पारदर्शी और फेसलेस टैक्सेशन, भारत के करदाताओं के सम्मान के लिए मोदी सरकार की शुरुआत शानदार है

यदि आप ईमानदारी टैक्स भरते हैं तो खुश हो जाइये

टैक्स

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय टैक्स प्रणाली में एक बड़ा सुधार करने का एलान किया है, जो पूरे देश को ‘tax terrorism’ कहलाने वाली लंबी प्रशासनिक प्रक्रिया से बचाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने “Transparent Taxation – Honouring the Honest’ योजना के तहत तीन बड़े सुधारों की घोषणा की- जो क्रमशः फेसलेस असेसमेंट (Faceless Assessment), फेसलेस अपील (Faceless Appeal) और टैक्सपेयर्स चार्टर (Taxpayers Charter) हैं।

इन सुधारों का उद्देश्य टैक्स प्रणाली की जटिलताओं को कम करना, टैक्स जमा करने में नियमों के अनुपालन में आसानी और टैक्स अधिकारियों से मिलकर टैक्स जमा करने अर्थात उनसे संपर्क और आयकर भुगतान में सरकारी हस्तक्षेप को कम करना है। टैक्स के गड़बड़ी वाले मामलों के अतिरिक्त साधारण और ईमानदारी से टैक्स भरने वालों को सम्मान और सुविधा प्रदान करना इसका उद्देश्य है।

साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी से ईमानदारी से टैक्स भरने की अपील करते हुए कहा कि “गलत तौर-तरीके सही नहीं है और छोटे रास्ते नहीं अपनाना चाहिए। हर किसी को कर्तव्यभाव को आगे रखते हुए काम करना चाहिए।” साथ ही टैक्स में दूसरों द्वारा की जाने वाली धांधलियों के कारण ईमानदार tax payers को होने वाली दिक्कतों की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ” देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा, ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई। इसी चक्कर के कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग बढ़ा। “

टैक्स प्रणाली में सुधार की प्रक्रिया का उद्देश्य भारत में व्यापार के अनुरूप माहौल तैयार करना है। यही कारण था कि पिछले साल भारत सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स भी घटाया था। अब इसी क्रम में टैक्स प्रणाली को टेक्नोलॉजी पर आधारित किया जा रहा है जिससे यह बदलती अर्थव्यवस्था के साथ चल सके।

फेसलेस असेसमेंट से तात्पर्य है कि अब टैक्स देने के लिए आपको अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। करदाताओं को किस अधिकारी के पास जाना है यह भी किसी अधिकारी द्वारा तय किये जाने के बजाए कम्प्यूटर द्वारा निर्धारित होगा। टैक्स प्रणाली में निष्पक्षता, गोपनीयता और न्यायपूर्ण व्यवस्था को बनाने के लिए करदाताओं के चार्ट को तैयार किया जा रहा है। फेसलेस अपील के तहत अपील किसी भी अधिकारी को Random तरीके से आवंटित की जा सकती है। अपील पर निर्णय लेने वाले अधिकारियों की पहचान अज्ञात होगी और जवाब इलेक्ट्रॉनिकली भी दिया जा सकता है। साथ ही टैक्सपेयर चार्टर के फीचर्स कई होंगे जैसे, करदाताओं की गोपनीयता का सम्मान किया जाएगा, शिकायत दर्ज करने के लिए तंत्र प्रदान किया जाना, सेवा मानकों का प्रकाशन और वक्त-वक्त पर रिपोर्ट देना आदि। इस तरह से प्रणाली से सरकारी नियंत्रण को खत्म किया जाएगा।

गौरतलब है कि कोरोना के फैलाव के बाद से भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में इजाफा हुआ है। साथ ही भारत सरकार ने औद्योगीकरण के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू कर दिया है। भारत सरकार की तयारी है कि चीन को वैश्विक बाजार के हर उस क्षेत्र से बाहर किया जाए जहाँ वो आज काबिज है, ऐसे में भारत सरकार को अपने व्यापारियों पर भरोसा दिखाना जरूरी था। यह योजना लोगों को देश की आर्थिक तरक्की में हिस्सेदारी करने को प्रोत्साहित करेगी।

इसके पहले कई संस्थाओं ने इस प्रकार के बदलाव की मांग उठाई थी, जिससे टैक्स प्रणाली में सरकारी हस्तक्षेप कम हो सके। परंतु देश में डिजिटलाइजेशन का व्यापक फैलाव न होने के कारण इसके सफल होने की उम्मीद नहीं थी। किन्तु मोदी सरकार ने देश का पिछले छह सालों में तेजी से जो डिजिटलाइजेश किया है उसका सही लाभ अब मिलेगा। टैक्स प्रणाली में सुधार न सिर्फ लोगों को ईमानदारी से टैक्स भरने में मदद करेगा बल्कि भारत में व्यापर को और आसान बना देगा। इस और इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है।

भारत पिछले कुछ सालों में के ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में तेजी से ऊपर आया है। साथ ही कोरोना के बाद जैसे बड़ी कंपनियां चीन छोड़कर बाहर निकल रही हैं ऐसे में भारत को तत्काल अपने टैक्स प्रणाली में सुधार की आवश्यकता थी। यही कारण था की पिछले 3-4 हफ्तों में प्रधानमंत्री कार्यालय की देश के टैक्स अधिकारियों से कई दौर की बैठकें हुई जिससे इस योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इसमें से कुछ सुधार तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं जबकि फेसलेस अपील स्कीम 25 सितम्बर से लागू होगी।

 

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