UK की नयी इमिग्रेशन पॉलिसी: अब यूरोप के कबाड़ को नहीं, दुनिया के skilled लोगों को मिलेगा UK का वीज़ा

UK आखिर Independent हो ही गया!

इस वर्ष 1 फरवरी को Brexit के बाद UK आधिकारिक रूप से यूरोपियन यूनियन से बाहर आ गया था। उसके बाद अब UK अपने देश में यूरोपियन यूनियन के नागरिकों के घुसने पर पाबंदी लगाने जा रहा है। ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने हाल ही में नए इमिग्रेशन नियमों को मंजूरी दी है जो देश में जनवरी 2021 में लागू होंगे। नए नियमों के लागू होने के बाद यूरोप के सभी नागरिकों को भी किसी अन्य देश के नागरिकों की तरह ही ट्रीट किया जाएगा, और पॉइंट्स के आधार पर ही किसी विदेशी को UK का वीज़ा मिलेगा। अब तक EU के नियमों के तहत EU के नागरिक बेरोकटोक UK में आ जा सकते थे और UK की सुविधाओं का फायदा उठा सकते थे। हालांकि, नए इमिग्रेशन नियमों के बाद ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।

वर्ष 2016 में जब Brexit के लिए अभियान चलाया जा रहा था, तब Brexit के समर्थकों का सबसे ज़्यादा फोकस इमिग्रेशन पर ही था। UK के लोग अपनी सुविधाओं को यूरोप के अन्य लोगों के साथ साझा नहीं करना चाहते थे। इसके साथ ही UK की सरकार भी अपने यहाँ नौकरियों को EU के नागरिकों के साथ बांटना नहीं चाहती थी, ऐसे में Brexit के बाद अब बोरिस जॉनसन सरकार ने बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है।

UK ने अब ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की तर्ज पर पॉइंट्स आधारित वीज़ा सिस्टम लागू किया है, जहां अब किसी भी विदेशी को UK का वीज़ा प्राप्त करने के लिए कम से कम 70 पॉइंट्स चाहिए होंगे। 70 पॉइंट्स प्राप्त करने के बाद कोई भी व्यक्ति वीज़ा प्राप्त करने के लिए योग्य हो जाएगा, उसके बाद UK सरकार जांच करने के बाद उसे वीज़ा जारी करेगी।

हालांकि, UK सरकार ने अपने health care system की जरूरतों को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों के लिए वीज़ा नियमों में काफी ढील दी है। स्वास्थ्यकर्मियों (डॉक्टरों और नर्सों) को वीज़ा देने के नियमों में काफी ढील बरती जाएगी और उनसे इमिग्रेशन हैल्थ सरचार्ज भी नहीं वसूला जाएगा। UK सरकार तीन हफ्तों के अंदर-अंदर ऐसे लोगों की अर्जी को स्वीकारने की कोशिश करेगी। UK में बड़े पैमाने पर दक्षिण एशिया और खासकर भारत के डॉक्टर्स काम करते हैं। ऐसे में UK की यह नई नीति उन्हें फायदा पहुंचा सकती है।

UK को नयी इमिग्रेशन नीति से बड़ा फायदा पहुँचने वाला है क्योंकि अब वह किसी भी स्वतंत्र देश की तरह अपने बॉर्डर पर कड़ा नियंत्रण कर पाएगा। इससे पहले UK को यह पता ही नहीं होता था कि EU की free movement स्कीम के तहत किस यूरोपीय देश के लोग उसके यहाँ आ रहे हैं। इसके साथ ही यह भी खबरें आती रहती हैं कि EU के बाहर के लोग भी अपने आप को ईयू का नागरिक बताकर और नकली पासपोर्ट्स बनाकर UK में घुस जाया करते थे। वर्ष 2017 की BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक EU के बाहर के लोग Ireland जाकर नकली पासपोर्ट्स बनाते थे, और वे फिर UK में घुसकर UK की नागरिकता हासिल करने की कोशिश करते थे।

EU की फ्री मूवमेंट पॉलिसी के कारण बड़े पैमाने पर लोग UK में फ्रॉड तरीकों से घुसते थे, और UK के लोगों के लिए चुनौती पैदा करते थे। ऐसे में UK सरकार की नई इमिग्रेशन नीति का सबसे बड़ा फायदा UK के लोगों और वहाँ की अर्थव्यवस्था को होगा। अब UK सिर्फ शिक्षित और skilled लोगों को ही अपने यहाँ आने देगा जिससे UK के लोगों की productivity बढ़ेगी। कुल मिलाकर UK की नई इमिग्रेशन पॉलिसी UK की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान का काम कर सकती है।

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