आज तक चीन से जिसने भी दोस्ती की है उसे अपनी जमीन या संप्रभुता जरूर गंवानी पड़ी है। नए उदाहरण में नेपाल है जहां चीन दिन प्रतिदिन कब्जा करते जा रहा है। नई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन के सैनिकों ने नेपाल (Nepal) के हुम्ला जिले में सीमा स्तम्भ से दो किमी भीतर कब्जा कर लिया है।
दरअसल, चीन ने नेपाल (Nepal) के साथ दोस्ती दिखाते हुए एक तरफ उसे भारत के साथ बॉर्डर विवाद में उलझाया और फिर धीरे-धीरे दोस्ती की आड़ में नेपाल के सामरिक महत्व वाली जमीनों पर एक के बाद एक कब्जा करता जा रहा है। नई रिपोर्ट में नेपाल के कर्णाली प्रदेश के हुमला जिले में चीनी अतिक्रमण का मामला सामने आया है। चीन अब तक गोरखा जिले के रुई गांव सहित 13 स्थानों पर कब्जा कर चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन हुमला जिले के इलाके में 9 भवनों का निर्माण कर चुका है। इस क्षेत्र में नेपाली नागरिकों घुसने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बताया है कि,
चीन ने नेपाल (Nepal) के गोरखा जिले के भागडेर खोला में आठ हेक्टेयर, हुमला जिले में करनाली नदी के पास चार हेक्टेयर, सिंजेन खोला के पास दो हेक्टेयर, रसुवा जिले में भूर्जुक खोला के पास एक हेक्टेयर, जंबू खोला के पास पांच हेक्टेयर क्षेत्र में कब्जा जमा लिया है।
चीन के इस कब्जे के विरोध में नेपाल (Nepal) के लोग काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए “Back off China” के नारे भी लगाए।
"Go back China". Protests break out infront of Chinese embassy in Kathmandu over Chinese 🇨🇳 encroachment of Nepali🇳🇵 territories in northern Humla district. pic.twitter.com/JxsOEc7jU6
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 23, 2020
एक तरफ चीन भारत के साथ तनाव बढ़ा कर लद्दाख की क्षेत्र में चढ़ाई करने का प्रयास कर रहा है तो वहीं, अब नेपाल (Nepal) जैसे अपने मित्र देश की ज़मीनों को भी हड़प रहा है। शुरू से ही चीन इसी विस्तारवादी नीतियों का पालन करता आया है। चाहे वो किसी से भी दोस्ती का दिखावा करता हो। उदाहरण के लिए चीन ने कम्युनिस्ट रूस को भी नहीं छोड़ा और हाल ही में रूस के पूर्वी क्षेत्र के शहर व्लादिवोस्टोक पर पर चीनी मीडिया में दावा कर दिया गया था। पाकिस्तान का उदाहरण तो सभी जानते हैं कि किस तरह से चीन ने पहले पाकिस्तान को अपने कर्ज के जाल में डुबाया और अब BRI के माध्यम से उसके जमीन पर धीरे-धीरे अनौपचारिक रूप से कब्जा जामाता जा रहा है।
चीन ने सिर्फ अपने से सटे देशों को ही दोस्ती के नाम पर धोखा नहीं दिया, बल्कि श्रीलंका जैसे द्वीप देशों को भी इसी तरह कर्ज के जाल में फंसा कर उसके हंबनटोटा बन्दरगाह को हड़प लिया।
जापान, नेपाल, भूटान, वियतनाम, ताइवान, दक्षिण कोरिया, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, मंगोलिया सहित लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ चीन का सीमा विवाद है परंतु किसी देश की सरकार इस तरह से चुप नहीं है जैसे नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब चीन ने नेपाल के जमीन को हड़पा हो। इससे पहले जून में भारतीय न्यूज़ एजेंसी ANI ने नेपाली कृषि मंत्रालय के सर्वे विभाग की रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि प्रशासन द्वारा चिन्हित 11 स्थानो में से 10 क्षेत्रों पर चीन ने कब्जा कर लिया है। चीन ने नेपाल की कुल 33 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा जमा लिया है । कुछ दिनों पहले डीएनए अख़बार की एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसके अनुसार, “नेपाल के ये 7 जिले हैं दोलखा (Dolakha), गोरखा (Gorkha), धारचुला (Darchula), हुमला( Humla) , सिंधुपालचौक (Sindhupalchowk), संखुआसभा (Sankhuwasabha) और रसूवा (Rasuwa)। नेपाल (Nepal) के सर्वेक्षण एवं मैपिंग विभाग के अनुसार दोलखा जिले में चीन ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा को 1.5 किलोमीटर तक आगे बढ़ाया है। इसके अलावा चीन ने दोलखा के कोरलांग क्षेत्र में बाउंडरी पिलर नंबर 57 को नेपाल की तरफ और आगे बढ़ा दिया है। चीन ने नेपाल सरकार पर इस विषय में कुछ भी एक्शन न लेने का दबाव डाला है इसीलिए नेपाल सरकार ये सब जानने के बाद भी कुछ नहीं कर रही है।”
चीन लगातार नेपाल से दोस्ती के नाम पर अतिक्रमण कर रहा है। नेपाली जनता में हर बार रोष देखते ही मिलता है लेकिन केपी ओली की सरकार ने कानों में जूं तक नहीं रेंगती। ओली ने चीन के साथ दोस्ती करने के लिए भारत जैसे मित्र देश से भी पंगा ले लिया लेकिन चीन उन्हीं के देश की जमीन को हड़पता जा रहा है। अगर अब भी केपी ओली को होश नहीं आया तो शायद नेपाल (Nepal) भी चीन का एक प्रांत बन कर रह जाएगा। जिस तरह से चीन नेपाल के साथ रिश्ते बना रहा और नेपाल का फायदा उठा रहा है वह किसी मालिक और दास के रिश्तों से कम नहीं है। ऐसा लगता है कि चीन का एक ही मंत्र है कि अपने मित्र देशों का आभार जताने के लिए उनकी जमीन हड़प लो और चीन इसी मंत्र का पालन कर नेपाल की जमीन को धीरे-धीरे अपने कब्जे में करते जा रहा है।