केरल एक बार फिर सुर्खियों में है, पर इस बार गलत कारणों से। एक बहुत बड़े सोने की तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें निशाने पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी हैं। पिछले हफ्ते इस सोने की तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश हुआ था, जब कस्टम विभाग के अफसरों ने तिरुवनन्तपुरम में जांच पड़ताल के दौरान 15 करोड़ के मूल्य का 30 किलो सोना तिरुवनन्तपुरम एयरपोर्ट पर ज़ब्त किया था।
एक विदेशी राजनयिक के सामान के साथ एयर कार्गो के जरिये 30 किलोग्राम सोना भेजने के मामले में सीमा शुल्क विभाग UAE के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी से पूछताछ कर रहा है। सीमा शुल्क विभाग को शक है कि केरल के तिरुवनन्तपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पकडे गए सोने की तस्करी के लिए तस्कर गिरोह ने राजनयिक के विशेषाधिकार का दुरुपयोग किया है।
यह स्मगलिंग Diplomatic immunity का फ़ायदा उठाते हुए की गई थी और जांच पड़ताल में यूएई कॉन्सुलेट जनरल के यहाँ पूर्व पब्लिक रिलेशन्स ऑफिसर रह चुके सरिथ कुमार और पूर्व कॉन्सुलेट अधिकारी स्वप्ना सुरेश का नाम सामने आया है। स्वप्ना सुरेश कई महीनों तक सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीआईएल) के तहत स्पेस पार्क की विपणन संपर्क अधिकारी भी थी।
Customs की रिपोर्ट के अनुसार सरिथ भले ही अब कॉन्सुलेट का हिस्सा नहीं है, परंतु उन्होंने कूटनीतिक यानि diplomatic immunity का फ़ायदा उठाते हुए कई बार इसका दुरुपयोग भी किया। परंतु इस बार करोड़ों रुपये के सोने की तस्करी करने की उनकी मंशा धरी की धरी रह गई और सरिथ को तत्काल प्रभाव से हिरासत में भी लिया गया। स्वयं UAE के कॉन्सुलेट जनरल ने इस स्वर्ण भंडार को स्वीकारने से मना किया है और उन्होंने कस्टम्स के साथ जांच पड़ताल में पूर्ण सहयोग देने का वादा किया है।
लेकिन सरिथ कुमार अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं थे। इंडिया टुडे के रिपोर्ट के अनुसार, “एक अफसर ने बताया कि ऐसे कई लोग हैं, जो इस प्रकार के कंसाइनमेंट से जुड़े थे। इनमें से एक थी स्वप्ना सुरेश भी है, जो पहले यूएई कॉन्सुलेट में कर्मचारी थी। हम आशा करते हैं कि वो जल्दी ही जांच एजेंसियों की गिरफ्त में आएंगी”। फिलहाल के लिए स्वप्ना इस समय फरार है।
पर इस घोटाले में केरल सरकार की भूमिका क्या है? दरअसल, आरोपियों के साथ केरल के आईटी डिपार्टमेन्ट के मुख्य सचिव और पिनाराई विजयन के खास माने जाने वाले एम शिवशंकर के तार भी जुड़े हुए थे, जिन्हें तत्काल प्रभाव से आरोप सामने आने के बाद पद से हटाया गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रमुख विपक्षी नेता रमेश चेन्निताला ने ट्वीट किया, “मैं इस केस में सीबीआई की जांच की मांग करता हूँ। अभियुक्त केरल के आईटी सचिव से जुड़े हुए हैं, जो पिनाराई विजयन के सचिव हैं। ऐसे में हमें विश्वास है कि कहीं न कहीं इस घोटाले में केरल सरकार का भी हाथ है।”
I demand a CBI inquiry in the gold smuggling case. The accused is closely connected with Kerala's IT secretary, who is also secretary of CM @vijayanpinarayi. It's quite clear now that CM's office and his secretary is involved in this case.#CorruptLDFGovt #PinarayiMustAnswer pic.twitter.com/gxRQYEiofz
— Ramesh Chennithala (@chennithala) July 6, 2020
रमेश चेन्निताला ने आगे बताया, “सीएम के मुख्य सचिव शिवशंकरण के तार इस स्मगलिंग केस से निस्संदेह जुड़े हुए हैं और ऐसे में सीबीआई की जांच आवश्यक है। इस घोटाले में लिप्त महिला स्वप्ना सुरेश केरल के आईटी विभाग से जुड़े एक फार्म में काम भी करती है, जो प्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री की निगरानी में आता है”।
भाजपा के राज्य अध्यक्ष के सुरेन्द्र ने भी पिनाराई विजयन को स्थिति स्पष्ट करने पर दबाव बनाने का प्रयास किया है। गोल्ड स्मगलिंग के इस रैकेट और केरल सरकार के एक अहम अधिकारी की घोटाले के अपराधियों ने केरल में एक नया राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। एम शिवशंकर पी विजयन के साथ तब से जुड़े हुए हैं, जब से वे केरल के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। ऐसे में केरल सरकार को न केवल स्थिति पर अपने विचार स्पष्ट करने चाहिए, बल्कि दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।