‘उन्होंने हमारे जवानों को मारा और हम उसके यहां रोजगार पैदा करें’, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने चीनी उपकरण आयात किया बंद

भारत का विद्युत क्षेत्र चीनी का बड़ा आयातक है

चीन

चीन से बढ़ते तनाव एवं हाल ही में हमारे 20 जवानो की शहादत की वजह से देश में इन दिनों व्यापक तौर पर चीन के ख़िलाफ़ एक माहौल बन गया है। बच्चे-बूढ़े-युवा-महिलाएँ आम-ख़ास क़रीबन सभी लोग एक सुर में चीन का बहिष्कार करने का न केवल आह्वान कर रहे हैं, बल्कि अपने अपने स्तर पर बहिष्कार शुरू भी कर चुके हैं।

देश की भावनाओं को ख़्याल में रखकर इस बहिष्कार में सरकार भी अपना योगदान देना शुरू कर चुकी है। कई बड़े चीनी कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया जाना हो या 59 चीनी ऐप्स को बैन करना हो ये सब उसी कड़ी हिस्सा है। अब इस बहिष्कार में देश का ऊर्जा मंत्रालय भी शामिल हो गया है और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में चीनी सामानो के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है।

ऊर्जा मंत्री आर०के० सिंह ने हाल ही में राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ बैठक में ये कहा कि अब से चीनी सामानो के आयात की जानकारी केंद्र को देना ज़रूरी होगा तथा केंद्र के मंज़ूरी के बाद ही किसी तरह का आयात हो सकता है। 2018-19 में हमने ऊर्जा क्षेत्र में 71,000 करोड़ का सामान आयात किया, जिसमें से 21,000 करोड़ का आयात चीन से हुआ है। हम ऐसा नहीं होने दे सकते। एक देश जो हमारे जवानों पर जानलेवा हमले कर रहा है, जो देश हमारी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहा है, हम उसके यहां रोजगार पैदा करें?’ हमने तय किया है कि हम चीन और पाकिस्तान से किसी भी आयात की अनुमति नहीं देंगे। ” 

ऊर्जा की अधिक खपत एवं विकास के दौड़ में देश में ऊर्जा का महत्व काफ़ी बढ़ा है और इस वजह से कंडक्टर,ट्रांसफार्मर,सोलर प्लांट जैसी चीज़ों की भी डिमांड बढ़ी है। ये सभी सामान या तो हिंदुस्तान में आसानी से उपलब्ध नहीं है या उनके दाम ज़्यादा है जिसकी वजह से हम आयात करने पर मजबूर थे।

चीन से व्यापारिक रिश्तों को ख़त्म करने में अकेले ऊर्जा मंत्रालय नहीं है। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भी ऐसा ही एक फ़ैसला लेते हुए चीनी कम्पनी हुवै के साथ BSNL की हुआ एक करार रद्द कर दिया है और साथ में एयरटेल,वोडाफ़ोन जैसे प्राइवेट कम्पनियों को भी चीनी कम्पनी के साथ रिश्ता न रखने की हिदायत दी गयी है।

वहीं सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी साफ़ कर दिया है कि भविष्य में किसी भी सड़क-पुल निर्माण में कसी चीनी कम्पनी की भागीदारी नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, “आत्मानिर्भर भारत को चीन से न जोड़ें। हमें दुनिया में अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ानी होगी और इसके लिए हमें कम लागत वाली पूंजी की आवश्यकता है, हमें अपनी प्रौद्योगिकी और विदेशी निवेश को MSMEs में अपग्रेड करना होगा।”

ये सारे कदम चीन का पूर्ण बहिष्कार एवं मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को सफल बनाने के लिए उठाये जा रहा है फिर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे सुरक्षा-प्राइवेसी से जोड़ कर पेश किया जा रहा है जो कि कूटनीतिक दृष्टि से ज़रूरी है।

 

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