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राष्ट्रपति ट्रम्प 2.0, कोरोना की वैक्सीन, तुर्की NATO से बाहर और हारा-थका चीन, 2021 कुछ ऐसा होगा

2021 तूफानी बदलावों को साथ आएगा

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
3 October 2020
in मत, विश्व
2021
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कोरोना विश्व की ऐसी घटनाओं में गिना जाएगा जिससे विश्व में एक नए ऑर्डर की शुरुआत हुई। जब किसी घटना का विवरण लिखा जाएगा तो उसे कोरोना के पहले या कोरोना के बाद कह कर वर्णित किया जाएगा। परंतु इस कोरोना के बाद का विश्व कैसा होगा? आज TFI हाल की वैश्विक जियो पॉलिटिकल स्थिति देखते हुए कुछ अनुमान लगाने जा रहा है और यह बताने जा रहा है कि कोरोना के बाद का वर्ष 2021 में किस प्रकार के बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

Time for some #tfiglobal predictions. How the world will look at the start of 2021?

Follow the thread. 11 tweets to go.

— tfiglobal (@tfiglobal) October 2, 2020

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  1. पहले कोरोना से शुरुआत करते हैं। वर्ष 2021 तक कोरोना की वैक्सीन आने की पूरी संभावना है जिससे न सिर्फ विश्व में कोरोना का निवारण होगा बल्कि वैक्सीन के लिए प्रमुख देशों में एक रेस शुरू हो जाएगी अगर वैक्सीन किसी कारणवश नहीं भी आता है तो इस महामारी का डर बेहद ​​कम हो जाएगा। परंतु इस महामारी का भावनात्मक निशान सर्वदा के लिए जीवन में छप जाएगा। लोगों के जीवन में मास्क कल्चर एक महत्वपूर्ण अंग बन जाएगा। वहीं अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बाजार खुल जाएंगे पर कोरोना के कारण आई आर्थिक संकट को सामान्य और फिर उससे बेहतर होने में होने में समय लगेगा।
  2. वर्ष 2021 में सबसे बड़ी खबर में डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बन कर व्हाइट हाउस आ सकते हैं, वह भी एक बड़े बहुमत के साथ। डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने से उनके विरोधियों की कमर टुटनी तय है जैसे पीएम मोदी के दोबारा चुनाव जीतने के बाद लेफ्ट ब्रिगेड का हुआ था। ट्रम्प के दोबारा चुनाव जीतने का प्रभाव जियो पॉलिटिक्स पर अत्यधिक पड़ने वाला है।
  3. वर्ष 2021 में ट्रम्प के चुनाव जीतने के बाद अमेरिका चीन के खिलाफ बनाए गए दबाव को और बढ़ाएगा। सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत, फ्रांस, जापान ऑस्ट्रेलिया और देश मिल कर चीन को सबक सिखाने के लिए दबाव को और तीव्र करेंगे। चीन का आर्थिक बहिष्कार और व्यापक होगा तथा अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में भी चीन का आर्थिक बहिष्कार देखने को मिल सकता है जिसके परिणामस्वरूप चीन की अर्थव्यवस्था अस्थिर होनी तय है। अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में चीन के ऋण जाल की पोल खुलती जा रही है और वह दिन दूर नहीं जब दक्षिण एशियाई देशों की तरह वे चीन का बहिष्कार शुरू कर देंगे।
  4. ट्रम्प की वापसी के बाद उत्तर कोरिया अमेरिका के करीब आ जाएगा क्योंकि उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। ट्रम्प के दोबारा चुनाव जीतने, चीन के ऊपर वैश्विक दबाव तथा गिरती अर्थव्यवस्था के कारण उत्तर कोरिया को बचाने के लिए किम जोंग उन के पास अमेरिका के शरण में जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
  5. COVID-19 वैक्सीन बनाने की दौड़ रूस, चीन, अमेरिका, भारत, ब्रिटेन और कई अन्य देशों में जारी है, जो 2021 में अपने वैक्सीन को दुनिया के बाकी हिस्सों तक पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे होंगे। COVID-वैक्सीन का मतलब अब जबरदस्त सॉफ्ट पावर होगा। यानि इसके आने के बाद सभी देश विश्व के सभी छोटे बड़े देशों पर अपने सॉफ्ट पावर से प्रभाव जमाने की कोशिश करेंगे।
  6. अब बात करते हैं तुर्की की। इस देश की आक्रामकता और पिछले कुछ समय में युद्ध उकसाने वाली हरकतों को देखते हुए यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि वर्ष 2021 तुर्की के लिए बेहद बुरा होने वाला है। अभी भी तो वह NATO का एक हिस्सा है लेकिन वर्ष 2021 आते आते अगर वह इसी तरह विश्व शांति के लिए खतरा बना रहा तो अमेरिका और फ्रांस उसे NATO से निकालने का भी प्रबंध कर सकते हैं। अगर उसे NATO ने नहीं निकाला जाता है तो अमेरिका और फ्रांस द्वारा प्रतिबंधों की लंबी लिस्ट के लिए उसे तैयार रहना होगा। अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो तुर्की को ऐसी पटखनी मिलेगी की आने वाले कई वर्षों तक वह युद्ध का नाम नहीं लेगा।
  7. युद्ध में परास्त होने के बाद तुर्की और उसके साथी देश जैसे अज़रबैजान शांत हो जाएंगे। आज युद्ध करने के बाद देश को चलाने की अर्थव्यवस्था न तुर्की के पास है और न ही अज़रबैजान के पास, ऐसे में विश्व को ही मदद के लिए आगे आना पड़ सकता है। इस युद्ध के बाद मिडिल ईस्ट लगभग शांत हो जाएगा। एक तरफ अरब देशों का इजरायल के साथ संबंध और घनिष्ठ होगा तो वहीं वेस्ट बैंक को इजरायल अपने नियंत्रण में ले सकता है। अब अरब देश वेस्ट बैंक ऑफ फिलिस्तीन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सऊदी अरब में सत्ता परिवर्तन यानि प्रिंस MBS के सुल्तान बनने की भी उम्मीद है जिसके बाद फिलिस्तीन को मदद करने वाला कोई नहीं बचेगा। इस कारण इजरायल का वेस्ट बैंक को अपने कब्जे में लेने के बावजूद इस्लामिक देश इजरायल से अपने व्यापार संबंध बढ़ाने पर ज़ोर देंगे।
  8. ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने पर ईरान को भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ईरान ने चीन के साथ 25 वर्षीय समझौता किया है जिससे वह अगले वर्ष तक चीन के क्लाइंट बनने की ओर अग्रसर हो जाएगा जिससे अमेरिका और भी बौखला जाएगा। ईरान पर लागू अमेरिकी प्रतिबंधों में न सिर्फ इजाफा देखने को मिल सकता है बल्कि वह अन्य देशों को भी ईरान पर प्रतिबंध के लिए उकसा सकता है।
  9. वर्ष 2021 की शुरुआत में या इस वर्ष के अंत तक भारत और चीन के बीच छोटा सा शीतकालीन युद्ध भी देखने को मिल सकता है। इस युद्ध में चीन को न सिर्फ हार मिलेगी बल्कि उसे भारत के वास्तविक ताकत का पता चलेगा। इस युद्ध में चीन भारत से वर्ष 1962 के युद्ध में कब्जा किए गए क्षेत्रों को भी गंवा सकता है जिसके बाद भारत लद्दाख के अक्साई चिन पर अपना कब्जा जमा सकता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत अपने क्षेत्र को लेने के लिए बेताब है। पिछले कुछ दिनों पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट किया था कि चीन भारत के 38 हजार स्कायर किलोमीटर पर कब्जा कर बैठा है।
  10. कोरोना के बाद की दुनिया में चीन-जापान और चीन-रूस सीमा पर तनाव देखने को मिल सकता है क्योंकि दोनों देश चीन के साथ सटी अपनी सीमा पर आक्रामक हो जाएंगे और चीन के किसी भी दावे का पलट कर जवाब देंगे। सेनकाकू द्वीप पर जापान का नियंत्रण भी हो सकता है तथा दक्षिण चीन सागर में ASEAN का प्रभाव और ताकत बढ़ जाएगा। यही नहीं, ताइवान भी चीन के खिलाफ अपने मोर्चे को और प्रखर कर सकता है जिससे उसे चीन से स्वतन्त्रता मिले। यह चीन के लिए दोहरा झटका होगा जिससे वह उबर नहीं पाएगा। हाँग-काँग में भी लोकतन्त्र का आंदोलन तेज़ हो जाएगा और CCP की पकड़ ढीली पड़ने की भी उम्मीद की जा सकती है।
  11. अगर भारत की बात करे तो भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2021 में स्थिर हो जाएगी और जीडीपी विकास दर में 20% से अधिक की गिरावट के बाद बड़े पैमाने पर बढ़त दर्ज देखने को मिल सकती है जिसके संकेत सामने आने शुरू भी हो चुके हैं जब PMI यानि Purchasing Managers Index और GST कलेक्शन में वृद्धि देखने को मिली है, वहीं प्राप्त होने वाले रेलवे भाड़े में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके साथ ही राजनीति में पीएम मोदी का कद और बढ्ने की उम्मीद है। BJP के नेतृत्व वाले भारतीय राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने की भी उम्मीद की जा सकती है।

हालांकि और कई बदलाव हैं जो वर्ष 2021 में देखने को मिल सकते हैं लेकिन यह वैश्विक स्तर पर प्रमुख घटनाएँ हैं जिनके घटित होने का पूरा अनुमान है। आज जैसे माहौल बन रहा है और चीन अब अपने ही खेल में मात खा रहा है उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना के बाद  विश्व में सबसे बड़ा लुजर चीन और उसके बाद तुर्की होगा। हालांकि, सच्चाई तो भविष्य के गर्भ में छुपा है, पर यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर विश्व में बदलाव इसी तरीके से देखने को मिलेंगे या कुछ और भी देखने को मिल सकता है।

 

Tags: TRUMPचीनतुर्की
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