5 अगस्त को असम के सोनितपुर जिले में हिंदुओं की Bike rally पर इस्लामिस्टों के हमले के बाद जिले में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। बजरंग दल से जुड़े युवाओं ने राम मंदिर बनने की खुशी में यह rally निकाली थी। हालांकि, कुछ लोगों को इन युवाओं की खुशी बर्दाश्त नहीं हुई और इनपर “जय श्री राम” बोलने के लिए हमला कर दिया गया।
यह हमला तब हुआ जब ये युवा भोड़ा सींगोड़ी इलाके में भगवान शिव मंदिर की ओर जा रहे थे। मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने युवाओं पर हमला किया। युवा जय श्री राम के नारों के साथ तेज आवाज़ में गाना बजा रहे थे, जिससे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को आपत्ति हुई। मुस्लिम समुदाय के उन लोगों पर बांग्लादेशी घुसपैठिए होने का भी शक है। इसके बाद दोनों गुटों के बीच कहा सुनी हुई और दोनों ओर से हमला किया जाने लगा। कई लोगों को चोटें आई, जबकि मुस्लिम भीड़ द्वारा कई bikes और गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। बाद में इलाके में कर्फ़्यू लगा दिया गया। इस दौरान मुस्लिम भीड़ ने सोनितपुर जिले के डिप्टी कमिश्नर की गाड़ी और अन्य सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया!
असम सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है। पीड़ितों को न्याय दिलाने में भाजपा MLA अशोक सिंघल अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे पीड़ितों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए स्वयं Ground Zero पर हैं। ऐसा हमला करने वाले इस्लामिस्टों को “बाबर-भक्त” बताते हुए अशोक सिंघल यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि हिन्दू युवकों पर हुए इस हमले का भरपूर और माकूल जवाब दिया जाये।
मुस्लिम भीड़ को अशोक सिंघल ने “बाबर भक्त” बताया है। इतना ही नहीं, अशोक सिंघल ने उन युवाओं को नई Bikes भी बांटी है, जिनकी Bikes को इस्लामिस्टों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। उनके मुताबिक वे इस मामले में खुलकर हिन्दू युवाओं के साथ खड़े हैं।
Today I distributed seven new bikes to all those who were brutally attacked & whose bikes were burnt down on 5th of Aug by a gang of Babur Bhakts for celebrating Ram Mandir Bhumi Pujan.
I assure again that no one who were involved in attacking the Ram Bhakts will be spared. pic.twitter.com/7c9jp4lxch
— Ashok Singhal (Modi Ka Parivar) (@TheAshokSinghal) August 8, 2020
इससे पहले 7 अगस्त को अशोक सिंघल ने असम के CM से मिलकर उन्हें स्थिति के बारे में अवगत भी कराया था, और CM से दोषियों को सज़ा दिलवाने की अपील भी की थी। उन्होंने इसके अलावा मुख्यमंत्री से उस इलाके को घुसपैठियों से मुक्त कराने हेतु भी अपील की थी। बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा उस क्षेत्र पर कब्जे के कारण इलाके के हिंदुओं के लिए सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया है।
ऐसी भी खबरें हैं कि जिस भीड़ ने इन हिन्दू युवाओं पर हमला किया, वह “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” के नारे लगा रही थी। ऐसे में राज्य सरकार या BJP MLA द्वारा उन्हें “बाबर भक्त” कहकर पुकारना कोई अतिशयोक्ति नहीं है। इस एक घटना के बाद जिस प्रकार असम सरकार ने तुरंत एक्शन लिया है और इस मामले के प्रति अपनी गंभीरता दिखाई है, वह प्रशंसनीय है और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को यहाँ असम से काफी कुछ सीखने की ज़रूरत है।
ममता बनर्जी के राज्य में भी रामजन्मभूमि शिलान्यास अवसर पर उत्सव के दौरान रामभक्तों पर अत्याचार किए जाने की खबरें सामने आई हैं। कई जगहों पर रामभक्तों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया गया। पुलिस ने कई जगह पूजा को जबरन रोकने की कोशिश की। यहाँ तक कि महिलाओं पर भी लाठीचार्ज किया गया। हालांकि, ममता सरकार द्वारा ज़मीन पर कोई एक्शन देखने को नहीं दिखाई दिया है। हिंदुओं को बंगाल में लगातार निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, जिस तत्परता से असम सरकार ने पीड़ितों की आवाज़ सुनी है और उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश शुरू की हैं, उससे ममता सरकार बहुत कुछ सीख सकती है।