने पीएम मोदी के बारे में ये खबर फैलाई कि उन्होंने श्री राम जन्मभूमि के निर्माण के साथ साथ एक बहुसांस्कृतिक केंद्र के निर्माण को भी मंजूरी दी है।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि अयोध्या में जब श्री राम जन्मभूमि का निर्माण पूरा हो, तो अयोध्या सर्वधर्म संभव और मानवता का एक अहम केंद्र बने। इसके लिए पीएम मोदी ने एक बहुसांस्कृतिक केंद्र के निर्माण को भी अपनी स्वीकृति दी है, जिसे श्री राम जन्मभूमि परिसर के निकट ही बनाया जाएगा।

अब चूंकि श्री राम जन्मभूमि परिसर के भूमि पूजन में नरेंद्र मोदी भी पधार सकते हैं, इसलिए अमर उजाला की इस रिपोर्ट का मानना है कि वे इस केंद्र को बनवाना चाहते हैं। रिपोर्ट में अयोध्या की धर्मनिरपेक्षता पर प्रकाश डालते हुए अमर उजाला ने लिखा है, “……अयोध्या की पवित्र भूमि का महत्व विश्व के 120 देशों में सामने आया है। इन्हें नमन करने कोरिया से साल में दो बार मंत्री समूह और दूतावास समेत राज परिवार के लोग आते जाते हैं। मुसलमान यहाँ पैगंबर शीश, हज़रत नूह एवं शीर्ष सूफी संतों की सैकड़ों मज़ारों होने के कारण इसे मक्का के समान दर्जा देते हैं। जबकि जैन धर्म के सभी 24 तीर्थांकर प्रभु श्री राम के वंशज हैं”।

इसके अलावा रिपोर्ट में आगे यह भी लिखा गया था, “……प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के साथ 70 एकड़ परिसर के विकास की योजना भी देखेंगे। लेकिन, उनका सबसे ज़रूरी संदेश यह है कि अयोध्या सर्वधर्म संभाव की विश्वव की सबसे बड़ी और प्राचीन नगरी के रूप में विश्व भर में ख्याति प्राप्त करे”।

अमर उजाला की रिपोर्ट की माने तो पीएम मोदी अयोध्या को धर्मनिरपेक्षता की मिसाल बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव रहे पूर्व आईएएस अफसर नृपेन्द्र मिश्रा के बयानों का भी हवाला दिया। यही नहीं, अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में ये भी दावा किया कि इस काम के लिए संस्कृति मंत्रालय ने अपनी ओर से एक रिपोर्ट भी तैयार की है। पर क्या ये पूरी तरह सच है?

जैसे ही यह खबर सुर्खियों में आई, इस पर काफी मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। लेकिन क्या इस निर्णय को पीएमओ ने अपनी स्वीकृति दी है? क्या इस निर्णय को लागू कराने की पीएम मोदी की कोई निजी इच्छा है? ऐसा कुछ भी नहीं है, और इस रिपोर्ट के भ्रामक तथ्यों को उजागर करते हुए स्वयं नृपेन्द्र मिश्रा ने एबीपी न्यूज़ के पत्रकार विकास भदौरिया से बातचीत में कहा कि ऐसी कोई योजना को पीएम ने अपनी स्वीकृति नहीं दी है। विकास के ट्वीट के अनुसार,

“ अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा, सर्वधर्म स्थल बनाने का पीएम नरेंद्र मोदी का कोई इरादा नहीं”। अयोध्या में सर्वधर्म स्थल बनाने से नृपेन्द्र मिश्रा का इंकार, कुछ अखबारों ने ऐसी खबर छापी थी, नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा की मेरे हवाले से छापी गई खबरें गलत।

अब ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब अमर उजाला ने भ्रामक खबर फैलाई हो। कुछ महीने पहले जब न्यूज़ लौंडरी का पत्रकार शर्जील उसमानी कुछ दिनों के लिए गायब हुआ था, तो द वायर ने अमर उजाला के ही एक भ्रामक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था की शर्जील को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, रिपोर्ट में ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं था, जिससे यह सिद्ध हो कf शर्जील को यूपी पुलिस ने ही ‘हिरासत’ में लिया था, और ये खबर जल्द ही भ्रामक सिद्ध हुई। ऐसे में अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को ही ऐसी भ्रामक खबरें फैलाने वाले मीडिया पोर्टल्स के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करानी चाहिए।

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