कैसे उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कानपुर को पीछे छोड़ आगे निकल गया Noida

बढ़िया है

नोएडा

उत्तर प्रदेश के नोएडा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों झड़ी लगा दी है। यहां निवेश का आंकड़ा और विकास कार्य नई उड़ान छूने को तैयार हैं। हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि नोएडा उत्तर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक हब बनेगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में यूपी के दूसरे नंबर पर आने को लेकर योगी ने कहा कि ये तीन सालों की तपस्या का परिणाम है। ये बेहद ही सकारात्मक बात है कि एक समय यूपी में कानपुर को व्यापार के हिसाब से सबसे ज्यादा महत्व मिलता था, लेकिन नोएडा ने उसे भी पीछे छोड़ दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि राज्य सरकार लगातार उद्योग की दृष्टि से नोएडा को विकसित करने पर काम कर रही है। योगी उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने पर काम कर रहे हैं जिससे पीएम मोदी के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाले सपनों को ऊंची उड़ान दी जा सके। इसमें कोई शक भी नहीं है कि नोएडा में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार ने युद्धस्तर पर काम किया है जिसके परिणाम अब साफ दिख रहे हैं।

सीएम योगी ने हाल ही में राज्य में विश्वस्तरीय फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की थी जिसके बाद ग्रेटर नोएडा में एक हजार एकड़ में इस फिल्म सिटी को बनाना सुनिश्चित किया गया है। इससे आने वाले दिनों में राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही योगी सरकार ने फूड प्रोसेसिंग से लेकर डेयरी, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक और आइटी सभी क्षेत्रों के उद्योग को आगे बढ़ाने का काम किया है। साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है। राज्य में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लेकर जेवर एयरपोर्ट का बनना, और दादरी में सबसे बड़ी लॉजिस्टिक यूनिट का प्रस्ताव बताता कि असल में उन्होंने विकास के लिए पहले आधारभूत ढांचे को मजबूत किया है।

गौरतलब है कि, 2018 में इन्वेस्टर समिट के दौरान करीब 4 लाख करोड़ के एमओयू साइन किए गए थे जिनमें से 2 लाख करोड़ का कारोबारी करार तो जमीन पर दिखने भी लगा हैं। योगी सरकार के कार्यों का ही नतीजा है कि यहां व्यापार की शुरुआत करने में व्यापारियों को अधिक सहूलियत मिलती है। अलग-अलग विंडो सिस्टम को खत्म करके व्यापारिक प्रक्रियाओं को 98 प्रतिशत तक अधिक आसान बनाया गया है।

नोएडा में लगातार कंपनियों के प्लांट लगाना उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के लिए विकास की दृष्टि से एक अच्छी खबर है। सैंमसंग ने यहां अब तक का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रखा है। इसके आलावा 10 मोबाइल निर्माता और 16 इलेक्ट्रॉनिक से जुड़ी कंपनियां वहां निवेश के लिए सरकार से चर्चा कर रहीं हैं। ये ऐसी स्थिति है जब नोएडा में अपना बिजनेस स्थापित करने के लिए वैश्विक स्तर की एप्पल, क्वालकॉम और सैमसंग जैसी कंपनियां कतार में खड़ी हैं। इन कंपनियों ने अगले 5 सालों के लिए 10 लाख करोड़ की चीजों के प्रोडक्शन की बात कही है, जिसका लगभग 6 लाख करोड़ रुपए का बड़ा हिस्सा भारत के खाते में आएगा और इसके जरिए आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को बढ़ावा मिलेगा।

हाल में उत्तर प्रदेश सरकार को कनाडा, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका जर्मनी जैसे देशों से निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। ये सभी अपना कारोबार चीन से समेट कर यूपी में लाना चाहते हैं। संभावनाएं हैं कि ये भी नोएडा के ही एक हिस्से में होंगे। चीन की कमर तोड़ने में जितना योगदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है उतना ही सीएम योगी आदित्यनाथ का भी है। इसी का नतीजा है कि चीन से व्यापार समेट ये कंपनियां भारत के किसी अन्य राज्य में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में आ रही हैं।

हम अपनी रिपोर्ट में बता चुके हैं कि किस तरह से आइटी और मेन्युफेक्चरिंग से जुड़ी हजारों कंपनियों ने चीन से अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर भारत आने का मन बना लिया है। इसमें सबसे आगे Samsung है। भारत में चीन विरोधी बयार चल रही है। ऐसे में सैमसंग खुद को भारतीय बाजार में चीन से अलग दिखाना चाहता है। इसलिए वो भारत में अपना व्यापार फैलाने की योजना बना रहा है। लगातार बड़ी-बड़ी कंपनियां सीएम योगी की व्यापारिक नीतियों से संतुष्ट हैं इसलिए यूपी और खासकर नोएडा में उनका निवेश बढ़ रहा है।

एक समय था जब यूपी में कानपुर को आर्थिक राजधानी कहा जाता था, लेकिन आज स्थितियां बदल चुकी हैं। कानपुर में सभी तरह के टेक्सटाइल उद्योग पर ताला लग गया है, चमड़े के क्षेत्र में भी कानपुर कुछ खास कमाल नहीं कर पा रहा है। कम्युनिस्ट और मजदूर संघ की आड़ में इन कंपनियों को बौद कर दिया गया और आज कानपुर जहां लोग काम करने आते थे, वहां से लोगों को काम की तलाश में अपना शहर छोड़ना पड़ रहा है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी को तो देश के अग्रणी राज्यों की सूची में खड़ा किया ही है साथ ही नोएडा को आर्थिक रूप से सशक्त और मजबूत करके रोजगार की अनेक संभावनाओं को जन्म दिया जिसके चलते अब नोएडा पुरानी आर्थिक राजधानी कानपुर से कहीं ज्यादा आगे निकल चुका है।

Exit mobile version