सही कहा है किसी ने, ये पब्लिक है, सब जानती है। हाल ही में श्रीलंकाई गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन की बायोपिक के लिए जब तमिल स्टार विजय सेतुपति ने हामी भरी, तो उन्हें तमिल समुदाय के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। जगह जगह इस निर्णय का विरोध हुआ, और अंत में विजय को यह प्रोजेक्ट ही छोड़ना पड़ गया।
हाल ही में सोमवार को मुरलीधरन ने बयान जारी करते हुए सेतुपति से कहा था कि वह फिल्म प्रॉजेक्ट से खुद को अलग कर लें। पूर्व क्रिकेटर ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि उनकी वजह से तमिलनाडु के कलाकार को परेशानी हो। इस पर सेतुपति ने भी उन्हें धन्यवाद देते हुए बयान जारी किया था –
நன்றி.. வணக்கம் 🙏🏻 pic.twitter.com/PMCPBDEgAC
— VijaySethupathi (@VijaySethuOffl) October 19, 2020
परंतु ऐसा भी क्या हुआ, कि मुरलीधरन पर बन रहे बायोपिक के लिए विजय सेतुपति को सोशल मीडिया पर कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा? दरअसल, कुछ दिनों पहले ये घोषणा हुई कि विजय सेतुपति श्रीलंकाई क्रिकेटर मुरलीधरन की भूमिका निभाएंगे। उक्त फिल्म का नाम था ‘800’, जो उनके सम्पूर्ण करियर पर आधारित है –
MURALIDARAN BIOPIC… Motion poster of #MuralidaranBiopic… Titled #800TheMovie… Stars #VijaySethupathi as cricketer #MuthiahMuralidaran… Directed by #MSSripathy… Produced by Movie Train Motion Pictures and Vivek Rangachari. pic.twitter.com/9RuAeCK7BB
— taran adarsh (@taran_adarsh) October 13, 2020
इस फिल्म की घोषणा और मोशन पोस्टर के बाहर आते ही विजय सेतुपति को कई प्रशंसकों, विशेषकर तमिल समुदाय से आलोचना का सामना करना पड़ा है। सोशल मीडिया पर #ShameonVijaySethupathi इस समय काफी ट्रेंड कर रहा है, और लोग इस ट्रेंड के तहत विजय सेतुपति के तमिल मूल से होने के बाद भी तमिल नरसंहार का समर्थन करने वाले मुरलीधरन की बायोपिक करने के लिए आड़े हाथों ले रहे हैं। कुछ तो इसका बहिष्कार करने की भी बात कर रहे हैं।
दरअसल, 2009 में श्रीलंका की तत्कालीन सरकार पर 1 लाख से अधिक तमिल निवासियों का नरसंहार करने का आरोप लगा था। इस नरसंहार के बारे में मुथैया मुरलीधरन ने ये कहा था कि, “इसे भूलकर आगे बढ़ने में ही भलाई है।” चूंकि तब महिंद्रा राजपक्षे का शासन था, इसीलिए यह माना जाता है कि ये बयान उन्हें खुश करने के लिए दिया गया था, जिसके कारण मुथैया मुरलीधरन की भारत में काफी आलोचना की जाती है, विशेषकर तमिल समुदाय द्वारा, जिनके लिए 2009 की श्रीलंका सरकार द्वरा तमिल समुदाय का नरसंहार एक बहुत गहरा घाव माना जाता है।
वहीं, दूसरी ओर विजय सेतुपति तमिल फिल्म उद्योग के बेहद प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जिनकी गिनती रजनीकान्त, कमल हासन, सूर्या शिवकुमार जैसे अभिनेताओं की सूची में होती है। ऐसे में एक प्रसिद्ध तमिल अभिनेता द्वारा एक ‘तमिल विरोधी’ क्रिकेटर की बायोपिक करना तमिल समुदाय के गले नहीं उतरा और उन्होंने विजय सेतुपति की जमकर आलोचना भी की।
उदाहरण के लिए एक ट्विटर यूजर ने टिप्पणी की, “सिंहली सरकार ने दो लाख तमिल निवासियों की हत्या करवाई। अब इस नरसंहार का समर्थन करने वाले पर आधारित फिल्म में अभिनय करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर विजय सेतुपति ने यह सिद्ध किया है कि उन्हें तमिल समुदाय का दर्द नहीं महसूस होता” –
#ShameOnVijaySethupathi
Muthiah Muralitharan is a very admirable and lovable man – VijaySethupathiThe Sinhala Government has massacred two lakh Tamils in Eelam. There is no other proof than this that #VijaySethupathi can not feel this pain! @VijaySethuOffl @RajapaksaNamal pic.twitter.com/ghpiV3FiOu
— Jaswinder Swain (@Jaswinderkhatri) October 13, 2020
वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनका यह मानना था कि जब देश में नायकों की कोई कमी नहीं है, तो किसी विदेशी नायक का चित्रण क्यों किया जाये। ऐसी ही एक ट्विटर यूजर श्रीपदा ने कहा, “मरियप्पन थंगवेलु जैसे लोगों पर प्रस्तावित बायोपिक आज तक नहीं शुरू हुई है, और दूसरी तरफ एक श्रीलंकाई क्रिकेटर की बायोपिक को तवज्जो दी जा रही है। ऐसा क्यों? क्या तमिलनाडु और शेष भारत के पास और कोई बायोपिक नहीं है बनाने को?” –
Projects like biopic on 'Mariappan Thangavelu' is not even in talk since the date of announcement.
Biopic 800 on a srilankan is unnecessary and should be dropped by @VijaySethuOffl
TN and India has many personalities left for biopics to be made on. #ShameOnVijaySethupathi— Sripradha (@PradhaShree) October 13, 2020
ऐसे में विजय सेतुपति का इस बायोपिक से हटना तमिल समुदाय की विजय से कम नहीं है। जिस व्यक्ति ने तमिल समुदाय के नरसंहार को हल्के में लेने का प्रयास किया हो, उसकी भूमिका एक तमिल अभिनेता, ये तमिल समुदाय को कतई स्वीकार नहीं था। ऐसे में तमिल समुदाय की बॉयकॉट की मांग न केवल उचित थी, बल्कि वह सफल भी रही है।