पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र में अक्सर पाकिस्तान की नापाक हरकतों का पता चलता रहता है। पाकिस्तान इस क्षेत्र के अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार कर पहले ही उनका सफाया कर चुका है, अब उसकी नजर इस क्षेत्र के शिया मुसलमानों पर है। Zee news की एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में, शिया मुसलमानों की आबादी तेजी से घट रही है। पाकिस्तान POJK और गिलगिट बाल्टिस्तान में पंजाब के बड़े घरानों तथा सेना के लोगों को बसा कर एक बड़ा डेमोग्राफिक परिवर्तन कर रहा है। सिर्फ पाकिस्तानी ही नहीं बल्कि चीनी श्रमिकों और उसकी सेना के लोगों को भी यहांं बसाया जा रहा है ताकि, शिया मुसलमानों का नामोनिशान मिट जाए।
पाकिस्तान POK से पहले ही सिख आबादी को साफ़ करने में सफल रहा है। आतंकवाद विरोधी अधिनियम, ईशनिंदा कानून और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा प्रावधानों के माध्यम से, पाकिस्तानी सेना और ISI लगातार PoJK से अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करती रहती हैं। अब वहाँ के मूल शिया मुसलमानों के सफाये की शुरुआत हो चुकी है। पाकिस्तानी सरकार POJK और गिलगित बाल्टिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए काम करने वाले श्रमिकों को लगातार स्थापित कर रही है। पाक अधिकृत कश्मीर में आये दिन CPEC की परियोजनाओं को ले कर लोगों के अंदर विरोध देखा जाता है। अक्सर वहां प्रदर्शन होते हैं जो कभी-कभी हिंसक भी हो जाते हैं। अब पाकिस्तान ने इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए एक अमानवीय तरीका निकाला है और वो है, वहां के मूल शिया निवासियों का सफाया।
पाकिस्तान द्वारा अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न दुनिया से छुपा नहीं है, लेकिन POK में यह कई गुना अधिक है। इस क्षेत्र के लोगों को किसी कीड़े-मकोड़ों की तरह समझा जाता है। न ही उनके पास स्वतंत्रता है, न उनकी भाषा को पहचान मिली है और न ही उनके पास कोई राजनैतिक अधिकार अधिकार हैं।
पहले गिलगिट बाल्टिस्तान और POK शिया बहुल क्षेत्र थे, जहां लोग अपनी मूल भाषा बोलते थे। परंतु पाकिस्तान ने इस क्षेत्रों के ऊपर सुन्नी और उर्दू दोनों को थोप दिया था। यही नहीं, इन क्षेत्रों में बसने के लिए पाक के अन्य क्षेत्रों के सुन्नियों को घरों और नौकरियों की पेशकश तक की गई थी। आज हालात यह है कि, POK उर्दू और पंजाबी भाषी सुन्नी मुसलमानों के प्रभुत्व में आ गया है।
बलूचिस्तान के बलोच और सिंध के हिंदुओं का जो सफाया हो रहा है वो पाकिस्तान की असलियत को दिखाने के लिए काफी है। लेकिन अब पाकिस्तान के भीतर शिया मुसलमान भी खतरे में पड़ चुके हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार सिर्फ गिलगिट-बाल्टिस्तान और POK ही नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के सर पर काला साया मंडराने लगा है। पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के गायब होने की खबर सामने आ रही हैं। दरअसल, पाकिस्तान के शिया कार्यकर्ता लगातार यह दावा कर रहे हैं कि, इरान से लौटने के बाद उन्हें पाक की खुफिया एजेंसी उठा ले जाती है। European Foundation for South Asian Studies (EFSAS) की एक रिपोर्ट के अनुसार ईशनिंदा के आरोप में सबसे अधिक प्रताड़ना शिया समुदाय को झेलनी पड़ती है।
इससे स्पष्ट होता है कि, पाकिस्तान POK तथा गिलगिट और बाल्टिस्तान से हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, सिंधियों और अन्य अल्पसंख्यकों को खत्म करने के बाद अब शिया मुसलमानों का सफाया कर रहा है। यह विडम्बना ही है कि, चीन और एक वर्ग का वर्चस्व बनाए रखने के लिए पाक अपने ही लोगों को मारने में कोई गुरेज नहीं करता है।