उद्धव ठाकरे प्रशासन एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। इन दिनों सोशल मीडिया यूजर समीत ठक्कर के विरुद्ध महाराष्ट्र प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है, और अभी पेशी के लिए जब उन्हें ले जाया गया, तो उनके साथ पुलिस ने ऐसा व्यवहार किया, जो स्पष्ट तौर पर निरंकुशता की पराकाष्ठा है। एक आतंकी के साथ जैसे व्यवहार किया जाता है, उससे भी बदतर व्यवहार एक सोशल मीडिया यूजर समीत ठक्कर के साथ किया गया, जहां पुलिस उन्हें अदालत में पेशी के लिए चेहरे को काले कपड़े से ढककर और हाथों में रस्सी बांधकर ले जा रही थी।
परंतु समीत ठक्कर ने ऐसा भी क्या किया था, जिसके कारण उनके साथ महाराष्ट्र पुलिस ने ऐसा अमानवीय व्यवहार किया? दरअसल, अक्टूबर के प्रारंभ में महाराष्ट्र प्रशासन की निरंकुशता पर सवाल उठाते हुए समीत ठक्कर ने उद्धव ठाकरे को आधुनिक औरंगजेब और उसके बेटे आदित्य ठाकरे को बेबी पेंगुइन कहा। इतने पे ही शिवसेना बुरी तरह भड़क गई और उसने मुंबई पुलिस में समीत के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई।
मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और कुछ दिनों पहले नागपुर के एक कोर्ट ने अपील नामंजूर करते हुए समीत की हिरासत की अवधि बढ़ा दी, और इसी बीच इस वीडियो के सामने आने से महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर कठघरे में आ चुकी है –
https://twitter.com/ANI/status/1322192585381744646
इस अमानवीय व्यवहार पर महाराष्ट्र के वर्तमान उद्धव प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा नेता वरुण गांधी ने ट्वीट किया, “क्या समीत ठक्कर कोई आतंकी है, या एक खूंखार जानवर है? क्या वो इस देश के लिए खतरा है, जो उसे इस तरह से अदालत लाया जा रहा है? ये तो मानवता के हर सिद्धांत के विरुद्ध है। राजनीति से पड़े ये अनैतिक है। हम सब को इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए” –
https://twitter.com/varungandhi80/status/1322196330576371714
वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी इस कायराना हरकत के विरुद्ध आवाज उठाते हुव ट्वीट किया, “हो क्या रहा है समीत ठक्कर के साथ? ये सरासर अस्वीकार्य है। हमें एक होना पड़ेगा, हमें अपने दल संगठित करने पड़ेंगे और इकाइयों का निर्माण करना पड़ेगा। हमें एक ऐसे लीगल और सोशल नेटवर्क का निर्माण करना पड़ेगा, जो इन बहादुर भारतीयों की हर स्थिति में रक्षा करे। एक राज्य सरकार बदलती नहीं कि हमारे नागरिकों पर बेहिसाब अत्याचार ढाए जाते हैं। इस अन्याय को समाप्त करना ही होगा” –
What is happening with @thakkar_sameet ?
This is unacceptable
Need to unite, Need to form teams and groups
Need to have a legal , social network that can protect brave Indians
One state Govt change and individuals become vulnerable
Time to change this
— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) October 30, 2020
लेकिन ये पहली बार नहीं है जब उद्धव के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने किसी व्यक्ति को उसकी दमनकारी नीतियों का विरोध करने के लिए इतना अमानवीय तरीके से पेश आए हों। नौसेना अफसर मदन शर्मा को आप भूले तो नहीं है न? हाँ, वही अफसर, जिन्हें व्हाट्सएप पर एक कार्टून फॉरवर्ड करने भर के लिए शिवसेना के गुंडों ने बुरी तरह पीटा था।
इसके अलावा चाहे उद्धव ठाकरे का मज़ाक उड़ाने के लिए एक फ़ेसबुक यूजर का सिर मुँड़वाना हो, या फिर शिवसेना की नीतियों का विरोध करने के लिए बिना किसी ठोस प्रमाण के अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस पर बुलडोजर चलवाना हो, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र प्रशासन अपनी कमज़ोरियाँ छुपाने के लिए ऐसे ऐसे काम करने लगी है कि एक बार को हिटलर और निजाम शाही भी इनके सामने सयाने लगे। अब समीत ठक्कर को आतंकी की भांति अदालत में पेश कर शिवसेना ने सिद्ध कर दिया कि अपनी सत्ता बचाने के लिए वह किसी भी हद तक गिरने को तैयार है। सही कहा है किसी ने, ‘विनाश काले विपरीते बुद्धि’।