हाल ही में वुहान वायरस से उबरने के पश्चात भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज़ 18 को अपना साक्षात्कार दिया। इस साक्षात्कार में उनसे कई तरह के प्रश्न पूछे गए, चाहे वह बिहार चुनाव से संबन्धित हो, या फिर भारत चीन के बॉर्डर पर तनातनी के विषय पर। इस साक्षात्कार में अमित शाह ने एक तीर से दो निशाने साधते हुए न केवल चीन को उसकी औकात बताई, बल्कि ममता बनर्जी को भी कड़ी चेतावनी दी।
अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के विषय पर सर्वप्रथम राज्य में कुप्रबंधन के लिए ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान आया, पर कोई ढंग की व्यवस्था नहीं की गई। अनाप-शनाप बजट घोटालों में चला गया। केंद्र की ओर से जो अनाज भेजा गया, वो भी घोटालों की भेंट चढ़ गया। कोरोना के लिए भी जिस प्रकार के बंदोबस्त होने चाहिए थे वो नहीं हुए”।
परंतु वे यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, “राज्य में कानून व्यवस्था तितर-बितर हो गई है। बम बनाने के कारखाने हर जिले में हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक लोकतंत्र के लिए है कि विपक्ष के नेताओं की हत्याएं की जा रही हैं। भारत के किसी और राज्य में ऐसा नहीं होता। पहले केरल से ऐसी घटनाएं सामने आती थीं, लेकिन अब वहां पर भी ऐसा नहीं होता”।
इसके बाद जब अमित शाह से पूछा गया कि पश्चिम बंगाल बीजेपी के नेता द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग के बारे में वे क्या सोचते हैं, तो शाह ने स्पष्ट कहा कि पॉलिटिकल पार्टी के नेता जो वहां पर काम कर रहे हैं स्थिति के हिसाब से उनकी मांग उचित है। अमित शाह ने कहा, “भाजपा और अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों को वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग करने का पूरा अधिकार है। केंद्र सरकार इस बारे में संविधान और राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट के आधार पर उचित निर्णय लेगी। हम आशा करते हैं कि अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में सरकार बदलेगी और भाजपा सत्ता में आकर सरकार का गठन करेगी। हम समझते हैं कि हम पश्चिम बंगाल में एक दृढ़ लड़ाई लड़ेंगे और हम सरकार गठित करेंगे”।
अमित शाह के इस इंटरव्यू को देखने के बाद अवश्य ही ममता बनर्जी में भय का माहौल होगा जो पहले ही राज्य में भाजपा के चुनाव की तैयारियों को लेकर डरी हुई हैं। इसका एक उदाहरण हमें हाल ही में देखने को भी मिला था जब तेजस्वी सूर्या पश्चिम बंगाल गये थे। अमित शाह ने अपने बयान में सीधे ममता बनर्जी को चेताया है कि अब भी राज्य में उनकी तानाशाही जारी रही तो केंद्र सरकार सख्त कदम उठा सकती है। हालांकि, ममता अकेली व्यक्ति नहीं थीं जो अमित शाह के निशाने पर थीं।
सच कहें तो एक ही साक्षात्कार में अमित शाह ने ममता बनर्जी को मुंहतोड़ जवाब दिया है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अमित शाह ने ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में शासन को लेकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिये हैं।