हर गुरुवार को टीवी और सोशल मीडिया पर एक गज़ब का सर्कस चलता है, जहां आज तक, इंडिया टुडे और रिपब्लिक टीवी के बीच ज़बरदस्त मुक़ाबला नजर आता है। ‘डबल आर’ गैंंग यानि राजदीप और राहुल कंवल अर्नब गोस्वामी को चुनौती देते हैं, और रिपब्लिक चैनल अपने रेटिंग्स के बल पर उनकी दिन भर खिंचाई करते रहता है।
अभी कुछ ही दिनों पहले अर्नब गोस्वामी को राहुल कंवल ने भारत के Joseph Goebbels (जोसेफ गोएबेल्स) की संज्ञा दी थी, जो नाजी जर्मनी के प्रोपेगैंडा मंत्री हुआ करते थे। लेकिन इससे किसी को भी रत्ती भर फर्क नहीं पड़ा, और उल्टे रिपब्लिक के पास राहुल कंवल की खिंचाई करने के लिए काफी मसाला मुफ्त में मिल गया।
हर गुरुवार को BARC यानि Broadcast Audience Research Council अपने TV viewership के आंकड़े जारी करता है, जिसे आम भाषा में TRP कहते हैं। इसमें अंग्रेज़ी क्षेत्र में निस्संदेह रिपब्लिक टीवी ने अपना दबदबा बनाया हुआ है। परंतु जब राहुल कंवल ने रिपब्लिक को उपदेश देना शुरू किया, तो रिपब्लिक टीवी ने भी कोई कसर न छोड़ते हुए राहुल कंवल की तथ्यों सहित धुलाई करनी शुरू कर दी।
Goebbels attacks with vicious lies. We replied with the truth. Unearthing the truth takes time because it’s not as easy as making up ‘facts!’ But in the end, truth has a way of surfacing. If Rs 15 cr was never paid, how could it be ‘stolen.’ India can not become a #BananaRepublic
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) September 7, 2020
Same #BananaRepublic channels that were questioning @IndiaToday for interviewing @Tweet2Rhea are hounding Rhea all over town desperately hoping she will speak to them. So why be a sore loser. @IndiaToday got an interview you wanted. Learn to lose with grace Goebbels.
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) September 8, 2020
#RepublicNumber1 | It’s the new normal! @AajTak is a distant number 2 and @IndiaToday has outdone itself at 6% at 9pm. Take our advice, @IndiaToday @AajTak @AroonPurie, the breathing exercises will help your troubled news teams make peace with this #NewNormal! pic.twitter.com/Poe66U8kzd
— Republic (@republic) September 10, 2020
#RepublicNumber1|@IndiaToday @AajTak If only your hassled anchors vented their frustrations outside & beyond the 280 character world the new normal would sink in. @IndiaToday @AajTak @AroonPurie, don’t let India’s #1 news brand stress you. As Arnab says “the game has just begun” pic.twitter.com/jBK7Z8xQbQ
— Republic (@republic) September 10, 2020
#RepublicNumber1 | Dear @IndiaToday @AajTak @AroonPurie, the endless venting, ranting and brooding of your hassled anchors didn’t seem to help. Maybe you could pass this on to your news teams? It may help in redirecting their focus to the news. With our best of course. pic.twitter.com/i4hpNa58Wa
— Republic (@republic) September 10, 2020
परंतु राहुल कंवल अकेले नहीं है, जिन्हें रिपब्लिक की ज़बरदस्त ट्रोलिंग का शिकार बनना पड़ा हो। एक समय पर अर्नब गोस्वामी के बॉस रहे राजदीप सरदेसाई को उनकी प्रोपेगैंडावादी रिपोर्टिंग के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है। राजदीप अर्नब को नीचा दिखाने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहते हैं। अनेकों बार राजदीप सरदेसाई ने रिपब्लिक पर तंज़ कसते हुए उसे ‘बनाना रिपब्लिक’ की संज्ञा दी है। उन्होंने ‘News Without Noise’ को इतनी बार दोहराया है कि वह अब लोगों को पकाऊ लगने लगा है।
First time?😄#BananaRepublic https://t.co/TZqIPv3o48
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 7, 2020
So it’s now confirmed: @IndiaToday investigation shows that Rs 15 crore was never paid to Sushant Singh Rajput which the family claimed had been ‘laundered’ by Rhea! Will ED accept that their basic money laundering case has fallen? Or will we remain a #BananaRepublic ? https://t.co/t9TLY9UbG9
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 7, 2020
Meet India’s Banana Republic network: not journalists but thugs!🙏 https://t.co/o5WXp9UNHF
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 9, 2020
लेकिन राजदीप और राहुल के उम्मीदों के ठीक विपरीत रिपब्लिक ने न केवल अंग्रेज़ी में, अपितु हिन्दी में भी टुडे ग्रुप को काफी पीछे छोड़ दिया है। अब रिपब्लिक भारत देश का सर्वाधिक देखा जाने वाला हिन्दी न्यूज़ चैनल बन चुका है, जो रेटिंग्स में आज तक को काफी पीछे छोड़ चुका है।
@modishLIVE Data for Week 35: Hindi News Channels .Looking for something more? visit https://t.co/CT4Nvm2Rub for custom data on TV viewership pic.twitter.com/xzHcxH2GCx
— BARCIndia (@BARCIndia) September 10, 2020
रिपब्लिक और इंडिया टुडे की कवरेज और उनकी रेटिंग्स में इतना अंतर क्यों है, ये आप सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के मामले से ही समझ सकते हैं। एक ओर रिपब्लिक ने प्रारम्भ से ही सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को आत्महत्या न मानते हुए इसकी निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है, और साथ ही साथ रिया चक्रवर्ती के ड्रग्स संबंधी मामले में भी जनता के विचारों का पुरजोर समर्थन किया।
जहां वामपंथी इसे मीडिया ट्रायल की संज्ञा देते हुए रिपब्लिक को नीचा दिखा रहे हैं, तो वहीं जनता पूरी तरह से रिपब्लिक के साथ खड़ी है। इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने बिना रिपब्लिक का नाम लिए सुशांत के मामले को उचित ध्यान देने के लिए मीडिया की तारीफ भी की है।
वहीं, दूसरी तरफ इंडिया टुडे केवल गलत कारणों से सुर्खियों में बनी हुई है। जहां इंडिया टुडे ने रिया चक्रवर्ती को अपनी सफाई देने के लिए अपना मंच प्रदान किया, तो वहीं, राजदीप सरदेसाई ने मामले की कवरेज के नाम पर सुशांत सिंह राजपूत के चरित्र हनन में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सुशांत को छोटा स्टार बोलने से लेकर सुशांत के परिवार के वकील को अनाप शनाप बोलने तक राजदीप ने वो सब किया है, जिसके लिए वे अर्नब को दोषी ठहराते हैं, यानि Yellow journalism अथवा प्रोपेगैंडावादी पत्रकारिता।
इससे पहले भी अप्रैल में राहुल कंवल ने एक झूठा दावा किया था कि इंडिया टुडे देश का नंबर 1 अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल है। तब भी रिपब्लिक ने तथ्यों सहित धुलाई की थी, और राहुल कंवल के झूठे दावों की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
Competition has gone crazier than usual because the rug has been pulled from under their feet. Viewers are rejecting shouting fests and choosing to watch real news. Ignore the theatrics. Watch: Real news. Not noise. To each one of our viewers who make this possible, thank you 🙏 pic.twitter.com/qOsTtJamo7
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) April 23, 2020
Sir we can only compare where distribution reach is roughly equal and not in markets where our channel isn’t visible. Fact is, where viewers have a choice, they are picking @IndiaToday over all others. That’s a powerful statement from audiences
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) April 23, 2020
FOR THE RECORD@TimesNow @IndiaToday https://t.co/4QEumKePJB
— Republic (@republic) April 9, 2020
ऐसे में रिपब्लिक और इंडिया टुडे के बीच छिड़ी हालिया जंग में कौन विजेता सिद्ध हो रहा है, इसके बारे में विस्तार से बताने की कोई आवश्यकता नहीं। पहले रिया चक्रवर्ती के लिए पीआर करके और फिर सुशांत सिंह राजपूत का चरित्र हनन करके इंडिया टुडे को जितनी बेइज्जती मिली थी, उससे कहीं ज़्यादा बेइज्जती अब उसे रिपब्लिक से फालतू में भिड़कर मिल रही है।