‘पिता का हुआ अपमान’, चिराग पासवान अब नए तरीके से नीतीश कुमार को जवाब देंगे

नीतीश कुमार को अपने बयानों की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है

चिराग

दिवंगत एलजेपी नेता रामविलास पासवान के निधन से जहां बिहार की राजनीति में रिक्तता आई है, तो दूसरी ओर नीतीश कुमार के खिलाफ लोजपा नेता चिराग पासवान के हमले और ज्यादा तेज हो गए है। अब चिराग पासवान का एक पत्र लीक हुआ है जो उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा था। इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे उनके पिता का नीतीश कुमार ने कई मौकों पर अपमान किया था। उन्होंने बताया कि कैसे पासवान के बीमार रहते हुए भी नीतीश कुमार उन पर हमले बोलते रहे हैं जो दिखाता है कि वो कितने असंवेदनशील हैं। चिराग के इस पत्र का ऐसे समय पर लीक होना दिखाता है कि अब वो नीतीश कुमार पर पिता के निधन के बाद जमकर हमला बोलेंगे।

दरअसल, अब चिराग पासवान का जे पी नड्डा को लिखा एक पत्र लीक हो गया है जिसमें चिराग ने कहा है कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार उनके पिता पर लगातार हमला ही बोलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का रवैया उनके पिता के लिए उस वक्त भी बुरा ही था जब वो जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे। उस दौरान भी नीतीश रामविलास पासवान पर हमला बोल रहे थे, जो काफी असंवेदनशील रवैया था। चिराग ने कहा कि नीतीश के रवैए के कारण ही एलजेपी के नेता और कार्यकर्ता नीतीश से नाराज हैं।

चिराग ने बीजेपी अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा कि पिता रामविलास पर लगातार हमले बोलने के अलावा नीतीश ने उन्हें राज्यसभा चुनावों के दौरान भी काफी परेशान किया था और उम्मीदवारी में समर्थन को लेकर भी इनकार कर दिया था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है, ‘बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी के दौरान जेडीयू-बीजेपी के सीट बंटवारे के मुद्दे पर हुई बैठक में मैं पिता पासवान के साथ था। उस दौरान नीतीश कुमार ने भी राज्यसभा चुनावों के लिए रामविलास पासवान के नाम पर सहमति दी थी, लेकिन ठीक चुनाव के पहले वो इस बात से मुकर गए। बैठक के दौरान भी उनका व्यवहार अपमानित करने वाला था।  इसके बाद मेरे पिता खुद उन्हें मनाने के लिए गये थे नीतीश ने इसके बाद बेरुखी से समर्थन दिया था’।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने जिस तरीके से हमारी पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का अपमान किया उससे एलजेपी के नेता आहत और गुस्से में हैं।”

चिराग ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है साथ ही अपने पिता के पल-पल का हाल जानने के लिए उन्हें धन्यवाद कहा है, तो दूसरी ओर उन्होंने ये भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रवैया इस दौरान भी काफी बुरा ही रहा था और वो लगातार रामविलास पासवान पर राजनीतिक हमला बोल रहे थे। उन्होंने रामविलास पासवान की बीमारी तक का ख्याल नहीं किया जो दिखाता है कि वो कितने असंवेदनशील हैं और राजनीति के लिए किसी भी तरह के बयान दे सकते हैं।

रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद इस पत्र का लीक होना नीतीश के लिए एक और बड़ा झटका है क्योंकि बिहार चुनाव हाल ही में हैं। इससे ठीक पहले बिहार के ही एक बड़े नेता का निधन होना औऱ उसके बाद नीतीश कुमार के असंवेदनशील होने का मामला सामने आना उन्हें परेशान कर सकता है। ये सच है कि नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से राम विलास पासवान की आलोचना ही की है और बीमारी के दौरान भी नीतीश अपनी इसी नीति पर कायम रहे।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने रामविलास पर तो हमला बोला ही है लेकिन चिराग को लेकर भी उनका रुख हमेशा ही तल्ख रहा है। वो लगातार चिराग को वंशवादी राजनीति से आया हुआ नेता बताते रहे हैं। नीतीश को चिराग का राजनीति में सक्रिय होना बेहद खलता रहा है औऱ उन्होंने एनडीए गठबंधने में होने के बावजूद एलजेपी पर हमला बोल रखा था। इसे राजनीतिक दोगलापन ही कहेंगे कि जिस शख्स को सत्ता के लिए 9वीं फेल वंशवादी मुख्यमंत्री के साथ काम करना पसंद था, उसी को कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले नेता से चिढ़न है, क्योंकि उन्हें डर था कि  इनकी राजनीति को चिराग नुकसान पहुंचा सकते हैं।

बिहार की राजनीति में रामविलास को पिछड़ों का बड़ा नेता माना जाता था जिसके चलते उनका एक विशेष दलित वोटबैंक भी है। रामविलास के जाने के पहले ही एलजेपी जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कर चुकी है, तो दूसरी ओऱ नीतीश की छवि को दलित विऱोधी और असंवेदनशील बताकर चिराग नीतीश को इन चुनावों में एक बड़ा झटका दे सकते हैं।  रामविलास के निधन के बाद नीतीश के लिए अब बेहद मुश्किल स्थिति ये हो सकती है कि एलजेपी तो नीतीश पर पूरे चुनाव के दौरान खुलकर हमला कर सकेगी, लेकिन नीतीश के लिए एलजेपी के रामविलास पासवान या चिराग पर हमला बोलना एक सेल्फ गोल की तरह साबित हो सकता है क्योंकि किसी भी भारतीय चुनाव में भावनात्मक मुद्दा हमेशा ही भारी होता है। इसलिए संभावनाएं हैं कि इस बार एलजेपी को बिहार चुनाव में रामविलास की मृत्यु के बाद एक बड़ा सहानुभूति वोट मिल सकता है औऱ ऐसे में यदि अब नीतीश एलजेपी के खिलाफ हमला बोलते रहेंगे तो जेडीयू के खिलाफ खड़े एलजेपी के उम्मीदवार इसे एक भावनात्मक रुख दे देंगे जिससे नुकसान केवल नीतीश का ही होगा।

एलजेपी रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके अपमान को नीतीश के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं और उन्हें राजनीति में एक भावनात्मक चोट भी देने में कामयाब हो सकते हैं, जिससे नीतीश का इन चुनाव में बुरा हाल होना तय हो गया है। वहीं, चिराग भविष्य की राजनीति के लिए जमीन तैयार कर सकते हैं ।

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