लगता है पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा का चुनावी अभियान आधिकारिक तौर पर शुरू होने से पहले ही रंग लाने लगा है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भाजयुमो अध्यक्ष एवं सांसद तेजस्वी सूर्य के नेतृत्व में बंगाल सचिवालय अथवा नवान्न के घेराव के अभियान मात्र से ही ममता बनर्जी इतना घबरा गई कि उन्होंने अपने चाटुकारों और पश्चिम बंगाल की पुलिस को बर्बरता से इन विरोध प्रदर्शनों से निपटने की छूट दी, जिससे एक बार फिर ये बात सिद्ध हो गई कि सत्ता में बने रहने के लिए ममता किस हद तक जा सकती हैं।
हाल ही में पश्चिम बंगाल चुनाव के समीकरणों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी प्रचार को युद्धस्तर पर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। दुर्गा पूजा के समय अमित शाह बंगाल आकर चुनाव प्रचार करने वाले हैं, जिसकी तैयारियों का जायज़ा लेने और पिछले कई दिनों से पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए भाजपा संसद तेजस्वी सूर्या पंहुचे थे।
इसी अभियान के अंतर्गत भाजपा कार्यकर्ताओं ने नवान्न चलो अभियान का आरंभ किया, जिसके अंतर्गत तेजस्वी सूर्या सहित बंगाल के लगभग सभी भाजपा सांसद पंहुचे थे, लेकिन ममता बनर्जी इस अभियान के शुरू होने से पहले ही इतना घबरा गईं कि जिस दिन तेजस्वी सूर्या कोलकाता आए, उसी दिन से ममता ने नवान्न में दो दिन की छुट्टी की घोषणा कर दी, और पूरे शहर को किले में परिवर्तित कर दिया।
इसके बावजूद तेजस्वी या अन्य भाजपा सांसदों के हौसले पस्त नहीं हुए। जैसे ही भाजपा कार्यकर्ता एवं नेताओं की टोली अपने अभियान को आगे बढ़ी, उनका स्वागत देसी बॉम्ब, लाठीचार्ज, और आँसू गैस के गोलों से किया गया। इन तस्वीरों से आप भली भांति समझ सकते हैं कि ममता प्रशासन भारतीय जनता पार्टी से कितना तमतमाई हुई हैं, जबकि उन्होंने आधिकारिक तौर पर अपना चुनाव प्रचार शुरू भी नहीं किया है।
This is what fascism looks like!
Country bombs hurled at our rally by TMC goons from rooftops.
Tear gas and water canons launched against a peaceful march.
The tyrant’s time is coming to an end.#NabannoCholo pic.twitter.com/HngQL7q4K8
— Tejasvi Surya (ಮೋದಿಯ ಪರಿವಾರ) (@Tejasvi_Surya) October 8, 2020
दरअसल, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी का हाल इस समय कुछ ऐसा है कि आगे कुआँ तो पीछे खाई है। एक ओर हाथरस मामले पर पार्टी नेताओं की गिद्ध राजनीति ने पहले ही ममता बनर्जी की काफी किरकिरी कराई है, ऊपर से भाजपा नेताओं द्वारा कोलकाता में निकाले गए शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर टीएमसी पार्टी के ही नेताओं द्वारा देसी बम, आँसू गैस के गोले और यहाँ तक कि रसायन युक्त गोले भी दागे गए हैं। इससे एक बात तो स्पष्ट पता चलती है कि ममता बनर्जी के कुशासन का अंत निश्चित है, जिसकी संभावना मात्र से ही ममता और उसकी पार्टी बहुत बुरी तरह घबराई हुई है।
हालांकि, ये कोई अनोखी बात नहीं है, और न ही ये पहली बार पश्चिम बंगाल में हुआ है। जब लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह पश्चिम बंगाल गए थे, तब भी तृणमूल कांग्रेस द्वारा नियुक्त किए गए गुंडों ने भाजपा नेताओं का ऐसे ही स्वागत किया था। हद तो तब हो गई, जब अमित शाह की यात्रा के दौरान एक कॉलेज में तोड़फोड़ की गई, और इसके लिए भी ममता बनर्जी ने अमित शाह और उनके कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराने का प्रयास किया। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के ‘नवान्न चलो अभियान’ ने बिना अधिक उग्र हुए ही ममता प्रशासन की नींव हिला दी है।