पाकिस्तान को दुनिया ने साफ संदेश भेज दिया है “चीन की झूठी पत्तल खाना छोड़ो नहीं तो मरो”

चीन के गुलाम कुत्ते के पीछे पड़े अमेरिका के Tigers!

पाकिस्तान

चीन अपने रवैये के कारण पूरी दुनिया का दुश्मन बन चुका है। ऐसे में जो देश अभी चीन का साथ दे रहे हैं, उनपर भी दुनिया द्वारा अलग-थलग किए जाने का खतरा मंडराने लगा है। हिन्दी में एक कहावत है “गेंहू के साथ घुन भी पिसता है”, यही हाल अब चीन के पालतू पाकिस्तान का होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, जिस समय पाकिस्तान हर मुद्दे पर चीन का साथ देता दिखाई दे रहा है, उस समय दुनिया के अधिकतर देशों ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए Pakistan की सरकारी एयरलाइंस Pakistan International Airlines पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। यूरोप के बाद अब अमेरिका भी अपने यहां पाकिस्तानी पायलटों और PIA पर प्रतिबंध लगा चुका है। इस कदम के माध्यम से ही दुनिया ने पाकिस्तान को यह संदेश भी दिया है कि अगर उसने ऐसे ही हर मुद्दे पर चीन का साथ देना नहीं छोड़ा, तो उसे और कई बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

9/11 हमलों से पहले पाकिस्तान अमेरिका का करीबी सहयोगी हुआ करता था। अमेरिका ने सालों-सालों तक अफ़ग़ानिस्तान में USSR के प्रभाव को कम करने के लिए Pakistan का प्रयोग किया। हालांकि, पिछले एक दशक में पाकिस्तान अमेरिकी विदेश नीति के फोकस से गायब हो गया है। यही बात अब European Foundation for South Asian Studies यानि EFSAS ने कही है। इस यूरोपीय थिंक टैंक के मुताबिक,

“जिस प्रकार पाकिस्तान पहले के सालों में अमेरिकी प्रशासन के लिए ज़रूरी हुआ करता था, अब ट्रम्प प्रशासन के समय ऐसा बिलकुल नहीं है। अब ट्रम्प प्रशासन का पूरा ध्यान ड्रैगन को सबक सिखाने पर है और ऐसे में पाकिस्तान के साथ सहयोग करने में अमेरिका में कोई रूचि नहीं है”।

बता दें कि एक तरफ जहां पूरी दुनिया के देश चीन को सबक सिखाने के लिए उसकी ओर हथियार तैनात करके खड़े हैं, तो वहीं ऐसे समय में पाकिस्तान अपने “दोस्त” चीन का हाथ पकड़कर खड़ा है। पाकिस्तान को उसके भीषण परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसी को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने हाल ही में इमरान खान को चेताया भी था कि अगर पाकिस्तान ऐसे ही हर मुद्दे पर चीन का साथ देता रहा तो उसे जल्द ही पूरी दुनिया के गुस्से का शिकार होना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि Hong-Kong मुद्दे से लेकर लद्दाख में भारत-चीन विवाद के मुद्दे तक, Pakistan ने खुलकर चीन का साथ ही दिया है। यहाँ तक कि पाकिस्तान एक वफ़ादार गुलाम की भांति भारत के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपने सैन्य अड्डों को चीन को सौंपने के लिए भी तैयार हो गया। चीन के इशारे पर ही Pakistan ने भारत पर दबाव बनाने के लिए गिलगिट-बाल्टिस्तान में भारत-पाक सीमा पर 20 हज़ार सैनिकों को तैनात कर दिया। इतना ही नहीं, यह भी खबरें आई थीं कि चीन भारत को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तानी आतंकियों का सहारा ले सकता है। ऐसे में जब पाकिस्तान चीन के हर अपराध में खुलकर चीन का साथ दे रहा है, तो सज़ा भी दोनों को ही बराबर मिलने जा रही है। दुनिया ने पाकिस्तानी एयरलाइंस को बैन कर पहले ही इसके संकेत दे दिये हैं।

पाकिस्तान अपनी आतंकी गतिविधियों और एक विफल देश के नाते पहले ही अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। रही सही कसर वह हर मुद्दे पर चीन का पक्ष लेकर पूरी कर रहा है, जिसके बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया की निगाहों में आ गया है। Pakistan को अगर यह लगता है कि किसी जंग की सूरत में चीन उसका बचाव करने के लिए मैदान में आ जाएगा, तो यह पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल होगी क्योंकि चीन पर पहले ही अमेरिका पिस्तौल ताने खड़ा है। ऐसे में अगर पाकिस्तान को अपना वजूद बचाकर रखना है, तो उसे चीन की झूठी पत्तल खाना छोड़ अपनी विदेश नीति में व्यापक बदलाव करने होंगे।

Exit mobile version