इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ एक्शन लेने के बाद फ्रांस कट्टरपंथियों और उनके समर्थकों के निशाने पर आ गया है। कल फ्रांस में फिर से एक आतंकी हमला हुआ जिसमे तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई । इस हमले के कुछ ही घंटों बाद, मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कई सारे ट्वीट शार्ली हेब्दो कैरिकेचर के लिए इस्लामिस्टों द्वारा किए जा रहे हिंसक प्रतिक्रिया को दृढ़ता से उचित ठहराया। मोहम्मद ने न सिर्फ फ्रांस में किये गए हमलों को सही ठहराया है बल्कि यह तक कह डाला है कि क्रोधित मुस्लिमों को फ्रांस के लाखों लोगों को मारने का अधिकार है।
कई सारे ट्वीट के शुरुआत में महातिर ने लिखा है कि ”फ्रांस में 18 साल के चेचन्याई मूल के लड़के ने एक टीचर की गला काट कर हत्या कर दी । हमलावर इस बात से गुस्सा था कि टीचर ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था। टीचर अभिव्यक्ति की आजादी दिखाना चाहता था। एक मुस्लिम के तौर पर मैं हत्या का समर्थन नहीं करूंगा लेकिन जहां मैं अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करता हूं, मुझे नहीं लगता कि उसमें लोगों का अपमान करना शामिल होता है। हालांकि, धर्म से परे, गुस्साए लोग हत्या करते हैं। फ्रांस ने अपने इतिहास में लाखों लोगों की हत्या की है जिनमें से कई मुस्लिम थे। मुस्लिमों को गुस्सा होने और इतिहास में किए गए नरसंहारों के लिए फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का हक है।”
RESPECT OTHERS
1. A teacher in France had his throat slit by an 18-year-old Chechen boy. The killer was angered by the teacher showing a caricature of Prophet Muhammad. The teacher intended to demonstrate freedom of expression.
— Dr Mahathir Mohamad (@chedetofficial) October 29, 2020
2. The killing is not an act that as a Muslim I would approve. But while I believe in the freedom of expression, I do not think it includes insulting other people. You cannot go up to a man and curse him simply because you believe in freedom of speech.
— Dr Mahathir Mohamad (@chedetofficial) October 29, 2020
आखिर यह उकसावा नहीं है तो और क्या है? महातिर ने खुलेआम हिंसा और फ्रांस के लोगों पर हमला करने के लिए कट्टरवादियों और मुस्लिमों को उकसाने का काम किया है। महातिर के इस बयान से किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। वे पहले से ही कट्टरवाद का समर्थन करते आए हैं। तभी उन्होंने एक बार फिर से अपने साथी एर्दोगन और इमरान खान का समर्थन करते हुए फ्रांस पर हमला किया है।
बता दे कि महातिर ने मलेशिया के प्रधानमंत्री पद पर वर्ष 1981-2003 और फिर वर्ष 2018–20 रहे हैं। बड़बोले महतीर आज लगभग 95 वर्ष के हो चुके हैं, और ऐसा लगता है कि उनकी उम्र का असर अब उनके दिमाग पर भी हो रहा है। उनके इसी बड़बोले आदतों के कारण उन्हें और उनके समर्थकों को कुछ समय पूर्व उनकी पार्टी से निकाल दिया गया था।
महातिर मोहम्मद का इस तरह अपने इस्लामिक उम्माह के लिए आगे आना कोई नई बात नहीं थी। मलेशिया को कट्टरवाद की तरफ धकेलने में महातिर मोहम्मद और उनकी पार्टी United Malays National Organization का बहुत बड़ा हाथ रहा है।
उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल को देखा जाए तो वे एर्दोगन द्वारा एक बार फिर से इस्लामिक कट्टरवाद का शासन लाने के सबसे बड़े समर्थक के तौर पर दिखाई दिये थे। चाहे वो भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देना हो या भारत में लागू हुए CAA पर विरोधी भाषण देना हो। जब भारत ने अनुच्छेद 370 हटाया था तब, उन्होंने यूएन में पाकिस्तान का साथ देते हुए कश्मीर का मुद्दा उठाया दिया था, यही काम तुर्की के एर्दोगन ने भी किया था। हालांकि, उन्हें उसी कीमत भी चुकानी पड़ी और भारत ने तब मलेशिया के खिलाफ सख्त एक्शन लिया था।
महातिर आज वैश्विक राजनीति में किसी नेता के इस तरह से कट्टर हो जाने में नए मापदंड स्थापित कर रह हैं। ऐसे में अगर वे फ्रांस के खिलाफ कट्टरवादियों को एक होने के लिए उकसा रहे हैं तो इसमें कोई नई बात नहीं है लेकिन यह चिंता का विषय अवश्य है।