सूरज पश्चिम दिशा से उदय हो सकता है, कुत्ते की पूँछ भी सीधी हो सकती है, चीन एक लोकतांत्रिक देश तक बन सकता है और शायद रवीश कुमार एक दिन जय श्री राम का नारा भी लगा सकते हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी अपना दोगला स्वभाव बदल ले, यह तो असंभव ही है। अपने प्रोपगैंडावादी स्वभाव का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए आम आदमी पार्टी ने हाल ही में ये झूठ फैलाने का प्रयास किया कि, भाजपा ने शाहीन बाग के प्रदर्शन को बढ़ावा दिया।
हाल ही में शाहीन बाग के भारत विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े एक कार्यकर्ता शहजाद अली को दिल्ली भाजपा में शामिल किया गया। इसपर कई भाजपा समर्थक नाराज़ हुए और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना आक्रोश भी जताया। इसी बीच आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता अक्षय मराठे ने भाजपा पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के जिस धड़े ने यह कहा कि उनके द्वारा रोड को ब्लॉक करना उनके प्रदर्शन का अभिन्न हिस्सा था, उन्हें भाजपा फंड कर रही थी. इसीलिए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन जारी रहने दिया, ताकि सांप्रदायिकता को भड़काई जा सके. इसी कारण शहजाद अली ने भाजपा जॉइन की“ –
The section of Shaheen Bagh protestors who insisted that the blocking of an arterial road was fundamental to their protest were funded and backed by the BJP to polarise
That's why Delhi Police allowed the protest to go on
That's why Shahzad Ali joined BJP. #BJPShaheenBaghExpose
— Akshay Marathe (@AkshayMarathe) August 17, 2020
वाह, क्या लॉजिक है! आम आदमी पार्टी के इस सुप्रीम लॉजिक को यहीं तक सीमित नहीं रखा गया। आम आदमी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी ट्वीट किया गया, “शाहीन बाग के तार भाजपा से जुड़े हुए हैं“ –
शाहीन बाग के तार भाजपा से जुड़े हुए है।#BJPShaheenBaghExpose pic.twitter.com/KeFyag9bRF
— AAP (@AamAadmiParty) August 17, 2020
लेकिन आम आदमी पार्टी का यह प्रोपगैंडा उन्हों पर भारी पड़ गया। जिन लोगों ने शाहीन बाग के प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और जिन्हें खुद आम आदमी पार्टी ने बढ़ावा दिया, वे लोग आम आदमी पार्टी के इस दोगलेपन से बुरी तरह भड़क गए और उन्होंने आम आदमी पार्टी की आलोचना में कोई कसर नहीं छोड़ी।
एल शाबाज़ नामक ट्विटर अकाउंट ने आम आदमी पार्टी के ट्वीट पर तंज़ कसते हुए लिखा, “शाहीन बाग के प्रदर्शनों को भाजपा से जोड़ना, और यह कहना कि जो मुसलमान आदमी, औरतें और बच्चे कड़कड़ाती सर्दी में वहाँ शाहीन बाग की सड़कों पर लगे रहे थे, वो नागरिकता के हक के लिए नहीं, बल्कि भाजपा के साथ थे, ऐसा सोचना भी नीचता की हद पार करना है“।
एक अन्य यूजर मुहम्मद आसिफ खान ने ट्वीट किया, “खालिद सैफी, मीरान हैदर, इशरत जहां, आसिफ तनहा, उमर खालिद जैसे कई मुसलमान कार्यकर्ता यूएपीए के अंतर्गत जेलों में बंद है। पर इस संघी साँप अरविंद केजरीवाल का कहना है कि शाहीन बाग को भाजपा ने प्रायोजित कराया था“ –
परंतु बात यहीं पर नहीं रुकी। सानिया अहमद नामक यूजर ने ट्वीट किया, “सफ़ूरा और मीरन जेल में थी, क्योंकि शाहीन बाग भाजपा द्वारा प्रायोजित थी? महिला प्रदर्शनकारियों को दिन रात अपमानित किया गया और 500 रुपये वाली कहा गया क्योंकि शाहीन बाग भाजपा की चाल थी? थोड़ी तो शरम कीजिये“ –
इसके अलावा द प्रिंट के लिए काम करने वाले सैफ ऊल्लाह खान ने लिखा, “ शाहीन बाग का प्रदर्शन कोविड के कारण खत्म हुआ था। किसी भी आयोजक ने भाजपा जॉइन नहीं की। अधिकतर मुसलमान बहुल सीटें जीतने के बाद आम आदमी पार्टी का यह कहना कि महिलाओं द्वारा चलाए गए इस अभियान को प्रायोजित किया गया था, न केवल अपमानजनक है बल्कि उन वोटरों पर भी लांछन है जिन्होंने इन्हें वोट दिया“ –
आम आदमी पार्टी ने सोचा कि भाजपा पर शाहीन बाग को प्रायोजित करने का आरोप लगा कर वह अल्पसंख्यकों में अपना विश्वास कायम रखेगी, लेकिन ये दांव उसी पर उल्टा पड़ गया और पार्टी को दोगला स्वभाव सबके सामने उजागर हो गया। आम आदमी पार्टी को जिस तरह कट्टरपंथी मुसलमानों ने ट्रोल किया, उससे अब इतना तो साफ है कि, आने वाले समय में इस पार्टी का सबसे ‘भरोसेमंद’ वोट बैंक भी उसके हाथ से छिन सकता है।