आतंकियों का वित्तपोषण करने वाले पाकिस्तान का पत्ता अब हमेशा के लिए कट सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी साल अक्टूबर में FATF पाकिस्तान को लेकर एक रिव्यू मीटिंग करने वाला है, और इसमें पाकिस्तान को black list किया जा सकता है। वर्ष 2018 से ही पाकिस्तान FATF द्वारा ग्रे लिस्ट में डाला जा चुका है। हालांकि, इसके बाद भी पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में पाकिस्तान का black list होना तय माना जा रहा है।
इमरान खान के सत्ता में आने से पहले से ही FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। उसके बाद से खान अपने देश को इस लिस्ट से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत-अमेरिका और अन्य मित्र देशों ने पाकिस्तान को अभी तक कोई राहत प्रदान नहीं की है। अब की बार पाकिस्तान के खिलाफ केस और भी ज़्यादा मजबूत है, क्योंकि अब की बार अफ़ग़ानिस्तान और सीरिया में आतंकी सगठन ISIS को मदद पहुंचाने को लेकर भी पाकिस्तान के खिलाफ जांच की जा रही है। Black list होने के बाद कंगाल पाकिस्तान को कर्ज़ और नया निवेश मिलना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि अब अमेरिका ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की भूमिका की जाँच शुरू कर दी है जिससे पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं। सीरिया में अमेरिका समर्थित कुर्दों की Syrian Democratic Forces के कैद में बंद 29 पाकिस्तानी मूल के ISIS आतंकियों से अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही है। अमेरिकी सिक्योरिटी फोर्सेज अब इन पाकिस्तानी नागरिकों से पूछताछ कर रही है और ये पता करने का प्रयास कर रही है कि उन्हें ISIS के लिए सीरिया में किसने भेजा और वो किस आतंकी समूह से सम्बंधित हैं। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इन आतंकियों में से 4 ने तुर्की और सूडान जैसे किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल की थी, जबकी इस सूची में महिला लड़ाके भी हैं। साथ ही अमेरिकी एजेंसी पाकिस्तान सरकार और वहां की मिलिट्री के ISIS खुरासान से संबंधों की जांच करेंगी। बता दें की ISIS खुरासान अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन है। इसका उद्देश्य भारत और दक्षिण एशिया में अतिवादी इस्लामिक आतंक को फैलाना है।
इसके अलावा भारत की जांच एजेंसी NIA भी बॉर्डर पार आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान के खिलाफ जांच कर रही है। हाल ही में NIA ने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर समेत 19 पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। ऐसे में पाकिस्तान पर कश्मीर, सीरिया और अफ़ग़ानिस्तान में आतंक फैलाने के आरोप हैं और अब की बार FATF पाकिस्तान को गंभीर सज़ा दे सकता है।
अब इमरान खान भी जानते हैं कि FATF में उनका blacklist होना लगभग तय है। ऐसे में वे money laundering रोकने के लिए अपनी संसद में दो बिल लेकर आए थे। एक बिल Anti-Money-Laundering (Amendment bill) था, तो वहीं दूसरा बिल Islamabad Capital Territory Waqf Properties Bill था। हालांकि, पाकिस्तान की सीनेट में यह बिल तब अटक गया जब सदन के नेता शहजाद वसीम ने पिछले हफ्ते विपक्षी नेता के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणियों पर माफी मांगने से इनकार कर दिया था। सीनेट में विपक्ष के पास बहुमत है, ऐसे में विपक्ष ने हँगामा खड़ा कर दिया और बिल पास नहीं हो पाया। इसके बाद इमरान खान ने विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और अपने black money को छुपाने का आरोप लगाया है।
इमरान खान ने ट्वीट करते हुए कहा “आज सीनेट में, विपक्ष ने एफएटीएफ से संबंधित दो अहम विधेयकों को खारिज कर दिया- धनशोधन विरोधी विधेयक और आईसीटी वक्फ विधेयक। पहले दिन से मैं इस बात पर कायम हूं कि विपक्षी नेताओं के स्वार्थी हित और देश के हित भिन्न हैं।”
Today in Senate the opposition defeated 2 critical FATF-related bills: Anti Money Laundering & ICT Waqf bills. From day one I have maintained that the self-serving interests of the opposition leaders & the country's interests are divergent. As accountability noose has tightened,
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 25, 2020
इसके बाद खान ने एक और ट्वीट किया “विपक्षी नेता संसद को कार्य करने से रोकने की कोशिश कर अपने अवैध पैसे को बचाने के लिए बेताब हैं- पहले सरकार की प्रभावी कोविड-19 रणनीति को कमतर बताकर और अब एफएटीएफ की काली सूची से निकलने के पाकिस्तान के प्रयासों को नाकाम कर विपक्ष पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं होने देना चाहता। ये सब अपने लूट के पैसों को बचाना चाहते हैं”।
Opposition tries to hide behind facade of democracy to protect their loot & plunder. To blackmail for NRO by defanging NAB, they would even have Pak put on FATF black list to destroy nation's economy & increase poverty. They keep threatening to bring down govt unless given NRO.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 25, 2020
Let me make clear: No matter what happens, my govt will not allow any NRO as it would be betrayal of nation's trust in holding plunderers of public wealth accountable. Musharraf gave NROs to the 2 pol ldrs which quadrupled our debt & destroyed economy. There will be no more NROs
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 25, 2020
ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पाकिस्तान को black list किए जाने के बाद विपक्ष पर ज़िम्मेदारी डालने का इंतजाम भी अभी से कर चुके हैं। इमरान की बौखलाहट से साफ देखा जा सकता है कि पाकिस्तान का पत्ता जल्द ही कटने वाला है।