चीन एक कायर देश है यह तो सभी जानते हैं। लेकिन अपने वैश्विक शक्ति होने का दम भरने वाले चीन को वैश्विक व्यवस्था के नीति-नियम में कोई आस्था नहीं है। इसके कई उदाहरण आये दिन देखने को मिलते हैं। अब एक नई रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के साथ तनाव बढ़ने के कारण चीन ने उसके नागरिक, जो चीन में ही मीडिया रिपोर्टर के रूप में कार्यरत थी, को गिरफ्तार कर लिया है.
The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी मीडिया संस्थान CHINA GLOBAL TELEVISION NETWORK के Business Show में कार्यरत Cheng Lei को चीन प्रशासन ने बीजिंग में गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्हें अगले 6 महीने तक बिना किसी कानूनी मदद के जेल में रखा जा सकता है।
Cheng चीन में ही पैदा हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता ले ली थी। CGTN में कार्य करने से पहले वह CNBC की China Correspondent थी। वह विदेशी नागरिक के साथ ही प्रतिष्ठित पत्रकार भी हैं, बावजूद इसके चीन ने उन्हें बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर लिया है। चीन ने 14 अगस्त को इसकी सूचना ऑस्ट्रेलिया की सरकार को दी थी।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने अपने बयान में बताया है कि “ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने सुश्री चेंग के साथ 27 अगस्त को वीडियो लिंक के माध्यम से एक Detention Facility में उनको कानूनी मदद देने के लिए बात की थी और सरकार उन्हें और उनके परिवार को समर्थन और सहायता प्रदान करना जारी रखेगी।”
ऑस्ट्रेलिया ने पहले भी अपने नागरिकों को चीन जाने से रोकने के लिए चेतावनी दी थी। जुलाई में विदेश मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया था कि चीनी अधिकारी विदेशी लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर गिरफ्तार कर रहे हैं। आगे कहा गया था कि “यदि आप पहले से ही चीन में हैं, और ऑस्ट्रेलिया लौटने की इच्छा रखते हैं, तो हम आपको Commercial माध्यमों से जल्द से जल्द ऐसा करने की सलाह देते हैं।”
ऐसे ही व्यवहार चीन ने कनाडा के नागरिकों के साथ किया था। हुआवे की CFO Meng Wanzhou को कनाडा में अमेरिका के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया था। वह अमेरिका में फ्रॉड के मुकदमे में वांछित थी। हालांकि, Meng को कनाडा में House Arrest में रखा गया था और उनको कनाडा की राजधानी वैंकोवर में खुलेआम घूमने की छूट थी बावजूद इसके चीन ने कनाडा के दो नागरिकों को जबरदस्ती कैद कर लिया और उनपर जासूसी का झूठा मुकदमा चलाया।
स्पष्ट है कि जैसे ही CHINA के साथ किसी देश का तनाव होता है तो उस देश के नागरिकों को CHINA अनावश्यक रूप से परेशान करने लगता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिस भी देश का चीन के साथ तनाव हो उसके नागरिक यदि चीन न जाएं तो ही बेहतर है और यदि जाएं भी तो अपने रिस्क पर जाएं। CHINA का यह व्यवहार किसी भी प्रकार से सभ्य देश की निशानी नहीं है। इसका खामियाजा CHINA को भुगतना पड़ेगा क्योंकि CHINA भूल रहा है कि उसके टूरिज्म सेक्टर पर भी इसका विपरीत प्रभाव ही पड़ेगा।