वो घड़ी आ चुकी है जिसका अधिकांश भारतवासियों को बेसब्री से इंतज़ार था। अब भारत के पास अपना देसी 5जी मोबाइल नेटवर्क भी है, जिसे खुद जियो प्रदान करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 43वें एनुअल जनरल मीटिंग के दौरान मुकेश अंबानी ने अपने बहुप्रतीक्षित 5जी नेटवर्क की घोषणा की। उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से 5G स्पेक्ट्रम का ऐलान होते ही इसकी शुरूआत हो जाएगी। इसके साथ ही इसे निर्यात करने की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे न केवल जियो का वैश्विक कद बढ़ेगा, अपितु इस क्षेत्र में वर्चस्व जमाये चीनी कंपनी Huawei को भी करारा झटका लगेगा।
रिलायंस की 43वीं वार्षिक आम सभा में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘जियो का लक्ष्य भारत को ‘2जी-मुक्त” बनाना है। उन्होंने कहा, “भारत अब 5G के दरवाजे पर खड़ा है। ऐसे में 2G फीचर फोन का इस्तेमाल करने वाले देश के 35 करोड़ से अधिक लोगों को अब सस्ते स्मार्टफोन की ओर रुख करने की आवश्यकता है।”
जियो के अध्यक्ष और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी की माने तो जियो की 5जी सेवा पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को विशेष रूप से समर्पित है। अगले वर्ष तक इसकी शुरूआत होने की बात कही गई है, और ये 100 फीसदी मेड इन इंडिया होगा। जी हाँ, जियो के 5जी तकनीक में प्रयोग में लाया गया एक भी ईक्विपमेंट विदेशी नहीं है, जिसका स्पष्ट अर्थ है कि यह 100 प्रतिशत स्वदेशी उत्पाद है। इस बारे में 25 फरवरी को अमेरिका के टेलीकम्युनिकेशन के सूरमाओं के साथ हुई एक मेगा कॉन्फ्रेंस में ये खुलेआम घोषणा की थी, “हमारी कंपनी दुनिया में पहली ऐसी कंपनी होगी, जिसके 5 जी तकनीक का एक भी उपकरण चीनी मूल का नहीं है”।
इसके अलावा भारत का यह स्वदेशी 5G सोल्यूशन चीन की कंपनी Huawei को सीधी टक्कर देगा। मुकेश अंबानी ने बताया कि इसे दुनियाभर में निर्यात (Export) भी किया जाएगा। उनके अनुसार, “सरकार की ओर से 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का ऐलान होते ही जियो 5जी सेवाओं को ट्रायल के लिए शुरू कर दिया जाएगा। जियो का 5जी सोल्यूशन दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को उपलब्ध कराया जाएगा।” वहीं, चीन की टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी Huawei दुनियाभर में जासूसी के आरोपों में घिरी है। ऐसे में जियो 5G सॉल्यूशन हुवावे के लिए तगड़ा झटका साबित होगा।
पर जियो की खूबियां यहीं पर खत्म नहीं होती। JIO तकनीक के मामले में लगातार आगे बढ़ रहा है। जियो सक्रिय रूप से कार्बनिक और अकार्बनिक अप्रोच के मिश्रण के माध्यम से 5जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) प्रौद्योगिकी कैपेसिटी का निर्माण कर रहा है। यह कदम न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी अपने आप में एक अनोखा कदम है, क्योंकि अधिकांश ऑपरेटर नेटवर्क उपकरणों के लिए टेक्नोलॉजी वेंडर पर निर्भर हैं। ये अपने आप में मेक इन इंडिया अभियान को काफी बढ़ावा देगा, और इससे अन्य भारतीय टेलिकॉम सेवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।
जियो का 5जी नेटवर्क अपने आधिकारिक लॉन्च से पहले ही कितना लोकप्रिय हो चुका है, इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि स्वयं अमेरिकी प्रशासन इससे काफी प्रभावित हुआ है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने जियो को ‘क्लीन टेक्नोलॉजी’ का दर्जा भी दिया है, यानि वो तकनीक, जिसमें एक भी मिलावटी [चीनी] उपकरण न हो।
चीनी टेलिकॉम कंपनी Huawei का वर्चस्व तोड़ने के संबंध में बात करते हुए एक प्रेस वार्ता में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने संवाददाताओं को बताया कि कैसे Jio विश्व के लीडिंग टेलीकॉम ऑपरेटर में से एक है। उनके अनुसार जियो उन चुनिन्दा ऑपरेटरों में शामिल है, जिसमें किसी प्रकार की चीनी मिलावट नहीं है, और इसीलिए जियो एक ‘क्लीन टेलिकॉम’ऑपरेटर है। यही नहीं, अमेरिकी कंपनी गूगल के JIO प्लेटफॉर्म्स में 7.7 % की हिस्सेदारी के लिए 33,737 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। अंबानी ने आगे बताया कि जियो अमेरिकी कंपनी के साथ मिलकर एक एंड्राइड आधारित स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करेगी।
जिस समय अमेरिका विश्व में लगभग हर वस्तु पर चीन के वर्चस्व को खत्म करने की कोशिश में लगा है, और वह टेलिकॉम क्षेत्र में Huawei के वर्चस्व को तोड़ना चाहता है, ऐसे में ये बयान बहुत अहमियत रखता है।
माइक पॉम्पियो यहीं पर नहीं रुके। उन्होने आगे यह भी कहा, “Huawei चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के इनफ्रास्ट्रक्चर का एक अहम हिस्सा है, और मैं बहुत खुश हूँ कि जियो का एक भी उपकरण इस कंपनी द्वारा नहीं बनाया गया है। पूरी दुनिया इस समय Huawei के विरुद्ध है, क्योंकि विश्व को अब इस सर्वेलांस स्टेट [चीन] की कड़वी सच्चाई पता चल रही है”।
सच कहें तो जियो के 5जी नेटवर्क की घोषणा मात्र से ही मुकेश अंबानी ने अपने इरादे जगजाहिर किए हैं। जिस तरह से इस नेटवर्क को वैश्विक समर्थन मिल रहा है, उस हिसाब से अब जियो 5G न केवल भारतीयों के लिए एक अभूतपूर्व वरदान होगा, अपितु वैश्विक टेक्नोलॉजी को भी एक नई राह दिखाएगी।
अब तक रिलायंस JIO के प्रदर्शन को देखते हुए और मुकेश अंबानी के बिजनेस स्टाइल को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले दशक में हुवावे को जियो ना केवल प्रतिस्पर्धा में पछाड़ सकता है, बल्कि विश्व के समक्ष एक बेहतर और कम लागत वाला विकल्प पेश कर सकता है।