भारत की Energy और वैक्सीन डिप्लोमेसी: म्यांमार समेत अन्य पड़ोसी देशों को चीन के चंगुल से छुड़ाने का मास्टर प्लान

भारत ने इन्हें चीन के कर्ज जाल से बचा लिया

म्यांमार

भारत के पड़ोस में बढ़ते चीनी प्रभुत्व को काबू में करने के लिए अब भारत ने नया तरीका निकाल लिया है। कोरोना दौर में भारत ना सिर्फ अपनी वैक्सीन डिप्लोमेसी को तेजी से आगे बढ़ा रहा है, बल्कि एनर्जी सेक्टर में भी वह चीन के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहा है। ऐसे में भारत मालदीव, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और अफ़ग़ानिस्तान जैसे देशों को चीन की मुट्ठी में जाने से रोक रहा है और इन देशों पर अपनी पकड़ को भी मजबूत कर रहा है।

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला यह पहले ही साफ कर चुके हैं कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री कोरोना वैक्सीन बनाने में सबसे आगे रहेंगी और ऐसे में भारत के पड़ोसियों को ही कोरोना वैक्सीन सबसे पहले मुहैया कराई जाएगी। श्रृंगला ने यह भी साफ़ किया है कि भारत के उसके पड़ोसियों के साथ संबंध अच्छे हैं, और भारत की “Neighborhood policy” के तहत भारत अपनी विदेश नीति में अपने पड़ोसियों को ही प्राथमिकता देता है।

सिर्फ कोरोना वैक्सीन ही नहीं, बल्कि भारत एनर्जी की ज़रूरत को महसूस करते हुए दूसरे देशों के एनर्जी सेक्टर में भी निवेश कर रहा है। चीनी वायरस से प्रभावित देशों के एनर्जी सेक्टर में निवेश कर भारत ना सिर्फ उनकी एनर्जी जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि उन देशों पर अपनी पकड़ भी मजबूत कर रहा है। भारत के विदेश सचिव और भारतीय सेना के अध्यक्ष द्वारा हालिया म्यांमार के दौरे के दौरान भारत ने इन दोनों ही क्षेत्रों में म्यांमार का पूरा सहयोग करने की बात कही। भारत के विदेश सचिव ने म्यांमार को यह यकीन दिलाया कि भारत सबसे पहले म्यांमार को अपनी वैक्सीन मुहैया कराएगा, इसके साथ ही भारत म्यांमार में एक ऑयल रिफाइनरी भी स्थापित करेगा जिसपर भारत कुल 6 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा।

म्यांमार के एनर्जी सेक्टर में भारत का निवेश इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि अभी देश के करीब 70 फीसदी हिस्से पर चीन का कब्जा है। ऐसे में नई दिल्ली अब म्यांमार को चीनी पंजे से बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। यह ना सिर्फ इस देश पर भारत के प्रभुत्व को बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा, बल्कि म्यांमार भी चीन पर अपनी ज़रूरत से ज़्यादा निर्भरता को खत्म कर पाएगा।

भारत अब पड़ोसियों को अपने पाले में करने के लिए कोरोना और एनर्जी डिप्लोमेसी को हथियार बना रहा है। भारत का विशाल फार्मा सेक्टर भारत की कोरोना डिप्लोमेसी सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में मदद करने वाला है। HT की रिपोर्ट के मुताबिक भारत बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और SAARC के अन्य “मित्र देशों” को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा सकता है। भारत अब भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और म्यांमार को जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन देने का वादा कर चुका है।

हालिया महीनों में भारत और नेपाल के रिश्ते बेशक इतने मजबूत ना रहे हों, लेकिन भारत नेपाल के एनर्जी सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश करता आ रहा है। काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल में भारत कई पेट्रोलियम प्रोजेट्स लॉंन्च कर सकता है। नेपाल में भारत 3 पेट्रोलियम, 1 गैस पाइपलाइन और कई तेल भंडार विकसित कर सकता है। श्रीलंका में भी भारत एक सोलर पार्क विकसित करने की बात कर चुका है।  भारत की सबसे बड़ी power कंपनी NTPC श्रीलंका में अपने इस प्रोजेक्ट को बना सकती है। यह प्रोजेक्ट International Solar Alliance के तहत बनाया जाएगा।

वहीं मालदीव में भी भारत ऐसे ही green energy में बड़े पैमाने पर निवेश करने की बात कह चुका है। कोरोना के बाद दक्षिण एशिया में भारत के पास बीजिंग को दरकिनार करने का बढ़िया मौका है, और भारत आसानी से अपनी वैक्सीन डिप्लोमेसी को हथियार बनाकर चीन के किए-कराये पर पानी फेर सकता है।

Exit mobile version