अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन भी चीन की कंपनी Huawei को अपने देश से बाहर निकालने की तैयारी में जुट चुका है, और कई ऐसी रिपोर्ट्स सामने आ रहीं है कि ब्रिटेन हुवावे की 5 G तकनीक बैन की घोषणा जल्द कर सकता है। परंतु अब इन रिपोर्ट्स के बीच हुवावे के ब्रिटेन के सामने गिड़गिड़ाने की खबर आई है। Wion की रिपोर्ट के अनुसार हुवावे ने ब्रिटेन से 5G तकनीक पर बैन के फैसले पर पुनः विचार करने विनति की है। इस रिपोर्ट के अनुसार Huawei के Vice President Victor Zhang ने कहा है कि वे चाहते हैं कि ब्रिटेन की सरकार अपने फैसले पर दोबारा विचार करे। अमेरिका में प्रतिबंध लगने के बाद चीन की इस टेक कंपनी के हाथ से ब्रिटेन भी निकलता दिखाई दे रहा है इसलिए अब यह कंपनी बोरिस जॉनसन के सामने हाथ जोड़ रही है। वो दुहाई दे रही है कि इससे ब्रिटेन पर भी काफी गहरा प्रभाव पड़ेगा
दरअसल, पिछले दिनों अमेरिका ने चीन की ‘ताकत’ का प्रतीक कही जानी वाली हुवावे कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे हुवावे की अमेरिकी तकनीकों तक पहुंच बहुत सीमित हो गई। अमेरिका के इस फैसले के बाद ब्रिटेन में भी हुवावे विरोधी भावना ने ज़ोर पकड़ा जिसके बाद ब्रिटेन से यह खबर सामने आई कि ब्रिटेन चीनी तकनीक दिग्गज हुवावे के 5-जी नेटवर्क पर पाबंदी लगा सकता है। समाचारपत्रों की खबरों के अनुसार, अमेरिका के बैन के बाद ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी गवर्नमेंट कम्युनिकेशन हेडक्वार्टर (जीसीएचक्यू) ने चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी से पैदा हो सकने वाले जोखिमों को फिर से आंकलन किया, जिसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन एक बड़ा नीतिगत बदलाव करने के लिए तैयार हैं।
संडे टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, GCHQ के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि Huawei अमेरिकी बौद्धिक संपदा पर निर्भर प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है। अब अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण हुवावे का किसी भी अमेरिकी कंपनी या तकनीक को पाना मुश्किल हो गया है या यूं कहें अमेरिका द्वारा चीन की टेलीकॉम कम्पनी Huawei पर लगाए गए प्रतिबन्ध से प्रौद्योगिकी फर्म गहरा प्रभाव पड़ा है। अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में ताइवान की कंपनी टीएसएमसी भी आ गई है जो हुवावे को चिप और अन्य जरूरी उपकरण मुहैया कराती है।
इसी कारण से रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सप्ताह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के सामने प्रस्तुत किए जाने वाले एक अध्ययन (स्टडी) में घोषणा होगी कि हुवावे पर अमेरिकी प्रतिबंध ने कंपनी को अविश्वसनीय तकनीक का उपयोग करने के लिए मजबूर किया है। यही कारण हा कि ब्रिटेन 5-जी नेटवर्क में स्थापित किए जा रहे नए Huawei उपकरण को रोकने के प्रस्तावों का मसौदा तैयार कर रहा है।
अब ब्रिटेन में हुवावे की 5 G तकनीक पर बैन से इस दिग्गज चीनी कंपनी के पैरों तले से जमीन खिसक गयी और तुरंत गिड़गिड़ाने लगी। चीनी दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हुवावे ने बुधवार को ब्रिटेन से आग्रह किया कि वह अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण यूके के 5 जी नेटवर्क से हुवावे के उपकरणों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का कोई फैसला न ले। हुवावे के Vice President Victor Zhang ने कहा कि “हम ब्रिटेन सरकार से और अधिक समय लेने का आग्रह करते हैं।“ यानि स्पष्ट है कि Huawei को अब समझ आ चुका है कि ब्रिटेन में उसके बैन होने के बाद उसकी रही सही विश्वसनीयता भी पाताललोक में चली जाएगी। बता दें कि UK की सरकार ने सबसे पहले हुवावे को अपने यहाँ ऑपरेट करने की मंजूरी दी थी। उसके बाद कोरोना महामारी और ट्रम्प के दबाव के कारण अब यूके को अपना रुख बदलने पर मजबूर होना पड़ा। इसके बाद UK सरकार ने दुनिया के सभी बड़े लोकतांत्रिक देशों के एक संगठन D10 का ऐलान किया था जिससे 5जी के क्षेत्र में ये सभी देश आपस में मिलकर विकास कर सकें और हुवावे को अपने बाज़ारों से दूर रख सकें। विश्व के कई देश जैसे कनाडा, सिंगापूर आदि Huawei के स्थान पर Nokia और Ericson जैसी कपनियों को 5G नेटवर्क के लिए समर्थन कर रहे हैं। अब हुवावे के सामने ब्रिटेन से हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।