भारत ने 29 जून को चीन को बड़ा झटका देते हुए देश में operate कर रही 59 चीनी एप्स को बैन करने का फैसला लिया था। केंद्रीय IT मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 29 जून को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि देश के करोड़ों लोगों के डेटा और उनकी निजता की सुरक्षा के लिए, देश की संप्रभुता और रक्षा के लिए सरकार ने 59 मोबाइल एप्स को बैन करने का फैसला लिया है। इन चीनी एप्स के देशभर में करोड़ो यूजर्स थे। उदाहरण के लिए अकेले TikTok के भारत में 20 करोड़ यूजर्स थे। अब चीनी एप्स के बैन होने से भारत के एप बाज़ार में एक बड़ा खालीपन उत्पन्न हो गया है। यही कारण है कि यह भारत के IT उद्योगों के लिए किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं है।
For safety, security, defence, sovereignty & integrity of India and to protect data & privacy of people of India the Government has banned 59 mobile apps.
Jai Hind! 🇮🇳— Ravi Shankar Prasad (Modi ka Parivar) (@rsprasad) June 29, 2020
भारत के IT इंजिनियर भारत में ही बेहतर क्वालिटी की एप्स बनाकर चीनी एप्स की जगह ले सकते हैं। भारत के लिए एक अच्छी बात यह है कि अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी के कारण वहां H1B वीज़ा जारी करने पर रोक लगा दी गयी है, जिसके कारण अब भारत के IT एक्स्पर्ट्स को भारत में रहकर ही काम करने का अवसर मिलेगा, और ऐसे में वे भारत में ही रहकर IT क्षेत्र को विकसित करने में अपना योगदान दे सकते हैं।
हर साल बड़ी संख्या में भारतीय IT इंजिनयर अमेरिकी H1B वीज़ा लेकर अमेरिका में अपनी सेवाएँ देते हैं। अमेरिका के सफल IT सेक्टर में भारतीयों की बड़ी भूमिका रही है। अभी अमेरिका हर साल करीब 65 हज़ार H1B वीज़ा जारी करता है, जिसमें से करीब 70 प्रतिशत वीज़ा भारतीयों को ही जारी होते हैं। अब ये सब लोग अमेरिका में नहीं जा पाएंगे, क्योंकि 31 दिसंबर तक ट्रम्प प्रशासन ने H1B वीज़ा जारी करने पर रोक लगा दी है। ये IT इंजिनयर अब भारत में रहकर ही काम करेंगे। और इनके पास यहाँ भारत में ही रहकर एक बड़ी ज़िम्मेदारी निभाने का मौका है।
बैन की गयी 59 चीनी एप्स के यूजर्स अवश्य ही वैकल्पिक एप्स को अपनाने की कोशिश करेंगे। हालांकि, अभी एप बाज़ार में बेहतर गुणवत्ता की भारतीय एप्स की बहुत भारी कमी है। सालाना एप installs के मामले में अभी भारत की एप्स ने चीन की एप्स को पछाड़ दिया है, जो कि अच्छी खबर है।
वर्ष 2019 में भारतीयों के पास हर लगभग 41 प्रतिशत भारतीय एप्स थीं, जबकि उनके पास चीनी एप्स सिर्फ 38 प्रतिशत ही थीं। लेकिन गूगल प्ले स्टोर में टॉप 25 एप्स में अभी कोई भी भारतीय एप नहीं है। वह इसलिए, क्योंकि भारत की एप्स को यूजर्स जल्द ही uninstall कर देते हैं और कई बार भारतीय कंपनी एड्स और मार्केटिंग के बाद अपनी एप्स को इन्स्टाल कराते हैं, जिसके बाद यूजर्स जल्द ही इन एप्स को uninstall कर देते हैं। यह दिखाता है कि भारत की एप्स अब भी गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतरती हैं।
अब जब भारतीय IT एक्सपर्ट्स भारत में ही रहकर भारत के IT क्षेत्र को विकसित करने का प्रयास करेंगे, तो बेशक भारतीय एप्स इन पैमानों पर भी बेहतर काम करेंगे। अगर देश में बढ़िया एप्स बनेंगी, तो दुनिया भी चीनी एप्स को छोड़कर भारत की एप्स को अपनाएगी, जिसके बाद भारत एप बाज़ार का सुपरपावर बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।