जुलाई महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जब देश में 59 चीनी एप्स पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया, तो देश में मानो हड़कंप सा मच गया था। कुछ लोग इस App Ban से बेहद खुश थे, तो वहीं कुछ लोग हैरान थे। हैरान इसलिए क्योंकि यह किसी से सोचा नहीं था कि मोदी सरकार एकाएक चीन पर digital strike करने के लिए इतना बड़ा फैसला ले लेंगे। Ban होने वाली एप्स में TikTok जैसी एप्स भी थी, जिसके भारत में करोड़ो यूजर्स थे। सरकार के इस फैसले से देश के करोड़ो लोगों पर सीधा प्रभाव पड़ा और लोगों ने सरकार का पूरा साथ भी दिया।
हालांकि, दुनिया की अन्य सरकारों के लिए इस तरह का बड़ा फैसला लेना कोई आसान बात नहीं है। उदाहरण के लिए अमेरिका में ट्रम्प सरकार को ही ले लीजिये। भारत के बड़े कदम के बाद ट्रम्प भी अपने देश में TikTok को प्रतिबंधित करना चाहते थे। वे इसका पूरा मन बना चुके थे। हालांकि, उनकी पार्टी के प्रभावी लोगों ने ऐसा होने नहीं दिया। Reuters की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी पार्टी के लोगों को इस बात का डर था कि अगर उन्होंने TikTok को ban कर दिया, तो अमेरिका के युवा वोटर्स पार्टी से मुंह मोड लेंगे।
ट्रम्प भी अपनी पार्टी के लोगों के दबाव में झुक गए और अब वे TikTok को अपने आप को बेचने के लिए कह रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने TikTok को 6 हफ्तों का समय दिया है, जिसमें यह चीनी कंपनी अपने आप को किसी अमेरिकी कंपनी को बेच सकती है। Media Reports के मुताबिक Microsoft Tiktok को खरीदने में बेहद दिलचस्पी दिखा रही है। ट्रम्प ने यह तक कहा है कि अमेरिकी सरकार को भी डील में से कुछ आर्थिक फायदा होना चाहिए।
इस बात से समझा जा सकता है कि दोनों नेताओं की राजनीति में कितना बड़ा अंतर है। ट्रम्प बेशक अमेरिका में बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन इसके बावजूद वे TikTok जैसी App को प्रतिबंधित करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखा पाये। उन्हें चीन के खिलाफ एक्शन लेने से ज़्यादा अपनी वोट्स की चिंता होने लगी। उन्हें लगा कि यह एक App उनके राजनीतिक करियर को खतरे में डाल सकती है। उस दिन ट्रम्प को भी अहसास हो गया होगा कि वे प्रधानमंत्री मोदी जितने लोकप्रिय नहीं है, और न ही उनके पास पीएम मोदी जितनी राजनीतिक शक्ति है, जिसके बल-बूते वे TikTok को ban कर पाते। बाद में एक राजनेता ट्रम्प पर एक बिजनेसमेन ट्रम्प हावी हो गया और उन्होंने TikTok को किसी अमेरिकी कंपनी के साथ डील करने का आदेश दे दिया।
अब बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करें, तो उन्होंने चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए बिना किसी से पूछे सीधा एप्स को ban करने का निश्चय कर लिया। प्रधानमंत्री मोदी को देश के करोड़ों लोगों का भरपूर समर्थन हासिल है। ऐसे में जब पीएम मोदी ने TikTok को ban किया तो खुद tiktokers ने इसका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता देश में और बढ़ गयी। इस App ban से पहले वैसे भी देश में TikTok vs YouTube की जंग देखने को मिल रही थी। ऐसे में इस फैसले के बाद YouTubers में खासा उल्लास देखने को मिला। प्रधानमंत्री मोदी पर लोगों का विश्वास इतना मजबूत है कि उनके बड़े से बड़े फैसलों को लोग आसानी से स्वीकार कर लेते हैं। नोटबंदी इसका एक बड़ा उदाहरण है। उस फैसले का असर भी सीधा देश के 135 करोड़ लोगों पर पड़ा था। हालांकि, ट्रम्प अपने देश में इस तरह का फैसला लेने की कभी सोच भी नहीं सकते। यह दिखाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में ज़मीन आसमां का फर्क है।