चीन के बड़े बाजार के कारण अमेरिका की बड़ी कंपनियों में से एक एप्पल किसी भी स्थिति में चीन के विरोध में कोई कदम नहीं उठाती। इसका उद्देश्य है कि किसी भी प्रकार से चीन की सरकार को प्रसन्न रखा जाए जिससे चीन का मार्केट इसके हाथों से न निकले।
परंतु जब अपने हितों की रक्षा की बात आती है तो चीन की सरकार अपने नागरिकों के अधिकारों का दमन कर देती है, तो ऐसे में एप्पल को मार्केट से बाहर करना उसके लिए बहुत छोटी बात है। यही कारण है कि अमेरिका में भी WeChat बैन होने के बाद चीन ने एप्पल को बैन करने की धमकी दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लीज़िअन ने कहा है कि “अगर WeChat पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है, तो कोई कारण नहीं होगा कि चीन के लोग iPhone और Apple के अन्य उत्पादों को रखेंगे।” अपने बयान में उन्होंने कहा “बहुत से चीनी लोग कह रहे हैं कि वे iPhones का उपयोग करना बंद कर सकते हैं यदि WeChat को अमेरिका में प्रतिबंधित कर दिया गया”। उन्होंने अमेरिका पर ” गैर अमेरिकी कंपनियों को संस्थागतरूप से निशाने बनाने” का आरोप लगाया।
यदि चीन में एप्पल को बैन किया जाता है तो एप्पल को इस से बहुत नुकसान होगा। एप्पल के वैश्विक आय का 16% चीन से आता है। चीन के स्मार्टफोन मार्केट में एप्पल की 8% हिस्सेदारी है। यही कारण था कि एप्पल की चीनी सरकार के दमन के विरोध में भी कोई कार्रवाई नहीं करता था, इसके विपरीत उनका समर्थन ही करता था।
वर्ष 2019 में ही Apple ने Hong-Kong के लोकतन्त्र-समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही दो apps को अपने app स्टोर से हटा दिया था। एप्पल के मालिक टीम ने अपने इस एक्शन के बचाव में कहा था उन्होंने यह फैसला इसलिये लिया क्योंकि यह चीन में अवैध था। इतना ही नहीं, उन्होंने इशारों-इशारों में लोकतन्त्र समर्थकों पर “तकनीक का गलत इस्तेमाल” करने का आरोप भी लगा डाला था।
हाल ही में उसने अपने app स्टोर से 47 हज़ार apps को डिलीट किया था क्योंकि ये चीनी प्रशासन के विरुद्ध थे। इन apps को चीनी सरकार से मंजूरी नहीं मिली हुई थी, लेकिन apple store पर ये उपलब्ध थे।
गौरतलब है कि एप्पल की तरह अमेरिकी कंपनी facebook भी लंबे समय तक जिनपिंग को खुश करने के लिए नए नए पैंतरे अपनाती रही। यहाँ तक कि फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने जिनपिंग से अपने बच्चे का नामकरण करवाने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन जब तमाम कोशिशों में बाद भी उन्हें चीन के बाजार में जगह नहीं मिली तो वे चीन के प्रमुख विरोध बन गए। अब एप्पल के चीनी प्रेम को, चीन ने ही बैन करने की बात कहकर, बड़ा झटका दिया है। अब इसकी पूरी संभावना है कि भविष्य में फेसबुक की तरह एप्पल भी चीन का विरोध करना शुरू करे।