पिछले कई दशकों से चीन को लेकर सुनियोजित भ्रम बुना गया है कि उसे संभालना फ्री वर्ल्ड के बस की बात नहीं, जबकि वास्तविकता इसके ठीक उल्ट है। चीन को इस बात का बिलकुल आभास नहीं है कि लोकतान्त्रिक दुनिया कैसे चलती है, और अब भारत इसी नासमझी का फायदा उठाकर चीन के रातों की नींद हराम कर रहा है।
भारत अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों का फायदा उठाकर चीन को उसकी औकात बताने में जुट गया है। उदाहरण के लिए ताइवान के राष्ट्रीय दिवस को ही देख लीजिये। चीन ने भारतीय मीडिया को धमकी दी थी कि वह चीन के ‘वन चाइना पॉलिसी’ का उल्लंघन न करे, अन्यथा स्थिति बहुत बुरी होगी। परंतु जब भारत के Free प्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा तो चीन के पास अपना सा मुंह लेकर रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा। बीजिंग को इस समय समझ में ही नहीं आ रहा है कि भारत के मुखर स्वभाव का मुक़ाबला कैसे करे?
परंतु ऐसा भी क्या हुआ जिसके कारण बीजिंग की पूरी दुनिया में थू-थू हो रही है? दरअसल, ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर चीन ने भारतीय मीडिया को धमकाने का प्रयास किया, और अपनी वन चाइना नीति का अनुसरण करने का आदेश दिया। लेकिन ये दांव ठीक उल्टा पड़ा और इससे ताइवान को भारत से अपने संबंध बढ़ाने का भी सुअवसर प्राप्त हुआ।
परंतु बात यहीं पर नहीं रुकी। कल यानि ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर चीन का भयावह सपना सच होता दिखाई दिया। चाणक्यपुरी का दूतावास क्षेत्र हो, या फिर अन्य चीन के दूतावास हों, सभी जगह ताइवान के राष्ट्रीय दिवस की बधाइयाँ दिये जाने वाले पोस्टर्स लगे हुए थे। इनकी पहल भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रवक्ता तजिंदर पल सिंह बग्गा ने की।
Massive embarrassment for #China in #India. Posters not just outside Embassy of China in New Delhi but also across high security diplomatic area of Chanakyapuri wishing #Taiwan a Happy National Day. Longer video. Many have advocated Shantipath to be renamed as Dalai Lama Path. pic.twitter.com/JJ2IjBf4ZZ
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 9, 2020
#BREAKING: Posters wishing #Taiwan a happy National Day come up outside Embassy of #China in New Delhi, India. Posters put by India’s ruling party BJP leader @tajinderbagga. Chinese embassy had earlier threatened Indian media with a diktat to not cover National Day. @MOFA_Taiwan pic.twitter.com/VNpUl4rG1x
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 9, 2020
कई नागरिकों, राजनेताओं एवं भारतीय पत्रकारों ने ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर ताइवान को आधिकारिक तौर पर बधाइयाँ भी दी।
बीजिंग यही नहीं समझ पा रहा है कि मीडिया की लाइन सरकार से अलग कैसे हो सकती है, जिसका दर्द ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में भी उकेरा है।
लेकिन ये ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब चीन की भारत ने इस प्रकार से धुलाई की हो। जब चीन के दूतावास ने WION और TOI को चीन विरोधी कंटैंट न छापने का तुगलकी फरमान सुनाया था, तब भी भारत ने चीन की धमकियों को तनिक भी भाव नहीं दिया था।
चीन शायद ये नहीं जानता कि फ्री प्रेस किसी भी संगठन या सरकार से अपने कंटैंट छापने के लिए स्वीकृति नहीं लेता। भारत की मीडिया सिर्फ नाम के लिए नहीं है, और इसीलिए जहां एक ओर WION जैसे चैनल चीन की गुंडई का डटकर सामना कर रहे हैं, तो वहीं TFIPOST के माध्यम से हमने भी चीन की हेकड़ी के सामने घुटने नहीं टेके हैं। सच कहें तो भारत अब अपने लोकतान्त्रिक गुणों का उपयोग चीन की पोल खोलने और उसे उसकी वास्तविक औकात बताने के लिए शानदार तरीके से कर रहा है।