पाकिस्तान चीन की गुलामी में इस कदर डूब चुका है कि अब चीनियों के सामने पाकिस्तानी आर्मी के जवानों की कीमत भी न के बराबर हो चुकी है। CPEC पर काम करने वाले चीन के मजदूर सेना के जवानों को पीट कर चले जाते हैं और अधिकारियों कोई फर्क नहीं पड़ता। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार चीनी लेबर न केवल जवानों को पीटते हैं बल्कि उनकी गाड़ी छिनते हैं और तो और गाड़ी को रेड लाइट एरिया में ले जाते हैं। परंतु पाकिस्तान आर्मी के अधिकारी कुछ नहीं करते क्योंकि उन्हें ऊपर से आदेश नहीं है, कुछ एक्शन लेने का।
दरअसल, Times Now की रिपोर्ट के अनुसार, 21 जुलाई को CPEC पर काम करने वाले चीनी मजदूरों ने पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला कर दिया था लेकिन इस मामले को दबा दिया गया। चीनी मजदूरों ने पाकिस्तानी सेना के दो सैनिकों – हवलदार असदुल्लाह और सैपर फ़ज़ल उर रहमान की पिटाई की। हैरानी की बात तो ये है कि इन दोनों ने पलट कर जवाब नहीं दिया क्योंकि इसने पास ऊपर से जवाबी कार्रवाई न करने के सख्त आदेश हैं। सैनिकों के पिटे जाने के बावजूद कैंप कमांडेंट, मेजर शहजाद ने सेना की टुकड़ी को जवाबी कार्रवाई न कर Disengage करने का आदेश दिया।
अपने आप को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना समझने वाली पाकिस्तान सेना के लिए के लिए पाकिस्तान में काम करने वाले चीनी नागरिक कानून से ऊपर हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस घटना से पाकिस्तानी सेना के सैनिक हताश हुए हैं क्योंकि उन्हें पता है कि लेफ्टिनेंट कर्नल कासिम जैसे उनके अधिकारी चीनी ठेकेदारों के साथ शामिल हैं, जो चीनियों से पैसे लेते हैं और कम दामों में स्थानीय मजदूरों की आपूर्ति करते हैं।
बता दें कि पाकिस्तानी सेना जो CPEC की सुरक्षा के लिए तैनात है और चीनी मजदूरों के बीच यह लड़ाई पहली बार नहीं हुई थी। पिछले वर्ष जून में 341 लाइट कमांडो ब्रिगेड ने दो बार शिकायत की थी कि चीनी मजदूर उनकी गाड़ियों का अनावश्यक इस्तेमाल करते हैं और उसे Red Light Area में ले कर जाते हैं।
पाकिस्तान आर्मी के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल होना और अपनी ही सेना के जवानों पर हमले पर चुप्पी दिखाता है कि ये अधिकारी अपने देश को बेचने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। सेना अपने जवानों से ही बनती है और जब उनकी ही प्रताड़णा होगी तो उस सेना का पतन निश्चित है।
पाकिस्तान की सरकार पहले से ही चीन की सरकार के तलवे चाट रही है अब पाकिस्तानी सेना के इस तरह की अपनी ही सेना की बेइज्जती करना पाकिस्तान की दशा का परिचायक है। यह एक नया निम्नस्तर है जहां से सिर्फ और सिर्फ गर्त है।
किसी ने ठीक ही कहा था कि पाकिस्तान देश नहीं है बल्कि बस एक भारत विरोधी सोच है जिसे जमीन का टुकड़ा मिल गया है। पाकिस्तान सरकार तो बस नाम की है जिसके असली मालिक सेना के अधिकारी है जिन्हें देश की गरिमा से कोई मतलब नहीं है। वैसे इसमें हैरानी भी नहीं है क्योंकि पाकिस्तान कंगाली में बस दास बनकर रह गया है क्योंकि अब वह चीन द्वारा दिये गए लोन पर ही साँसे गिन रहा है। अगर विरोध प्रकट करने की कोशिश की तो चीन लोन बंद कर देगा जिसके बाद पाकिस्तान की साँसे भी बंद हो जाएगी।