“ये सब मोदी कर रहा है”, अनुराग कश्यप #MeToo की जद में आए तो देश का “नारीवादी” गैंग उनके समर्थन में कूद पड़ा

अपना सिक्का खोटा है तो भी सही है !

अनुराग कश्यप

PC: Hindi Rush

हाल ही में बॉलीवुड में खलबली मच गई, जब तेलुगू और हिन्दी फिल्मों में काम कर रही अभिनेत्री पायल घोष ने फ़िल्मकार अनुराग कश्यप पर यौन शोषण का आरोप लगाया। एबीएन तेलुगू को दिये साक्षात्कार के अनुसार पायल ने बताया कि एक फिल्म के सिलसिले में जब वे अनुराग से मिली, तो अनुराग ने पायल के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। पायल किसी तरह वहां से भागने में सफल रही, और उन्होने इस विषय पर ट्वीट करते हुए पीएम मोदी और राष्ट्रीय महिला आयोग से मदद मांगी।

फिलहाल राष्ट्रीय महिला आयोग ने पायल घोष को पुलिस कार्रवाई किए जाने तक हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। अब पायल के आरोप कितने सच हैं, और अनुराग क्या वास्तव में दोषी है, ये तो कार्रवाई और जांच पड़ताल के बाद ही सामने आएगा। परंतु अभी से ही हमारे कथित नारीवादियों को इस खबर से ही ऐसी तकलीफ हुई है, मानो अनुराग को आजीवन कारावास की सज़ा सुना दी गई हो। क्या स्वाति चतुर्वेदी, क्या तापसी पन्नू, सभी अनुराग कश्यप के बचाव में आगे आई हैं, और कंगना रनौत से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक को इस पूरे प्रकरण के लिए दोषी माना गया है।

उदाहरण के लिए स्वाति चतुर्वेदी के ट्वीट्स को देख लीजिये। मोहतरमा लिखती हैं, “मुझे पता था अनुराग कश्यप पर हमला होगा, लेकिन ये हमला इतना नीच होगा, इससे मैं भी बहुत हैरान हूँ। मोदी बहुत गुस्से में है”।

स्वाति चतुर्वेदी की बातों को बढ़ावा देते हुए काँग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक ने भी पायल घोष के चरित्र पर सवाल उठाते हुए पीएम मोदी पर अनुराग कश्यप को फंसाने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, “ज़बरदस्त इत्तेफाक है कि अनुराग कश्यप भाजपा प्रचारक कंगना रनौत को आईना दिखाते हैं, और दो ही दिन में एक अंजान अभिनेत्री आकर उन पर इल्जाम लगा देत है। यही नहीं, ये अभिनेत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा नेता परेश रावल की बड़ी फ़ैन भी है। इत्तेफाक ही इत्तेफाक है”।

इसी भांति किसी भी व्यक्ति पर आरोप लगते ही उसका चीर फाड़ देने वाली अभिनेत्री तापसी पन्नू अनुराग कश्यप पर आरोप लगने पर कुछ समय तक तो मौन साधे रही, और फिर तापसी ने इन्स्टाग्राम पर एक पोस्ट डाली, जिसमें वह अनुराग कश्यप को अत्यंत नारीवादी व्यक्ति सिद्ध करने का प्रयास कर रही थीं। पोस्ट के अनुसार, “ मेरे लिए मेरे मित्र, तुम सबसे बड़े नारीवादी हो। मैं आशा करती हूँ कि फिर से मैं किसी मूवी सेट पर तुमसे मिलूँ, और फिर तुम्हें महिलाओं को सशक्त बनाते देखूँ”।

जब बात मी टू अभियान की आती है, तो इसे बढ़ावा देने वाले इन्हीं नारीवादियों का तर्क था कि जो भी इस अभियान के अंतर्गत अपनी कहानी सामने लाती है, तो उसे संदेह के घेरे से न देखा जाये, अपितु उसपर विश्वास किया जाये। लेकिन ये नियम तभी तक वैध है जब तक इन नारीवादियों के अपने कोई साथी अथवा संबंधी पर आरोप न लगे। अनुराग कश्यप पर अभी केवल आरोप लगे हैं, न तो वे इस समय दोषी हैं, और न ही कोई कार्रवाई हुई है, लेकिन जिस प्रकार से नारीवादी उन्हे बचाने के लिए नारीवाद का राग अलापने के साथ साथ इस प्रकरण को पीएम मोदी की साजिश बता रहे हैं, उससे यदि अनुराग वास्तव में निर्दोष होंगे, तब भी वे संदेह के घेरे में आ सकते हैं।

विडम्बना देखिये, जब प्रख्यात अभिनेता नाना पाटेकर पर तनुश्री दत्ता ने यौन शोषण के झूठे आरोप लगाए थे, तो यही नारीवादी नारी शक्ति और महिला सशक्तिकरण की दुहाई देते हुए तनुश्री के आरोपों को बिना मुकदमा, बिना किसी कार्रवाई के सत्य सिद्ध करना चाहते थे। लेकिन जब अनुराग कश्यप पर आरोप मात्र लगे, तो अब यही नारीवादी आरोप लगाने वाली अभिनेत्री को हर कीमत पर झूठा सिद्ध करने पर तुले हुए हैं। वाह रे हिपोक्रेसी वाह!

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