भारत ने लेबर पार्टी की MP को भगा दिया था, अब सामने आया है कि ये पाकिस्तान के पैसों पर पल रही थीं

बहुत बढ़िया! कचरे को देश से बाहर ही रखना चाहिए!

डेबी अब्राहम्स

PC: Asianlite

लेबर पार्टी की सांसद डेबी अब्राहम्स याद है? हाँ वही डेबी, जिन्होंने अनुच्छेद 370 के हटाये जाने पर पाकिस्तान के रुख को बढ़ावा दिया था, और फिर भारत ने उनका वीज़ा रद्द करवा दिया था? अब पता चला है कि उन्होंने अपने इस रुख के लिए पाकिस्तान से अच्छी ख़ासी रकम वसूल की थी। एशियन लाइट की रिपोर्ट के अनुसार डेबी अब्राहम्स के नेतृत्व वाली ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप ऑन कश्मीर को पीओके का दौरा करने के लिए और पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए करीब 18,000 अमेरिकी डॉलर, यानि लगभग 30 लाख पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया गया था। बता दें कि 18 फरवरी से 22 फरवरी के बीच में डेबी के नेतृत्व में ये दौरा किया गया था।

ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप ऑन कश्मीर या APPGK एक भारत विरोधी संसदीय गुट है, जिसमें अधिकतर लेबर पार्टी के सांसद मौजूद है। इनमें से अधिकतर सांसद पाकिस्तानी मूल के हैं। इनका प्रमुख उद्देश्य हैं कश्मीरियों के हक के लिए आवाज़ उठाना और कश्मीर में कथित रूप से हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ भारतीय एजेंसियों को कठघरे में खड़ा करने के लिए दबाव बनाना।

इसीलिए APPGK को पाकिस्तान ने पीओके का दौरा करने के लिए 18,000 डॉलर की अच्छी ख़ासी धनराशि प्रदान की। ऐसे में डेबी को निजी तौर पर पाकिस्तान की पैरवी करने के लिए न जाने कितने पैसे मिले होंगे। परंतु ऐसा बिलकुल मत समझिएगा कि यह पहली बार ऐसा हुआ है। इससे पहले भी डेबी के गुट APPGK को इस्लामाबाद और पाक अधिकृत कश्मीर का दौरा करने के लिए पिछले वर्ष लंदन में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन ने 12000 पाउंड की धनराशि भेजी थी।

इसके अलावा यदि स्मरण हो तो ये वही डेबी अब्राहम्स हैं, जिन्हें भारत ने इसी वर्ष फरवरी माह में वीज़ा देने से स्पष्ट मना किया था। तब तक डेबी की भारत विरोधी गतिविधियां सार्वजनिक हो चुकी थईं और डेबी का ई वीज़ा भी अवैध निकला, जिसके कारण उन्हें 17 फरवरी को दुबई डिपोर्ट कर दिया गया था। भारत के विदेश मंत्रालय के तत्कालीन प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस विषय पर कहा था, हम भली भांति जानते हैं कि उनके बयान और उनकी विचारधारा पूर्णतया भारत विरोधी है। उन्होंने भारत के विरुद्ध एक सुनियोजित अभियान को बढ़ावा दिया है। वे एक वैध वीज़ा के बिना आई थीं, तो हमने भी बड़ी इज्ज़त से उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से वापिस भेज दिया था”।

बता दें कि जब पिछले वर्ष मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाया था, तब डेबी अब्राहम्स ने भारत सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था। जम्मू एवं कश्मीर से विशेषाधिकार हटाये जाने के कारण उन्होंने भारत की हाई कमिश्नर रुचि घनश्याम को पत्र लिखते हुए इस विषय पर काफी चिंता जताई और उन्होंने विदेश मंत्री डोमिनिक राब (Dominic Raab) को भी पत्र लिखते हुए कहा था कि भारत की गतिविधियों ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है और यूके को तत्काल प्रभाव से भारत के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, यूके की सरकार ने डेबी के किसी भी बयान को गंभीरता से नहीं लिया था और डेबी की सारी दलीलें व्यर्थ गई। इसी वर्ष के प्रारम्भ में भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के जांच पड़ताल के अनुसार डेबी आईएसआई के एक अफसर राजा नजाबत हुसैन के संपर्क में भी बनी हुई थीं, जो कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। ऐसे में डेबी द्वारा पाकिस्तान से भारत विरोधी अभियान के लिए पैसे लेना कोई हैरानी की बात नहीं है।

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