मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए चीन ने कई चाल चलीं, सारी उसी पर भारी पड़ गयी

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मोदी

चीन प्रोपेगैंडा में किस तरह माहिर है, इसे साबित करने के लिए किसी विशेष शोध की आवश्यकता नहीं है। बीजिंग को हर उस देश से चिढ़ मचती है, जिसके नेता नरेंद्र मोदी जैसे सशक्त हो, इसीलिए वो बॉर्डर पर जानबूझकर तनातनी को बढ़ावा देता है और ऐसा ही कुछ वो कर भी रहा है। चीन अब अपने इस एक्शन से केंद्र सरकार को खतरे में लाने की फिराक में है, और जल्द ही उसकी मित्र पार्टी कांग्रेस सत्ता में आ जाये, जिसकी तारीफ में स्वयं ग्लोबल टाइम्स भी कसीदे गढ़ता हैं।

परंतु चीन ये भूल गया है कि ये नरेंद्र मोदी की सरकार है, ईंट का जवाब पत्थर से देना जानती है। चीन को लगा कि एलएसी पर हमले कराके वह भारत पर दबाव बना सकती है, पर भारतीय सैनिकों ने चाहे गलवान घाटी हो या फिर पैंगोंग त्सो लेक का मोर्चा, हर मोर्चे पर चीन के दावों और उसके प्रपंचों की धज्जियां उड़ाते हुए उसे दिन में तारे दिखा दिये। स्थिति तो यह हो गई कि गलवान घाटी में चीन को हुए अपने नुकसान को अपने ही देशवासियों से छुपाना पड़ा था।

केंद्र सरकार शुरू से ही चीनी उत्पादों पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती थी, और 15 जून की घटना ने उन्हें वही अवसर प्रदान किया। सर्वप्रथम तो भारत ने टिक टॉक सहित 59 एप्स को प्रतिबंधित किया, और फिर चीन के घमंड को चूर-चूर करते हुए PUBG [जिसमें भर-भर के चीनी कंपनी Tencent ने निवेश किया] सहित 117 अन्य चीनी एप्स को प्रतिबंधित किया। अब स्थिति तो यह हो गई कि PUBG के मूल कंपनी ने भारत में अपने ऑपरेशन को बहाल करने के लिए चीन से सभी प्रकार के संबंध तोड़ने का निर्णय लिया है।

अब ज़ाहिर सी बात है कि इन सब गतिविधियों से चीनी प्रशासन खुश तो कतई नहीं होगा। इसलिए उसने मोदी सरकार को नीचा दिखाने और उन्हें अपदस्थ करने के लिए अपने प्रोपेगेंडा का भरपूर इस्तेमाल किया है। उदाहरण के लिए अभी कुछ हफ्तों पहले पीएम मोदी ने यूट्यूब पर PMO, PIB और BJP चैनलों के जरीये “मन की बात” के नए अंक का प्रसारण किया। इस दौरान उनके वीडियो को likes से अधिक Dislike किया गया था। कई लोगों ने यह कहा कि NEET और JEE परीक्षा कराये जाने के फैसले के कारण छात्र पीएम मोदी के खिलाफ भड़के हुए हैं। इसके बाद IANS से यह खुलासा हुआ कि रविवार को मन की बात के लिए YouTube पर केवल दो प्रतिशत Dislikes भारत से थे, और उनमें से 98 प्रतिशत Dislikes विदेशों से आया था।

वहीं बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए यही बताया कि, ‘‘ पिछले 24 घंटे में यूट्यूब पर मन की बात वीडियो को डिस्लाइक करने का संगठित प्रयास किया गया….कांग्रेस का विश्वास इतना कम है कि वह एक तरह से जीत के रूप में इसका जश्न मना रही है। हालांकि, यूट्यूब के डाटा बताते हैं कि डिस्लाइक का महज दो फीसद हिस्सा ही भारत से है।’’

इसके अलावा अभी हाल ही में ग्लोबल टाइम्स ने कांग्रेस की तारीफ में कई कसीदे गढ़े थे। ग्लोबल टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक लेख में चीनी विशेषज्ञ हू झियोंग द्वारा बताया गया, “भारतीय जनता पार्टी और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस समय घरेलू स्तर पर चीनी सरकार से ज़्यादा दबाव का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि विपक्ष, विशेषकर भारतीय नेशनल कांग्रेस, इस पल का बहुत समय से इंतज़ार कर रही थी, जब वो मोदी सरकार की आलोचना कर पाये और उसके घटिया घरेलू शासन और निकृष्ट विदेशी नीति को आड़े हाथों भी ले।”

परंतु चीन की वर्तमान गतिविधियों के कारण मोदी सरकार के लिए समर्थन कम होने के बजाए उल्टे और बढ़ा है। सभी जानते हैं कि मोदी सरकार गलवान घाटी की घटना के पश्चात चीन के प्रति कैसा रुख अपनाए हुए हैं, और ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चीन ने अपने अति उत्साह में पीएम मोदी के लिए एक छोटा सा पीआर अभियान भी चलाया है। सच कहें तो चीन जो गड्ढा मोदी सरकार के लिए खोद रहा था, उसी में अब वह खुद गिर पड़ा है।

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