राज्य प्रमुखों को ब्रांड एम्बेसडर बनाकर चीन को वैश्विक सप्लाई चेन से बाहर निकालने का तरीका शानदार है

बोरिस जॉनसन की मेड इन इंडिया साइकिल ने तबाही मचा रखी है

हीरो साइकिल

जैसे-जैसे दुनिया भर के देश चीनी कंपनियों को डंप कर चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं वैसे-वैसे भारतीय कंपनियाँ भारत के गुड विल का इस्तेमाल कर मार्केट पर अपनी पकड़ बनाने पर काम कर रही हैं। मेड इन इंडिया को बढ़ावा देने के क्रम में हीरो साइकिल ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारत में निर्मित साइकिल की सवारी करने के लिए राजी कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार वह ब्रिटेन में डिजाइन मेड इन इंडिया साइकिल चलाकर जीबीपी 2- बिलियन (GBP 2-billion) साइकिलिंग और वॉकिंग ड्राइव को लाॉन्च करने पहुंचे।

दरअसल, यूके ने 2 बिलियन पाउंड Kingdom साइकलिंग और वॉकिंग ड्राइव लॉन्च किया है। सरकार की यह योजना कोरोना वायरस ( COVID-19) से मुकाबला और मोटापा-रोधी रणनीति का हिस्सा है। यूके के पीएम जॉनसन ने ट्विटर पर इस योजना की फोटो शेयर की और जानकारी दी। जॉनसन ने कहा,“लोगों को फिट और स्वस्थ होने और बीमारी के जोखिम को कम करने से लेकर वायु की गुणवत्ता में सुधार और भीड़भाड़ को कम करने में साइकिल चलाना और पैदल चलना उपयोगी है।”

उन्होंने कहा आगे कहा, “इसकी स्वास्थ्य और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में बड़ी भूमिका है, लेकिन एक स्वस्थ और अधिक सक्रिय राष्ट्र का निर्माण करने के लिए हमें लोगों को दो पहियों की यात्रा करने का विश्वास दिलाने के लिए सही बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण और समर्थन की आवश्यकता है। हर कोई साइकिल के परिवर्तनकारी लाभों को महसूस कर सके। “

कोरोना महामारी के बाद से भारत की छवि एक सकारात्मक देश के तौर पर और मजबूत हुई है इसलिए बोरिस जॉनसन जैसे नेता मेड इन इंडिया उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं। दूसरी ओर, चीन से न सिर्फ उसकी जनता नाराज है, बल्कि लगभग सभी देशों के नेता भी नाराज है।

साइकिल के प्रमुख निर्माता और निर्यातक में से एक, हीरो साइकिल को यूनाइटेड किंगडम में स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा समर्थन मिलने से साइकिल के प्रचार से काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।

हीरो मोटर्स कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पंकज एम मुंजाल ने कहा उन्हें खुशी है कि प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन में एक महत्वपूर्ण घोषणा करने के बाद हीरो की एक वाइकिंग बाइक की सवारी की। बता दें कि Hero Motors Company में Hero Cycles, Insync, the Viking and Lectro brands शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि, “हम इस रणनीति का समर्थन करते हैं और आशा करते हैं कि हजारों लोग दो पहियों के ऊपर सड़कों पर उतरेंगे।“

भविष्य में इज़राइल, जापान, फ्रांस और ताइवान जैसे कई अन्य देशों के राज्य प्रमुखों को ‘मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट’ का समर्थन करते देखा जा सकता है। मेड इन इंडिया का प्रचार अब स्वयं नेताओं द्वारा किया जा रहा है, और यह स्पष्ट है कि पश्चिमी देशों के कई नेता चाहते हैं कि भारत चीन का “factory of the world” के रूप में स्थान ले। कोरोना के बाद चीन के खिलाफ बने माहौल में कई देशों द्वारा चीन से होने वाले इम्पोर्ट में कटौती और उनके प्रवेश पर प्रतिबंध के कारण चीनी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है।

हीरो साइकिल समूह ने स्वयं 900 करोड़ रुपये की चीनी परियोजनाओं को रद्द कर दिया था। पंकज मुंजाल, हीरो साइकिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने कहा था कि, ‘आने वाले 3 महीनों में, हमें चीन के साथ 900 करोड़ रुपये का कारोबार करना था, लेकिन हमने उन सभी योजनाओं को रद्द कर दिया है। यह चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए हमारी प्रतिबद्धता है।‘

यही नहीं वे छोटे साइकिल निर्माताओं को तकनीकी मदद की पेशकश करने के लिए भी आगे आए हैं, जिनके कारोबार को लॉकडाउन के कारण बंद करना पड़ा है। उनका मकसद उच्च तकनीक वाले उत्पादों का निर्माण करना है जिन्हें यूरोपीय और अमेरिकी मार्केट में निर्यात किया जा सके। हाई-एंड साइकिल की कीमत 15,000 रुपये से लेकर 7 लाख तक होती है, और छोटे निर्माता अगर इनका निर्माण करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता सीखते हैं तो मोटी रकम कमा सकते हैं।

अब तक हाई-एंड साइकल और उनके पार्ट्स चीन से आयात किए जा रहे थे। मुंजाल ने कहा, “यही कारण है कि हम उनकी मदद के लिए आगे आए हैं और तकनीकी मदद देने के लिए तैयार हैं ताकि वे हाई-एंड साइकिल पार्ट्स बनाना शुरू कर सकें, जिन्हें चीन से आयात किया जा रहा था।”

इसके अलावा, हीरो ग्रुप और पंजाब सरकार लुधियाना में 100 एकड़ जमीन और 400 करोड़ रुपये के निवेश में cycle valley की स्थापना में सहयोग कर रहे हैं। मुंजाल ने कहा कि भारत में हर प्रकार की साइकिल का निर्माण संभव है। उन्होंने कहा,”लुधियाना के धानासु गाँव में cycle valley की स्थापना होने के बाद, हम आसानी से चीन का मुकाबला कर सकते हैं। यदि भारत नवीनतम कंप्यूटर बना सकता है, तो हम हाई-टेक साइकिल क्यों नहीं बना सकते।”

देश विदेश के नेताओं द्वारा प्रचार की मदद से, भारतीय ब्रांड आसानी से चीनी प्रभुत्व को समाप्त कर सकते हैं, और भारत factory of the world बन सकता है, जो कि चीन को पूरी तरह से अप्रासंगिक बना देगा।

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