पाकिस्तान के शांति वार्ता के खोखले दावों पर भारत ने दिया शानदार जवाब

पाकिस्तान की फिर हुई घनघोर बेइज्जती

पाकिस्तान

सफ़ेद झूठ बोलने में पाकिस्तान का कोई मुक़ाबला नहीं है। जीवन चाहे जिस दिशा में जाये, देश की हालत चाहे जैसी हो, लेकिन पाकिस्तानी प्रशासन का रवैया तो ऐसा है मानो देश, दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा हो। इसी गलतफहमी में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने हाल ही में दावा किया कि भारत ने शांति वार्ता की पेशकश की थी, परंतु भारत ने एक बार फिर इनकी पोल खोलते हुए इसे कोरी बकवास बताया।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सुरक्षा सलाहकार मोईद युसुफ ने दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान से शांति वार्ता के लिए बातचीत की इच्छा जताई है। यह बातें उन्होनें द वायर के पत्रकार करण थापर के साथ साझा की। उन्होनें ये भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, वो भारत का आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि यूएन के लिए भी गंभीर विषय है।

मोईद युसुफ, ये नाम कुछ जाना पहचाना सा नहीं लगता? यदि पाठकों को याद न हो, तो यह वही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार  है, जिन्होनें पाकिस्तान के विवादित मानचित्र में कश्मीर और जूनागढ़ को पाकिस्तान का हिस्सा बता SCO की मीटिंग में दिखाया था, और जिसके कारण भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को उक्त कॉन्फ्रेंस बीच में ही छोड़कर जानी पड़ी थी। इसके कारण न केवल पाकिस्तान की किरकिरी हुई थी, बल्कि रूस भी पाकिस्तान के इस हरकत से बहुत नाराज़ हुआ था।

ऐसे में मोईद युसुफ द्वारा यह दावा करना कि भारत शांति वार्ता करना चाहता है, किसी सफ़ेद झूठ से कम नहीं हो सकता, और ऐसा ही हुआ। एक सरकारी अफसर ने हिंदुस्तान टाइम्स से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह कोरी बकवास है, और ऐसा कभी भारत ने कहा ही नहीं। उचित समय पर विदेश मंत्रालय से आधिकारिक जवाब भी जारी किया जाएगा।

हालांकि, पाकिस्तान के सफ़ेद झूठ यहीं पर नहीं रुके। मोईद युसुफ ने यहाँ तक दावा किया कि भारत पाकिस्तान के विरुद्ध आतंकवाद को बढ़ावा देता है, और वह तालिबान को पाकिस्तान के विरुद्ध भड़काता भी है। भारत पर आर्मी पब्लिक स्कूल में 2014 में हुए हमले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए मोईद युसुफ ने कहा, “हमारे पास पुख्ता सबूत है, जो ये साबित करेंगे कि कैसे 2014 में हुए आत्मघाती हमले में हिंदुस्तान भी शामिल था। जलालाबाद से हमले की निगरानी करने वाला मलिक फरीदून भारतीय दूतावास में बैठे अपने हैंडलर्स के साथ निरंतर संपर्क में बना हुआ था। इसी शख्स का इलाज नई दिल्ली में 2017 में हुआ था।” पाकिस्तान ने 8 फोन काल्स के रिकॉर्ड निकाले हैं, जो ये साबित करेंगे कि कैसे हिंदुस्तानी हैंडलर ने इस पूरे हमले को अंजाम दिया था”।

एक होते हैं झूठ बोलने वाले, फिर आते हैं लंबी-लंबी फेंकने वाले, और फिर आते हैं मोईद युसुफ। ऐसे सफ़ेद झूठों के कारण ही अब पाकिस्तान पर उसके नए आका चीन को भी ज़्यादा भरोसा नहीं है। मज़े की बात तो यह भी है कि पाकिस्तान के इन खोखले दावों को खाली तुर्की में ही कवरेज मिली है, जो ये स्पष्ट ज़ाहिर करता है कि इस समय कौन वाकई में पाकिस्तान के साथ है।

ऐसे समय में शांति वार्ता का झूठा दावा कर पाकिस्तान कैसे भी करके अपनी छवि सुधारने की कोशिश करना चाहता था, लेकिन भारत ने एक झटके में ही उसके सारे किए कराये पर पानी फ़ेर दिया। पाकिस्तान पर इस समय एक ही कहावत लागू होती है, “खाया पिया कुछ नहीं, गिलास फोड़ा बारह आना!”।

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