यूपी का जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र बनेगा देश का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

योगी के नेतृत्व में यूपी ले रहा सपनों की उड़ान

कोरोना के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बदहाल है. लेकिन उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां निवेशकों का भरोसा सरकार पर कायम है। यही कारण है कि यहाँ कोरोना के बावजूद बड़ी मात्रा में निवेश हो रहा है। इसमें बड़ी भूमिका है उत्तर प्रदेश सरकार के जेवर एयरपोर्ट की योजना की भी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मई-जून में जेवर एयरपोर्ट के पास कुल 69 फर्म्स को इंड्रस्टियल लैंड दिया गया है। इसके बाद सरकारी अधिकारियों का अनुमान है कि, इसके चलते इस क्षेत्र में 86 हजार नई नौकरियां पैदा होंगी। यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अनुसार मई में 9 फर्म्स, जून में 16 और जुलाई में सबसे अधिक 44 फर्म्स को यहाँ भूमि आवंटित की गई है। यह सब संभव हुआ है जेवर एयरपोर्ट के विकास के कारण।

5000 हेक्टेयर में प्रस्तावित इस एयरपोर्ट के प्रथम फेज़ में, भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस एयरपोर्ट में कुल 6 से 8 रनवे होंगे।  एक अनुमान के मुताबिक, प्रथम चरण का कार्य साल 2023 तक पूरा हो जाएगा। अपने एक बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यह एशिया का सबसे बड़ा और भव्य एयरपोर्ट होगा।

इसका विचार वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तब दिया था जब वे उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री थे। उनके शासन में इस एयरपोर्ट से सम्बंधित प्लान बनकर तैयार होने में दो वर्ष लगे थे और साल 2003 में वाजपेई सरकार ने इसे मंजूरी दे दी थी।

साल 2001 में प्रस्तावित यह एयरपोर्ट, कांग्रेस सरकार के दौरान ठंडे बस्ते में चला गया। कांग्रेस सरकार में इसे इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी क्योंकि, यह एयरपोर्ट दिल्ली के इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे से 72 किलोमीटर दूर था। ऐसे में IGI का ट्रैफिक कम होने से उसका रेवेन्यू भी कम हो जाता, इसीलिए इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया। हालांकि कांग्रेस की सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया कि जैसे-जैसे दिल्ली-एनसीआर में औद्योगीकरण बढ़ेगा, वैसे-वैसे IGI पर दबाव भी बढ़ने लगेगा।

जब प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनी तो, नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस प्रोजेक्ट के लिए नया प्रस्ताव लेकर आया। हालांकि इसकी गति तेज नहीं हो पायी क्योंकि उत्तरप्रदेश में तब की सपा सरकार से उसे पूर्ण सहयोग नहीं मिला। यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपनी सरकार के दौरान इस प्रोजेक्ट के बजाए आगरा में नया हवाई अड्डा बनाने का विचार रखा। लेकिन अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस योजना को एक नई गति प्रदान की है।

साल 2018 में नॉएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड बनी जिसने इस प्रोजेक्ट की नीलामी शुरू की. स्विट्ज़रलैंड की एक कंपनी ने इसे बनाने का टेंडर प्राप्त किया। सरकार इस प्रोजेक्ट पर 30,000 करोड़ रूपये खर्च करेगी जबकि एक अनुमान के मुताबिक इस प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश को करीब 1 लाख 10 हजार करोड़ रूपए का मुनाफा होगा।

इस प्रोजेक्ट के कारण बड़ी संख्या में निवेशकों के आने की संभावना है। इसी वर्ष जेवर एयरपोर्ट को दुनिया के 100 स्ट्रेटेजिक ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में स्थान मिला था। यह केंद्र और राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि है क्योंकि, इससे विदेशी निवेशकों में सरकार के इस प्रोजेक्ट के प्रति विश्वास बढ़ेगा। सरकार के इस प्रोजेक्ट की सफलता की कहानी न्यूयॉर्क में होने वाले तेरहवें Global Infrastructure Leadership Forum में बताई जाएगी।

इस एयरपोर्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि, यह दिल्ली से 72 किलोमीटर, ग्रेटर नोएडा से 28 किलोमीटर और नोएडा से 40 किलोमीटर दूर है। साथ ही यह यमुना एक्सप्रेस से 700 मीटर की दूरी पर है। ऐसे में इस एक प्रोजेक्ट के कारण आने वाले समय में इस पूरे क्षेत्र की कायापलट होने की सम्भावना है।

अगर इसके साथ बन रहे अन्य प्रोजेक्ट्स की बात करें, तो इस एयरपोर्ट को मेट्रो रूट द्वारा IGI एयरपोर्ट से भी जोड़ने की योजना है। साथ ही इसके नजदीक एक ट्रामा सेंटर और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी बनाया जा रहा है।

बता दें कि, अखिलेश सरकार के दौरान बन कर पूरा हुआ यमुना एक्सप्रेस वे, आए दिन होने वाले हादसों के कारण मौत का एक्सप्रेस वे कहलाने लगा था। इसका कारण यह था कि, इस एक्सप्रेस वे के नजदीक में कोई बड़ा अस्पताल नहीं था। इसके कारण रोड एक्ससीडेंट होने के बाद घायलों को दिल्ली ले जाना होता था। लेकिन योगी सरकार ने इस समस्या का समाधान कर दिया है।

सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जिस तेजी से भारत में निवेश हो रहा है, उतनी ही तेज़ी से भारत में नए इंडस्ट्रियल हब बनाने होंगे। गुरुग्राम जो एक समय भारत के आर्थिक विकास की पहचान था अब भूमि की कमी की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में नोएडा का यह क्षेत्र गुरुग्राम से बेहतर विकल्प बन गया है। योगी आदित्यनाथ ने मार्च में अपने एक बयान में कहा था कि यह क्षेत्र आने वाले पांच दस सालों में भारत का सबसे विकसित क्षेत्र हो जाएगा। निश्चय ही यह कहा जा सकता है कि, योगी शासन में उत्तर प्रदेश कैसे बदल रहा है, इसका सबसे अच्छा उदहारण नोएडा में बन रहा जेवर एयरपोर्ट है।

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