कोरोना पर ट्रम्प का रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है। हालांकि, इस दौरान वे एक मोर्चे पर बेहद सफल रहे हैं। पिछले 3 से 4 महीनों में ट्रम्प अमेरिकी नागरिकों को यह विश्वास दिलाने में सफल रहे हैं कि चीन ही उनका सबसे बड़ा दुश्मन है और कोरोना के लिए वही जिम्मेदार है। ट्रम्प चीन को एक चुनावी मुद्दा बनाने में सफल रहे हैं। यह बात ट्रम्प के विरोधी Joe Biden अब तक समझ नहीं पाये हैं, और शायद यही कारण है कि वे चुनावों से पहले ही अपनी कब्र खोदने में लगे हैं।
दरअसल, हाल ही के फैसले में Joe Biden ने यह ऐलान किया है कि वे सत्ता में आने के बाद ट्रम्प द्वारा चीनी सामान पर लगाए गए tariffs को खत्म कर देंगे और चीन के साथ कोई trade war नहीं करेंगे। Biden ने यह बयान अमेरिकी पत्रकार लूलू गार्सिया को दिये एक interview में दिया। Biden ने ट्रम्प पर यह आरोप भी लगाया कि उनके trade war की वजह से उत्पादन क्षेत्र मंदी का शिकार हो गया और कृषि क्षेत्र को भी अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है।
इससे एक बात तो स्पष्ट है कि अगर Biden सत्ता में आते हैं, तो वे ट्रम्प की तरह शी जिनपिंग पर दबाव नहीं बनाएँगे बल्कि वे चीन को oxygen देने का काम करेंगे। जैसे ही Biden का ये विवादित बयान सामने आया, उनके प्रबन्धक damage control करने की कोशिश में जुट गए। उनके एक सहायक ने मीडिया को कहा “अब तक tariffs हटाने को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। वे ऑफिस में आने के बाद tariffs पर पुनर्विचार करेंगे।“ स्पष्ट है कि tariffs के सवाल पर Biden खुद से कोई ढंग का जवाब नहीं दे पाये और उनके सहायक को सामने आकर एक संतुलित जवाब देना पड़ा।
यही एक बड़ा फर्क है ट्रम्प और Biden के बीच में! ऐसा लगता है मानो Biden एक अलग ही दुनिया में जी रहे हैं, जहां उन्हें चीन के खतरे का कोई अहसास ही नहीं है। ट्रम्प एक बिजनेसमैन है और वे जानते हैं कि व्यापार में कैसे सामने वाले की बाज़ू मरोड़ी जाती है और खासकर तब जब अमेरिका ऐसा करने की स्थिति में है। ट्रम्प जो खेल खेल रहे हैं, वे उसके माहिर खिलाड़ी हैं, जबकि Biden बाहर से आए किसी मासूम और अबोध बालक की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
ट्रम्प चीनी व्यापार पर प्रतिबंध की बात कर रहे हैं, वे चीनी टेक empire को बर्बाद कर उसपर कब्जा करने की बात कर रहे हैं, वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को चाइना-फ्री करने की बात कर रहे हैं और फिर नींद से जागकर आते हैं Joe Biden, जो बोलते हैं कि वे चीनी सामान से tax हटा देंगे। अमेरिकी वोटर्स पर इसका क्या प्रभाव पड़ा होगा, उसकी आप कल्पना ही कर सकते हैं।
Biden बीजिंग के खिलाफ एक संतुलित व्यवहार रखना चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शायद रूस उनका सबसे बड़ा दुश्मन है। अमेरिकी नागरिकों को चीन से नफरत है और वे अपने राष्ट्रपति को चीन से नफरत करते देखना चाहते हैं। चीन से नफरत करने में ट्रम्प का कोई मुक़ाबला नहीं है। Biden तो इस लड़ाई में कहीं नहीं ठहरते। अगर Biden को लगता है कि अमेरिकी वोटर्स चीन पर उनके नर्म व्यवहार के बावजूद उनका समर्थन करेंगे, तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल साबित होगी। लगता है Biden उन नकली और प्रोपेगैंडावादी opinion polls और Approval ratings को ज़्यादा ही गंभीरता से लेने लगे हैं, जिनमें Biden को विजयी होते दिखाया जा रहा है।
Biden का चीन प्रेम अब किसी से छुपा नहीं है। यह अमेरिकी हितों के खिलाफ है जिसे अमेरिका के नागरिक भली-भांति समझते हैं। चीन पर लगे tariffs हटाने की बात कर चुनावों से पहले ही Biden ने अपनी कब्र खोद ली है। चुनावों के बाद Biden को आराम करने और राजनीति से सन्यास लेने का बढ़िया अवसर मिलने वाला है।